योगी आदित्यनाथ जीवन परिचय : योगी आदित्यनाथ का इतिहास
योगी आदित्यनाथ जी उत्तर प्रदेश के 21 वें युवा प्रधानमंत्री है, आज योगी आदित्यनाथ के जीवन परिचय के बारे में जानेंगे। युवा से एक योगी बनने तक कि कहानी जानेंगे, इनका बचपन कैसा था? इनका बचपन किन हालातों में गुजरा इन्होंने अपना नाम क्यों बदला। योगी जी आखिर योगी कैसे बने? इन्होंने सन्यासी बनने का इतना बड़ा फैसला अकेला कैसे और क्यों लिया। इसके पीछे कि वजह क्या हो सकती है? जब आप जानेंगे तो हैरान हो जाएंगे। तो आज बचपन से लेकर सन्यासी और सन्यासी से लेकर एक मुख्यमंत्री बनने तक का सफर के बारे में जानेंगे। योगी आदित्यनाथ जी बहुत ही सामान्य जीवन व्यतीत करते हैं, बचपन से ही पढ़ने का बहुत शौक था। आप इसी से पता लगा सकते है कि आज भी इनके घर में पुरानी किताबे रखी हुई है।
और किताबों को बहुत ही अच्छे ढंग से सजा के रखा और घर को एक लाइब्रेरी बना दिया। 2008 में इनके साथ एक बहुत ही बड़ी घटना घटी उस दिन इनकी जान भी जा सकती थी। लेकिन इन्होंने अपने आप को किसी तरह बड़ी होशियारी से बचाया। इनके करीबी बताते है कि योगी जी को कभी गुस्सा आता ही नहीं। इनके पिताजी जब कहते थे कि बेटा अच्छे से पढ़ लो तो अजय सिंह बिष्ट यानि योगी जी कहते थे कि मुझे आपकी तरह 4 दीवारों में कैद हो कर नहीं रहना है। मुझे बाहर जाकर समाज सेवा करना है, शुरू से ही इनको पॉलीटिक्स में रुचि थी, और लोगों कि सेवा करना चाहते थे। योगी जी मात्र 22 साल की उम्र में सांसारिक जीवन को त्यागकर सन्यासी बन गए और आश्रम चले गए।
Yogi Adityanath real name
Ajay Singh Bisht
Yogi Adityanath birthday
5 जून सन्न 1972
Yogi Adityanath birthplace
तहसील यमकेश्वर गाँव पंचूर पौरी गढ़वाल यूपी
Yogi Adityanath Father’s Name
आनंद सिंह बिष्ट
Yogi Adityanath Father Occupation
फॉरेस्ट रेंजर
Yogi Adityanath Mother’s Name
सावित्री देवी ( श्रेया बहुड़ा)
Yogi Adityanath Brothers
4 भाई ( मानेंद्र सिंह, शैलेन्द्र मोहन, महेंद्र सिंह)
Yogi Adityanath Sisters
3 बहन ( पुष्पा देवी, कौशल्या देवी, शशि देवी)
Yogi Adityanath Education
बचलोर कि डिग्री (मैथमैटिक्स)
Yogi Adityanath Collage & University
भरत मन्दिर इण्टर कॉलेज, हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी
योगी आदित्यनाथ जी का जन्म 5 जून 1972 को यमकेश्वर तहसील गाँव पंचूर जिला पौरी गढ़वालउत्तराखंड में एक क्षत्रिय परिवार में हुआ। जो विभाजन एक बाद उत्तर प्रदेश में आ गया था, आपको जानकर हैरानी होगी कि योगी आदित्यनाथ जी का असली नाम अजय सिंह बिष्ट है। योगी जी के पिताजी का नाम आनंद सिंह बिष्ट है जो एक फॉरेस्ट रेंजर थे। और साथ में गोरखनाथ मंदिर के महंत भी थे। फॉरेस्ट रेंजर से रिटाइर होने के बाद ट्रांसपोर्ट संचालन का काम करने लगे थे। इनकी माता जी का नाम सावित्री देवी है, योगी आदित्यनाथ जी के 4 भाई और 3 बहने हैं। योगी जी का एक बड़ा भाई और दो छोटे भाई और तीन बड़ी बहने है। बड़े भाई जी का नाम मानेंद्र सिंह बिष्ट है उसके बाद योगी जी है। उसके बाद शैलेन्द्र मोहन सिंह बिष्ट है, उसके बाद महेंद्र सिंह बिष्ट है।
योगी जी कि एक बहन का नाम पुष्पा देवी है और दूसरी का नाम कौशल्या देवी है और तीसरी का नाम शशि देवी है। योगी जी के पिताजी आनंद सिंह बिष्ट कि तबीयत खराब होने पर 20 अप्रैल 2020 में दिल्ली AIIMS में भर्ती किया गया। कुछ दिन इलाज के बाद तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ। और 89 साल कि उम्र में योगी जी के पिता आनंद सिंह बिष्ट जी कि मृत्यु हो गई। योगी की शुरुआती पढ़ाई लिखाई पौड़ी उत्तराखंड के प्राथमिक विद्यालय से ही हुई। योगी जी ने सन्न 1977 में टिहरी के गजा के स्थानीय स्कूल से प्रारंभिक और प्राथमिक शिक्षा कि पढ़ाई शुरू की। योगी आदित्यनाथ ने सन्न 1987 में दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। सन् 1989 में ऋषिकेश के श्री भरत मंदिर इण्टर कॉलेज से योगी जी ने इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की।
सन्न 1990 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया उस दरमियान योगी जी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए।हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय से गणित और विज्ञान में स्नातक ( Graduation) की डिग्री ली। इसके बाद योगी जी गणित में एम. एस. सी (M.sc) करने के लिए दाखिला लिया। पर राम मंदिर को लेकर जो आंदोलन हो रहा था उसके कारण इनका मन एक जगह टीक नहीं पाया। और इनका ध्यान उस वक्त पढ़ाई से एकदम से हट गया। एक दिन कोटद्वार से योगी जी के कमरे से जहाँ ये रहते थे सारा सामान चोरी हो गया। जिसमे इनके बहुत सारे कागज पत्र जो बहुत उपयोगी थे, जिसमे इनके कुछ प्रमाण पत्र भी थे। चोरी हो जाने कारण गोरखपुर से विज्ञान स्नातकोत्तर (Post-graduate) नहीं कर पाए।
सारे प्रमाण चोरी हो जाने के बाद योगी जी ने एक बार फिर से ऋषिकेश में विज्ञान स्नातकोत्तर (Post-graduate) करने के लिए दाखिला लिया। लेकिन राम मंदिर आंदोलन का प्रभाव और दाखिला में भी बहुत सी अड़चने आ रही थी। जिसके कारण इनका ध्यान पढ़ाई कि तरफ से हट गया।
योगी आदित्यनाथ जी का सन्यासी जीवन प्रारंभ
अजय सिंह बिष्ट (योगी आदित्यनाथ) सन्यासी जीवन शुरू करने से पहले योगी जी महंत अवैद्यनाथ जी से मुलाकात की। उसके बाद इनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ रखा गया। सन्यासी जीवन ग्रहण करने के बाद योगी जी ने घर त्यागने, और परिवार त्यागने के बाद देशसेवा और समाज सेवा करने कि शपथ ली। 15 फरवरी सन्न 1994 को मंहत अवैद्यनाथ ने योगी आदित्यनाथ जी को नाथ संप्रदाय की गुरु दीक्षा दी और उन्हें अपना शिष्य बनाया। 12 सितंबर साल 2014 को महंत अवैद्यनाथ जी के निधन के बाद योगी आदित्यनाथ जी को गोरखनाथ मंदिर का महंत बनाया गया। और नाथ पंथ के पारंपरिक अनुष्ठान के अनुसार मंदिर का पीठाधीश्वर भी बनाया गया।
योगी आदित्यनाथ जी का राजनीतिक सफर
योगी आदित्यनाथ जी बचपन से ही समाज सेवा करना चाहते थे लेकिन उस समय उनको उतना आईडिया नहीं था। लेकिन धीरे धीरे पढते पढते इनको ज्ञान हो चुका था कि देश और समाज कि सेवा करने के लिए क्या करना है और कैसे करना। और कैसे राजनीति में घुसना है ये भी ज्ञान हो चुका था। कॉलेज कि पढ़ाई दौरान योगी जी को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के उभरते हुए नेताओं में लोग जानने लगे थे। इसके बाद योगी जी ने छात्र चुनाव संघ में लड़ने की योजना बनाई। जिसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इनको टिकट नहीं दिया। जिसके चलते योगी जी ने निर्दलीय सदस्य के रूप में नामांकन भरा। योगी जी ने सबसे पहले सन्न 1998 में गोरखपुर से भाजपा कि तरफ से प्रत्याशी के तौर पर चुनाव में खड़ा हुए और जीत भी गए।
तब योगी जी केवल 26 वर्ष के थे, ये उस समय के सबसे युवा सांसद थे। सन्न 1999 में योगी जी गोरखपुर से फिर से सांसद बने, साल 2004 में फिर से योगी जी तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीते। साल 2009 के लोकसभा चुनाव में योगी जी बहुत अधिक वोटों से जीत दर्ज की। साल 2014 में पांचवी बार फिर से लाखों वोटों से जीत दर्ज कर योगी जी को सांसद चुने गए। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत मिला, इसके बाद उत्तर प्रदेश में 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए। 19 मार्च साल 2017 में उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ जी को विधायक दल का नेता चुनकर मुख्यमंत्री पद का भार सौंपा गया। योगी जी के नाम सबसे कम उम्र (26 साल) में सांसद बनने का रिकॉर्ड दर्ज है, उन्होंने पहली बार सन्न 1998 में लोकसभा का चुनाव जीता था।
इसके बाद योगी आदित्यनाथ जी ने लगातार 1999, 2004, 2009 और 2014 में भी लगातार लोकसभा चुनाव जीते। योगी जी ने अप्रैल 2002 में हिंदू युवा वाहिनी नाम कि एक संगठन बनाया। जिसके ये संस्थापक भी हैं, हिंदू युवा वाहिनी जो धर्म परिवर्तन के खिलाफ मुहिम चलाती है। इस संगठन का अन्य मुख्य काम ग्राम रक्षा दल के रूप में हिंदू विरोधी, राष्ट्रवादी और माओवादी विरोधी गतिविधियों को कंट्रोल में रखना। हिन्दू युवा वाहिनी के इन सब कामों से गोरखपुर में शांति बढ़ी, दंगों की संख्या में भी काफी कमी देखने को मिली। जिससे गोरखपुर के लोगों का योगी जी पर अधिक विश्वास बढ़ गया। जिसका परिणाम ये निकला कि योगी जी साल 2014 के चुनाव में तकरीबन तीन लाख से भी ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की।
योगी आदित्यनाथ जी मुख्यमंत्री बनने के बाद क्या किया?
यूपी के बहुत से छोटे छोटे किसानों का कर्जा माफ हुआ।
एंटी रोमियो अभियान चलाया गया महिलाओ की सुरक्षा को मद्देनजर देखते हुए, जिससे महिलाओं में सुरक्षा की भावना बढ़ी।
लव जिहाद के खिलाफ योगी जी ने कानून बनवाया और पहचान छुपाकर महिलाओं के साथ धोखे से शादी करने वालों के खिलाफ योगी ने कड़ा कानून बनाया।
राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण में अहम भूमिका, करीब 500 सालों के बाद देश दुनिया में हिंदूओं के श्री पूरूशोत्तम राम के मंदिर का शिलान्यास प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के हाथों से करवाया योगी जी ने किया ।
उत्तर प्रदेश अच्छे अच्छे बड़े क्रीमनल और माफिया को अंदर करवाया और सफाया तक करवाया। और अपराधियों की अवैध संपत्ति को यूपी सरकार अपने अधिकार मे लिया, अवैध स्लॉटर हाउस को बंद किया।
योगी आदित्यनाथ जी को लेकर हुए विवाद
योगी आदित्यनाथ जी पर 7 सितम्बर साल 2008 को आजमगढ़ में जानलेवा हिंसक हमला हुआ। जिसमे इनका जान जाते जाते बचा। इस हमले में योगी जी बाल-बाल बच गए, यह हमला इतना भयानक था और इतनी तादाद में लोग जुटे थे। कि सौ से भी अधिक गाड़ियों को हिंसक हमलावरों ने घेर लिया और लोगों को लहूलुहान कर दिया। योगी आदित्यनाथ जी को गोरखपुर दंगों के दौरान तब गिरफ्तार किया गया जब मुस्लिमो का त्यौहार मोहर्रम था। उस दरमियान एक फायरिंग में एक हिन्दू लड़के को गोली लग गई और उसकी जान चली गई। जिला के अधिकारियों ने बताया कि वह बुरी तरह जख्मी है, अधिकारियों ने योगी जी को उस जगह जाने से मना किया। लेकिन योगी आदित्यनाथ जी उस जगह पर जाने के लिए व्याकुल थे, तब उन्होंने शहर में लगे कर्फ्यू को हटाने को कहा।
अगले दिन उन्होंने शहर के मध्य श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करना चाहा। लेकिन जिलाधिकारी ने श्रद्धांजलि सभा पर पाबंदी लगा दी। योगी जी इसकी चिंता न करते हुए अपने हजारों समर्थकों के साथ खुद से गिरफ़्तार हो गए। योगी जी को सीआरपीसी की धारा 151A, 146, 147, 279, 506 के तहत कारागार में डाल दिया। जेल में डालने का असर ऐसा हुआ कि मुंबई-गोरखपुर गोदान एक्सप्रेस के कुछ बोगियों में आग लगा दी गई। जिसका आरोप उनके ही संगठन हिन्दू युवा वाहिनी पर लगा। ये दंगे पूर्वी-उत्तर प्रदेश के छह जिलों और तीन मंडलों में आग कि तरह फैल गई। उनकी गिरफ़्तारी के अगले ही दिन जिलाधिकारी हरी ओमजी और पुलिस प्रमुख राजा श्रीवास्तव जी को दूसरे जगह ट्रांसफर कर दिया। योगी जी के दबाव के ही कारण मुलायम सिंह यादव जी की उत्तर प्रदेश सरकार को यह कदम उठानी पड़ी।
योगी आदित्यनाथ जी ने 19 मार्च साल 2017 को उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री पद के रूप में शपथ ग्रहण किये थे। ये शपथ समारोह लखनऊ के कांशीराम स्मृति उपवन में हुआ था, इनके साथ दो उप-मुख्यमंत्री ने भी शपथ ग्रहण की। पहली बार उत्तर प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में दो उप-मुख्यमंत्री बनाए गए, समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह जी और पार्टी के कई बड़े नेता भी वहाँ मौजूद थे।
साल 2007 में गोरखपुर में हुए दंगे में योगी आदित्यनाथ जी को मुख्य आरोपी बनाया गया, गिरफ्तारी हुई और इस पर बहुत विवाद भी हुआ। योगी आदित्यनाथ जी के खिलाफ कई अपराधिक मुकदमे भी दर्ज हैं उसमे कितना सच्चाई है ये जानने लायक है या नहीं इस पर बाद में बात करेंगे।
योगी आदित्यनाथ जी का भारतीय जनता पार्टी के साथ रिश्ता तकरीबन एक दशक से ज्यादा पुराना है। इससे पहले उनके पूर्वाधिकारी तथा गोरखनाथ मठ के पूर्व महन्त, महन्त अवैद्यनाथ जी भी भारतीय जनता पार्टी से सन्न 1991 तथा 1996 का लोकसभा चुनाव जीत चुके थे।
योगी आदित्यनाथ जी धर्मांतरण के खिलाफ और घर वापसी के लिए काफी चर्चा में आए थे, साल 2005 में योगी आदित्यनाथ जी ने कथित तौर पर 1800 के आसपास ईसाइयों का शुद्धीकरण कर हिन्दू धर्म में परिवर्तन किया। ईसाइयों के यह धर्म परिवर्तन उत्तर प्रदेश के एटा जिले में हुआ।
योगी आदित्यनाथ जी का रहन सहन कैसा है?
योगी आदित्यनाथ जी अधिकांश हर दिन के दिनचर्या में भगवा रंग का कुर्ता ही पहनते है। अब इस कुर्ते की मांग बढ़ गयी है योगी जी को गोल गले वाले कुर्ते काफी पसंद हैं। बात करे योगी जी के रहन सहन, व्यवहार और आचरण कि तो योगी जी को जानवरों से बेहद लगाव है। खासकर गाय से, इन्होंने तो गौशाला तक खोल रखी है, योगी आदित्यनाथ जी करीब सुबह चार बजे उठ जाते है। उसके बाद योग-आसान वैगरह करते है, योगी जी को गायों से बहुत लगाव होने के कारण योगी जी सुबह नास्ता करने से पहले गायों को चारा अवश्य खिलाते है। योगा करने के बाद गौशाला में गायों की सेवा सत्कार करते है। योगी आदित्यनाथ जी की संस्था सड़कों पर पड़े बीमार और घायल जानवरों को अपनी संस्था में लाकर उनका इलाज तक करवाते हैं।
योगी आदित्यनाथ का पूरा नाम?
अजय सिंह बिष्ट
योगी आदित्यनाथ का घर कहाँ हैं?
तहसील यमकेश्वर गाँव पंचूर पौरी गढ़वाल यूपी
योगी आदित्यनाथ की शादी हुई है या नहीं?
नहीं
योगी आदित्यनाथ की पत्नी का नाम क्या है?
जब शादी ही नहीं हुई है तो नाम का सवाल कहाँ से उठता है