पूर्णिमा नीरज सिंह जीवनी | Purnima Niraj Singh Biography in hindi

Jharia MLA Purnima Niraj Singh biography in hindi

Purnima Niraj Singh photo

आज आप Jharia के MLA विधान सभा के सदस्य पूर्णिमा नीरज सिंह (Purnima Niraj Singh) जी की जिंदगी से जुड़ी कुछ अहम् दिलचस्प चीजों के बारे में जानेंगे। जो उन्हीं के द्वारा कुछ interview मे अक्सर कही गई है। बोलते हैं न हर किसी को धरती पर एक मकसद से ही भेजा जाता है, चाहे वो कोई भी कहीं भी हो। उसका इस धरती पर आने का कुछ न कुछ एक बड़ा मकसद जरुर होता ही है। एक पल को उसे भी पता नहीं होता है लेकिन एक वक्त वो आता ही है। जब आपको इस धरती पर आने का मकसद पता चलता है तो आप किसी भी हालात में उसे स्वीकार कर ही लेते हैं।

और उसे पूरा करने के लिए किसी भी हद से गुजर जाने के लिए तैयार रहते हैं। कभी भी पॉलिटिक्स में interest न रखने वाली हमारे पूर्व धनबाद के डिप्टी मेयर और कांग्रेस के नेता हम सब के चहेते हर मुश्किल की घड़ी में खड़े रहने वाले जो आज हमारे बीच नहीं हैं स्व. नीरज सिंह जी। उनकी पत्नी पूर्णिमा नीरज सिंह (Purnima Niraj Singh) ने कभी सोचा भी नहीं था। कि उन्हें राजनीति में उतरना पड़ेगा। परिवार में बात जरुर उठती थी लेकिन Purnima Niraj Singh राजनीति में नहीं आना चाहती थी, वो आम ज़िन्दगी से ही बेहद खुश थी।

शादी से पहले का नाम पूर्णिमा सिंह था, शादी होने के बाद इनके पति स्व. नीरज सिंह जी का नाम पूर्णिमा सिंह जी के साथ हमेशा के लिए जुड़ गया। तो Purnima Niraj Singh जी का जन्म उत्तरप्रदेश के वाराणसी में हुआ। Purnima Singh जी अधिकांश समय अपने दादा जी के साथ ही गुजरी है। और पढ़ाई लिखाई भी उन्हीं के देख रेख मे शायद हुई है।

Purnima Niraj Singh का जन्म व परिवार ( Birth & Family )

पूर्णिमा नीरज सिंह (Purnima Niraj Singh) का जन्म 21 नवंबर 1985 को वाराणसी उत्तरप्रदेश राज्य में हुआ। विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह की एक बहन का नाम विजयलक्ष्मी सिंह है जिनका जन्म का तारीख शायद 4 नवंबर है। इनके दादा जी एक आईपीएस (IPS) Officer थे, पूर्णिमा सिंह का लगभग जीवन अपने दादा जी के साथ गुजरा है। उन्हीं की छत्र छाया में इनकी पढ़ाई लिखाई हुई। parents के साथ ज्यादा रहती नहीं थी, Purnima Niraj Singh जी की पढाई लिखाई उत्तरप्रदेश के अलग अलग स्कूलों में हुई है। 12वीं क्लास तक कि पढाई में पूर्णिमा नीरज सिंह ने करीब 12 बार स्कूल change करना पड़ा एक औसत से ग़र देखा जाए तो।

यानि की एक औसत देखा जाये तो हर एक क्लास की पढाई के लिए इन्होने स्कूल ही बदल दी, आखिर ऐसा करने के पीछे कारण है ये हो सकता है कि इनके दादा जी का अक्सर Transfer होता रहता था। फिर उसके बाद लखनऊ में सेटल हुई बोर्ड की परीक्षा पूर्णिमा सिंह ने लखनऊ से दिया, ये सिर्फ पढाई पर ध्यान देती थी न की क्लास में फर्स्ट कैसे आया जाये। इंसान को बस ज्ञान मिलते रहना चाहिए कुछ नया सिखने को मिलते रहना चाहिए कुछ ऐसी सोचती थी पूर्णिमा नीरज सिंह जी फिर उसके बाद आगे की पढाई के लिए दिल्ली चली गई।

पूर्णिमा नीरज सिंह जी का Politics में Entry कैसे हुई?

अगर Niraj Singh जी जिन्दा होते तो शायद Purnima Niraj Singh जी Politics में कभी आती ही नहीं।

और न ही इनको कभी राजनीति में आने का शौक था। इन्होंने कई interview में कहा भी कि जिसको राजनीति करनी हो करे मुझे नहीं करनी है। लेकिन हालात और मजबूरियां हर किसी से वो करने पर मजबूर ही कर देती है। तो पूर्णिमा नीरज सिंह जी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ की हालात और मजबूरियों के कारण इन्हें राजनीति में आना पड़ा। कारण ये था की इनके Husband Niraj Singh जी की हत्या के बाद राजनीति में आने का फैसला किया।

पूर्णिमा नीरज सिंह के पति Niraj Singh जी का हत्या का आरोप Niraj Singh जी के चचेरे भाई संजीव सिंह जी पर ही लगा। जो झरिया के पूर्व विधायक भाजपा के नेता हैं, जो फ़िलहाल जेल में बंद है। 2019 के विधानसभा चुनाव में झरिया के कांगेस सिट से स्व. Niraj Singh जी की पत्नी Purnima Singh जी मैदान में उतरे। और दूसरी तरफ जेल में बंद Niraj Singh जी के चचेरे भाई संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह जी। जो दोनों एक ही परिवार से संबंध रखती है। तो 2019 के विधानसभा चुनाव में स्व. Niraj Singh जी की पत्नी Purnima Niraj Singh जी की ही जीत हुई।

चुनाव से पहले पूर्णिमा नीरज सिंह जी ने लोगो के घर जाकर जाकर हर तरह से मदद करने की कोशिश की। और चुनाव के बाद भी उससे कहीं ज्यादा लोगो की मदद कर रहे हैं। जो काम पहले कई दशकों से नहीं हो रहा था आज उसे Purnima Niraj Singh जी उसे पूरा कर रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान पूर्णिमा नीरज सिंह ने घर जाकर जाकर उन लोगो तक राशन पहुंचाई जिनकी आर्थिक स्थिति बेहद ही ख़राब थी।

लॉक डाउन के दौरान ऐसे बहुत से मजदूर काम पर न जाने की वजह से रोजमर्रा का जीवन प्रभाव पड़ रहा था। लेकिन पूर्णिमा नीरज सिंह जी हर मोहल्ले में खुद या अपने लोगो के माध्यम से वहां तक राशन पहुंचाते थे। लॉक डाउन के दौरान Purnima Niraj Singh जी के द्वारा कई बस्तियों में मुख्यमंत्री के सहयोग से दाल भात कार्यक्रम का सुभारंभ किया गया।

Purnima Niraj Singh photo

लॉक डाउन के दौरान कई मोहल्ले बस्तियों में खुद Purnima Niraj Singh जी जाकर जायजा लेकर वहां की स्थिति के मुताबिक वहां हर तरह से मदद करने पूरी कोशिश करते, और कई बस्तियों में बच्चो के लिए खाना का प्रबन्ध भीं करती और अपने हाथो से बच्चो को खाना परोसती भी थी।

आज भी कहीं ऐसी अगर किसी भी तरह की जरुरत पड़ती है तो पूर्णिमा नीरज सिंह खुद या अपने लोगो के द्वारा उन्हें तुरंत सहायता पहुंचाई जाती है। इस लॉक डाउन में ऐसे और भी बहुत से लोग मदद करने के लिए सामने आये जो दुसरो की मदद करने के लायक थे, और हर संभव मदद करने की कोशिश करते थे।

Purnima Niraj Singh photo

गर किसी के घर में बड़ी दुर्घटना घट गई हो दुःख का पहाड़ टूट पड़ा हो तो Purnima Niraj Singh जी सबसे पहले पहुँचती थी, और उसे सांत्वना देती है।

झरिया कांग्रेस नेता डिप्टी मेयर Niraj Singh हत्याकांड

21 मार्च 2017 की शाम करीब 7 बजे के आसपास झरिया कांग्रेस के नेता Niraj Singh अपने four wheeler गाड़ी से अपने घर रघुकुल जा रहे थे। जो सराईढेला में है, Niraj Singh जी आगे की सिट ड्राईवर के बगल में बैठे हुए थे। स्टील गेट के नजदीक जब इनकी गाड़ी पहुँचती है तो वहां पर एक स्पीड ब्रेकर बना हुआ था। और जब इनकी गाड़ी स्पीड ब्रेकर के पास धीमी होती है। तो पहले से घात लगाये कुछ अपराधी दो बाइक से आते हैं और उनकी गाड़ी को घेर लेते हैं।

गाड़ी को घेर लेने के बाद ज्यादा समय न गंवाते हुए और इससे पहले की गाड़ी में बैठे नीरज सिंह जी के साथी कोई कुछ समझ पाता। बाइक से आये अपराधी तुरंत गाड़ी को घेर कर चारो तरफ से अन्धाधुन्ध गोलियों की बरसात कर देती है। उनके पास 9 mm की पिस्टल थी कुछ और भी हथियार थे कम से कम 100 राउंड के आसपास गोलियां चलती है। रिपोर्ट के मुताबिक उसके बाद अगल बगल भी हडकंप मच गई थी। इस फायरिंग में कांग्रेस नेता Niraj Singh जी समेत उनके ड्राईवर उनके ड्राईवर, सहायक और बोडिगार्ड मिला के 4 लोगो की मौत मौके पर ही गई थी।

जब Niraj Singh जी के बॉडी को पोस्टमार्टम किया गया तो उनके शरीर से करीब 17 गोलियां निकाली गई। और उनके शरीर में लगभग 67 छेद हो गए थे। जिनमे से कुछ गोलियां Niraj Singh जी के शरीर से आरपार हो गई थी। उसके बाद खुफिया जानकारी के मुताबिक कुछ शूटरो को भी अलग अलग जगहों से Up पुलिस की मदद से गिरफ्तार कर धनबाद पुलिस को रिमांड पर दे देती है।

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