धनबाद का इतिहास (Dhanbad ka Itihas)

आज मैं आपको Dhanbad के इतिहास के बारे में बताऊंगा आखिर किस तरह धनबाद बना इसके पीछे का इतिहास क्या है? धनबाद कोयले का शहर है इसे आमतौर से भारत की कोयले की राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। Coal mines of India, Black city, Black diamond city, काला हीरो की खान, आदि कई नामो से धनबाद प्रसिद्ध है। और 2012 के आसपास से तो धनबाद और ज्यादा famous हो गया। कारण गैंग्स ऑफ़ वासेपुर (Gangs of Wasseypur) फिल्म का बनना जो सच्ची घटनाओ पर आधारित है, ये जो फिल्म बनी है इसी कोयले की राजधानी की सच्ची घटनाओ से प्रेरित होकर बनाई गई। जो आज भी कहीं न कहीं ये चीज आज भी देखने को मिल जाती है।
धनबाद भारत राज्य के झारखंड में स्थित है, यह शहर भारत में कोयला खनन में सबसे आगे है। भारत में सबसे ज्यादा कोयला Dhanbad में निकलता है, Dhanbad में कई कोयले की खदाने है जहाँ से भारी मात्रा में कोयला निकाला जाता है। और भारत के अलग अलग हिस्सों में भेजा जाता है जिसका इस्तेमाल बड़े बड़े उद्दोग फैक्ट्री में की जाती है। पहले धनबाद मानभूम जिले के अंतर्गत आता था, जो कोयले की खानों के लिये मशहूर थी, धनबाद लगभग 2086 वर्ग कि.मी के क्षेत्र में फैला हुआ है। इसकी जनसंख्या करीब (2011 जनसंख्या जनगणना के अनुसार ) 26,82,662 है। धनबाद का लिंगानुपात 891 है,
यानि की हर पुरुष पर 891 महिलाएं है, धनबाद की औसत साक्षरता दर 79.47% है, जो राष्ट्रीय औसत 74.04% से अधिक है।
➢पुरुष साक्षरता – 86.14%और
➢महिला साक्षरता – 71.96% है
➢धनबाद में, 10.57% जनसंख्या 5 वर्ष से कम आयु के है।
➢लघभग 80 प्रतिशत की आबादी हिन्दुओं की है।
धनबाद की औसत ऊंचाई 227 मीटर (745 फीट) है। इसकी भौगोलिक लंबाई (उत्तर से दक्षिण तक की लंबाई 15 मील (24 किमी)और चौड़ाई (पूर्व से पश्चिम तक की लंबाई ) 10 मील (16 किमी) है। पूर्व में धनबाद मानभूम जिलें का एक सबडिवीजन हुआ करता था। सन 1928 में पुराने धनबाद और चंदनकियारी डिवीजन को मिला कर धनबाद बनाने की बात रखी गयी थी। 24 अक्टूबर 1956 को राज्य पुर्णनिर्माण आयोग के नोटिफिकेशन से धनबाद जिला, 1 दिसंबर 1956 को धनबाद अस्तित्व में आया।
इस नोटिफिकेशन के तहत बिहार के पूर्व जिला मधुबन के पुरुलिया सवडिवीजन के चास और चंदनकियारी थाना क्षेत्र को पं. बंगाल को स्थान्तरित कर दिया गया। साथ ही उपायुक्त पद का निर्माण हुआ, पूर्व में धनबाद का नाम धनबाइद (Dhanbaid) हुआ करता था। आई सी एस अफसर मिस्टर लुबी के पहल पर अधिकारिक रूप से इसका नाम धनबाद (Dhanbad) कर दिया गया। जब 24 अक्टूबर 1956 को जब धनबाद की स्थापना हुई थी, तब इसकी लंबाई ऊपर से नीचे 43 मील और पुरब से पश्चिम चौड़ाई 47 मील थी। 1991 में धनबाद से बोकारो जिला का निर्माण किया गया, धनबाद की उत्तर और उत्तरी-पुर्वी सीमा बराकर नदी द्वारा निर्धारित होती है।
जो इसे गिरीडीह और जामताड़ा से (पुर्व में हजारीबाग) से अलग करती है। दक्षिणी सीमा का निर्धारण दामोदर नदी करती है, 1956 से 14 नवंबर 2000 तक यह बिहार के अधीन था। 15 नवंबर 2000 को राज्य के निर्माण के बाद वर्तमान में यह झारखंड में आ गया।
Dhanbad शहर का नामकरण कैसे हुआ?
अभी तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला या रिकार्ड जिससे साबित हो सके की की Dhanbad का नाम धनबाद ही क्यों रखा गया। कुछ लोगो का कहना है की यह क्षेत्र कभी बैद धान के लिये जाना जाता था। जो दो प्रकार के धान की खेती होती थी, एक बैद जो कार्तिक में तैयार की होती थी। अन्य मान्यताओ के अनुसार धनबाद नाम धन शब्द से आया है, जो कि एक कोलारियन आदिवासी हुआ करते थे, धनबाद में ही रहते थे।
धनबाद की खोज कब और किसने की
धनबाद के बारे में सबसे पहले 7 वीं सदी में चीनी यात्री ह्वेनसांग ने दुनिया के सामने उजागर किया था, चीनी यात्री ह्वेनसांग भ्रमण के दौरान मानभूम आया था और धनबाद का भूभाग देखा था।
धनबाद की चौहद्दी
Dhanbad को भारत की कोयला राजधानी के नाम से भी जाना जाता है, यहां पर कोयले की अनेको खदाने देखी जा सकती हैं। और अब तो खुला खनन भी चालू हो गया है, कोयले के अलावा इन खदानों में विभिन्न प्रकार के खनिज पदार्थ भी पाए जाते हैं। खदानों के लिए धनबाद पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यह खदानें Dhanbad की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, पर्यटन के लिहाज से ये खदानें काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि बहुत से पर्यटक बड़ी संख्या में इन खदानों के अन्दर घुमने के लिए आते हैं। एक समय ऐसा था कि सबसे ज्यादा विदेशी लोग खदाने देखने ही आते थे खदानों के अन्दर जाकर रिसर्च करते थे।
और विडियो बनाते थे Article लिखते थे और उसे अंग्रेजी मेंअपने देश में भी पब्लिश भी करते थे।
धनबाद अस्तित्व में कब आया?
झारखंड के निर्माण बिहार के 46% भूभाग काटकर किया गया। झारखंड के 10 जिले बिहार की सीमा से स्पर्श करती है गढ़वा गिरिडीह गुड्डा पलामू चतरा कोडरमा हजारीबाग देवघर दुमका साहिबगंज।
1971 से पहले धनबाद और झरिया के सारे कोयला खदानो के मालिक निजी व्यक्ति थे, 1971 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सारे कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण कर निजी स्वामित्व खत्म कर दिया गया था।
1956 में पश्चिम बंगाल के मानभूम से अलग होकर धनबाद जिला बना, केंद्र सरकार ने झारखंड मसले पर 1989 में एक समिति का गठन किया। पृथक झारखंड राज्य के लिए जयपाल सिंह के नेतृत्व में राज्य पुनर्गठन आयोग के समक्ष 1955 में एक प्रदर्शन भी की गई थी।
झारखण्ड की भगौलिक स्थिति
- धनबाद में पहला सिविल कोर्ट की स्थापना 1901 में गोविंदपुर के बागसुना में की गई थी। जिसे 1908 में हीरापुर मौजा में स्थानांतरित कर दिया गया था।
- धनबाद की चौहद्दी के बाद करे तो पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में गिरीडीह और बोकारो उत्तर में दुमका और गिरिडीह और दक्षिण में पश्चिम बंगाल है, धनबाद छोटा नागपुर पठार के अंतर्गत आता है।
- प्रखंड की बात करे तो झरिया, धनबाद, गोविंदपुर, टुंडी, निरसा, बलियापुर, कतरास, और तोपचांची प्रखंड है।
- धनबाद अधिक आबादी वाला दूसरा शहर है, धनबाद भारत का 33 वां सबसे बड़ा शहर है।
- 2019 सर्वेक्षण के अनुसार धनबाद भारत का 56 वां सबसे स्वच्छ शहर की लिस्ट में आता है।
- धनबाद में गर्मियों में तापमान 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, धनबाद में हर वर्ष भारी वर्षा होती है।
- सर्दियों में, न्यूनतम तापमान 22 ° C और 13° C से भी नीचे तक के आसपास हो जाता है।
- रेल डिवीजनों में, धनबाद रेल डिवीजन मुंबई डिवीजन के बाद राजस्व उत्पादन में दूसरा सबसे बड़ा माना गया है।
- ओपेंसिग्नल के एक सर्वेक्षण से पता चला है कि भारत में सर्वाधिक 4G जी उपलब्धता के साथ धनबाद को भारत में शीर्ष शहर के रूप में स्थान दिया गया है।
- लोहरदगा और खूंटी जिला किसी भी राज्य की सीमा को स्पर्श नहीं करती
- छत्तीसगढ़ सीमा को स्पर्श करने वाले जिला गुमला, लातेहार, सिमडेगा, गढ़वा।
- गढ़वा जिला उत्तर प्रदेश की सीमा को स्पर्श करती है।
- पश्चिम बंगाल की सीमा को स्पर्श करने वाले जिला पूर्वी सिंहभूम सरायकेला खरसावां रांची बोकारो धनबाद जामताड़ा दुमका पाकुड़ साहेबगंज।
- उड़ीसा की सीमा को स्पर्श करने वाले जिले सिमडेगा पूर्वी सिंहभूम पश्चिमी सिंहभूम सरायकेला खरसावां है।
- स्वर्णरेखा नदी बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है।
- 840 फीट ऊपर है समुद्र तल से धनबाद का भूभाग।
- तिलैया बाँध बराकर नदी पर बनी हुई है।
- बराकर नदी छोटानागपुर की पहाडियों से निकलती है।
- डिमना झील का निर्माण टाटा स्टील के द्वारा जल सरंक्षण के लिए तथा यहां के निवासियों के लिए करवाया था।
- BCCL का मुख्यालय धनबाद में है और SAIL, Tata Steel और Eastern Coalfields (मुगमा में) अपनी खदानों का संचालन करती है।
- ओम बेस्को रेल प्रॉडक्ट्स लिमिटेड, मुगमा,
- हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (अब वेन्दांता रिसोर्सेज)
- पब्लिक लिमिटेड रेल वैगन मैन्युफैक्चरिंग कंपनी,
- टुंडू, टाटा पावर और
- डीवीसी के मैथन पावर जेवी (भारत की पहली पीपीपी परियोजना) में लीड स्मेल्टिंग पायलट प्लांट था। )
- हिंदुस्तान मल्लेबल्स और फोर्जिंग लिमिटेड, आदि। धनबाद में और उसके आसपास भी काम कर रहे हैं।
- 112 कोलियरियां है बीसीसीएल और ईसीएल कि धनबाद जिले में।
धनबाद की अर्थव्यवस्था किस चीज पर निर्भर करती है?
1885 के आसपास में कुछ गुजराती पहली बार धनबाद आये थे और तब जाकर कोयला खदानों से कोयला निकालने की शुरुआत हुई थी।
धनबाद की अर्थव्यवस्था देखी जाये तो सबसे ज्यादा लोग कोयले पर ही निर्भर है, क्योंकि कोयला धनबाद के हर क्षेत्र में बड़े आसानी से मिल जाती है। धनबाद का सबसे बड़ा व्यापार कोयले का ही है, चाहे वह कोई भी लोग हो किसी न किसी माध्यम से कोयले से जुड़ा हुआ है। धनबाद के सबसे बड़ा धंधा आज कोयला बन गया है, कुछ लोग इसको लीगल तरीके से करते है तो कुछ लोग अवैध तरीके से चोरी छुपे किसी के आड़ में बड़े आसानी से कोयले का व्यापार करते है जिसमे कभी कभी कोई न कोई पकड़ा जाता है।
धनबाद में करीब 150 के आसपास कोयला खदानें है जहां से भारी मात्रा में वैध और अवैध तरीके से कोयले का निष्कासन होता है। जिससे लग लगभग 28 मिलियन टन कोयले का उत्पादन होता है, और इस कोयले के कारोबार के जरिए 7000 करोड़ रुपये तक की वार्षिक आय होती है।आज के समय में कोयले का उत्पादन खुले तरीके से निकाला जाता है और ये काम अब प्राइवेट कंपनियों को दे दिया गया है। जो कम समय में बहुत अधिक मात्रा में कोयले निकालने का काम करती हैं जिससे आमदनी भी ज्यादा होती है, धनबाद में कई कोयला वाशरी मौजूद हैं।
धनबाद के छोटे बड़े शिक्षण संस्थान
- बी. आई. टी. सिंदरी – बिरसा इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (BIT Sindri – Birsa Institute of Technology Dhanbad ) बिरसा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, सिंदरी भारत में सबसे पुराने इंजीनियरिंग कॉलेजो में से एक है।
- इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स धनबाद, – Indian School of Mines Dhanbad 1926 में ब्रिटिशों द्वारा स्थापना की गई थी। आईएसएम धनबाद (ISM) की स्थापना ब्रिटिश सरकार ने 1926 में की थी।
- एसएसएलएनटी (S. S. L. N. T. Dhanbad ) महिला कॉलेज धनबाद 1956 में स्थापित की गई। ये कॉलेज पूर्वी भारत का सबसे पुराना महिला विज्ञान और कला महाविद्यालयों में से एक है।
- के. के. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेन्ट गोविंदपुर, धनबाद (K. K. College of Engineering & Management Govindpur Dhanbad)
- पाटलीपुत्र मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ( Patliputra Medical College & Hosptal Dhanbad) – इसकी स्थापना 1971 में हुई।
- धनबाद में पहला सरकारी अस्पताल वर्ष 1913 में एक वार्ड के साथ कोर्ट मोड़ में शुरू हुआ था जिला बनने के बाद इसे सदर अस्पताल का दर्जा दिया गया।
- लाॅ कॉलेज धनबाद ( Law College Dhanbad) इसकी स्थापना 1976 में की गई थी।
- गुरु नानक कॉलेज धनबाद (Guru Nanak College Dhanbad)
- राजा शिव प्रसाद कॉलेज ( R. S. P. College Dhanbad) – इसकी स्थापना 1949 में झरिया के एक राजा द्वारा की गई थी।
- R. S. More College, इसकी स्थापना 1959 में हुई।
- P.K. Roy Memorial College, इसकी स्थापना 1977 में हुई थी।
- Al Iqra Teacher’s Training College, Gobindpur
- B.S.S. Mahila College, Sardar Patel Nagar Dhanbad
- Bholaram Shibal Kharkia College, Maithon
- बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल यूनिवर्सिटी ( Binod Bihari Mahato Koylanchal University) a public university इसकी स्थापना 2017 में ही हुई है।
- 9 हॉस्टल है धनबाद के आई एस एम (ISM) में जिनके नाम नवरत्न पर है जैसे डायमंड, रूबी, टोपान, इमरोतंड
- धनबाद में स्टेट लाइब्रेरी की स्थापना वर्ष 1953 में गोल्फ ग्राउंड के पास की गई थी इसमें 50,000 से अधिक किताबें और 55 सौ से अधिक सदस्य हैं।
- धनबाद में केंद्रीय खनन व इंधन अनुसंधान संस्थान (सिंफर) है जिसने खनन व इंधन क्षेत्र में कई आविष्कार किए कई खोजो का विश्व स्तर पर पेंटेड भी कराया गया।
धनबाद की कुछ Privates Schools
- Carmel School, Digwadih ( कारमेल स्कूल डिगवाडीह धनबाद)
- DAV Public School, Koyla Nagar ( डी. ए. वी. पब्लिक स्कूल कोयलनागर धनबाद)
- DAV Public School, Mahuda ( डी. ए. वी. पब्लिक स्कूल महुदा)
- Delhi Public School, Dhanbad ( दिल्ली पब्लिक स्कूल धनबाद)
- De Nobili School, CMRI ( डिनोबिली स्कूल सी. एम. आर. आई. धनबाद )
- De Nobili School, Bhuli ( डिनोबिली स्कूल भूली धनबाद)
- De Nobili School, FRI ( डिनोबिली स्कूल एफ. आर. आई. धनबाद)
- Raj Kamal Secondary School, Dhanbad ( राज कमल सेकेंडरी स्कूल धनबाद)
- Tata D.A.V School, Jamadoba ( टाटा डी. ए. वी. स्कूल जामाडोबा धनबाद )
- Kids Garden School Jharia, Dhanbad ( किड्स गार्डन स्कूल झरिया धनबाद)
Dhanbad Railway Zone & Road
ईस्ट इंडिया रेलवे कंपनी ने कोयले की ढुलाई के लिए वर्ष 1894 में कतरासगढ़ से धनबाद के बीच पहली रेललाइन बिछाई थी। और आज भी इस रेल लाइनों से कोयले की ढुलाई रात दिन होती है।
11 ट्रैक है धनबाद स्टेशन के प्लेटफार्म पर इनमें से तीन ट्रैक लूप लाइन में काम करती है। आठ प्लेटफार्म में धनबाद स्टेशन में नया बना आठवां प्लेटफॉर्म जो कि चंद्रपुरा रेल खंड से जोड़ता है।
अक्टूबर 2011 को, भारत की पहली एसी डबल डेकर ट्रेन हावड़ा और धनबाद के बीच चली। इसके साथ भारत यूरोप और उत्तरी अमेरिका की लिस्ट में शामिल हो गया जो मल्टी-डेक ट्रेनें चलाते हैं। इसकी अधिकतम गति 110 किलोमीटर/घन्टा (68 मील) है। इस नए AC डिज़ाइन में कई विशेषताएं हैं जैसे कि स्टेनलेस स्टील बॉडी, हाई-स्पीड यूरोफिमा डिज़ाइन की बोगी जिसमें एयर स्प्रिंग्स और अन्य सुरक्षा-सुविधाओ से लैस है।
1 अक्टूबर 2011 को देश की पहली एसी डबल डेकर ट्रेन को तत्कालीन दिनेश त्रिवेदी रेल मंत्री ने रवाना किया था, यह ट्रेन हावड़ा से खुलकर धनबाद आई थी।
धनबाद से जीटी रोड का 83 किलोमीटर का हिस्सा गुजरात जिले में मैथन से जीटी रोड की शुरुआत होती है, जो निरसा गोविंदपुर होते हुए तोपचांची तक जाती है।
धनबाद के कुछ नजदीक के हवाई अड्डे
- काज़ी नज़रूल इस्लाम हवाई अड्डा, आसनसोल-दुर्गापुर (85Km)
- बिरसा मुंडा एयरपोर्ट, रांची (140Km)
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, कोलकाता (269Km)
- लोक नायक जयप्रकाश हवाई अड्डा, पटना (271Km)
धनबाद में अधिकतर खेले जाने वाले खेल
धनबाद में क्रिकेट सबसे अधिक लोकप्रिय खेल है, इसके बाद फुटबॉल है। धनबाद उन केंद्रों में से एक है जहां 34 वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन किया गया था। वर्तमान में क्रिकेट स्टेडियम टाटा स्टील स्टेडियम दिगवाडीह, नेहरू स्टेडियम जीलगोरा और रेलवे स्टेडियम में हैं जहाँ रणजी ट्रॉफी के मैच आयोजित किए जाते हैं। रेलवे स्टेडियम में महिला अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट भी खेला गया। राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल मैच रेलवे स्टेडियम में खेले जाते थे।
- धनबाद में 34 वें राष्ट्रीय खेल का आयोजन 12 – 16 फरवरी 2011 के बीच हुआ था नेटबॉल, स्क्वेश, नौकायान आदि के मुकाबले हुए थे।
Famous celebrities of Jharkhand
- मीनाक्षी शेषाद्रि, बॉलीवुड अभिनेत्री
- अनुराग दीक्षित – धनबाद में पैदा हुए, 2006 में फोर्ब्स द्वारा दुनिया के 207 वें सबसे धनी व्यक्ति का स्थान दिया गया था।
- जीशान कादरी – , बॉलीवुड अभिनेता, फिल्म निर्माता
- शिव खेड़ा, लेखक और पेशेवर वक्ता
- मीयांग चांग, बॉलीवुड अभिनेता
- देवेन शर्मा, स्टैंडर्ड एंड पूअर्स के पूर्व वैश्विक अध्यक्ष
- रणधीर प्रसाद वर्मा, (शहीद) भारतीय पुलिस अधिकारी
Park in Dhanbad
धनबाद में घुमने के लिए बहुत से पार्क हैं
- बिरसा मुंडा पार्क धनबाद
- बेकारबांध पार्क धनबाद
- टाटा पार्क जामाडोबा धनबाद
- गोल्फ ग्राउन्ड धनबाद
- गोकुल पार्क mocp धनबाद
- 41 वें उपयुक्त है प्रशांत कुमार धनबाद जिले के वे इसके पहले दुमका में डी सी रह चुके हैं।
- धनबाद आयकर क्षेत्र के अधीन 8 जिले आते हैं धनबाद सिटी जामताड़ा देवघर दुमका गुंडा पाकुड़ साहेबगंज।
- 7 जिले है आई जी बोकारो के अधीन इनमें से बोकारो धनबाद गिरिडीह हजारीबाग रामगढ़ कोडरमा चतरा है।
- 50 कि.मी दूर है पश्चिम बंगाल की सीमा धनबाद जिला मुख्यालय से है।
- धनबाद को दूसरा स्थान प्राप्त जहां पर दो लेबर कोर्ट इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल स्थापित है, धनबाद के अलावा मुंबई में भी दो लेबर कोर्ट।
- धनबाद से गोविंदपुर से जाने वाली सड़क पर सरायढेला में स्थित फेम राज्य का पहला और एकमात्र मल्टीप्लेक्स है इसमें एक साथ चार स्क्रीन पर फिल्में दिखाएं जाती है।
- झारखंड पार्टी की स्थापना जयपाल सिंह के नेतृत्व में 1950 में हुई।
- 9 लोग अब तक (2014) धनबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीत संसद पहुंच चुके हैं।
- धनबाद के पुलिस अधीक्षक रहे शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा झारखंड बिहार के इकलौते ऐसे आईपीएस है जिन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था।
- संथाल परगना बंदोबस्त नियम 1972 में लागू किया गया था।
- छोटानागपुर काश्तकारी संशोधन अधिनियम 1903 में लागू किया गया था
- छोटा नागपुर में सरदार आंदोलन से 1878 ईसवी में हुई।।
- गोविंदपुर प्रखंड को ब्रिटिश शासन काल में 1908 में अनुमंडल घोषित किया गया था, उस समय गोविंदपुर मानभूम जिले का हिस्सा था।
Dhanbad is famous for
Coal & Second Real Gangster fight ( You must have seen Gangs of Wasseypur)
Best place for couples in Dhanbad
Bekarbandh Park, Birsa Munda Park
Why is Dhanbad called Dhanbad?
According to the people, Baid paddy was once grown in this area, which was the cultivation of two types of paddy, one Baid which was prepared in Kartik. According to other beliefs, the name Dhanbad comes from the word Dhan, who used to be a Colarian tribal, lived in Dhanbad
What is the old name of Dhanbad?
धनबाइद – Dhanbaid
Is Dhanbad safe?
Simple life People are safe
Is Wasseypur a real place?
Yes ( Located in Dhanbad)
Which city is known as coal capital of India?
Dhanbad
Does Dhanbad have an airport?
No big airport, but Small Aeroplan is land in Barwaada
Which coal is found in Dhanbad?
metallurgical coal
What is the state of Dhanbad?
Good
How many coal mines are there in Dhanbad?
Something 150 + over
How many villages are there in Dhanbad district?
80 – 90
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