Raja Talab Jharia का इतिहास बहुत ही पुराना है अगर आपको झरिया के इतिहास के बारे में पता होगा तो इसके बारे में भी पता होगा। और जब से मैं झरिया
के राजा तालाब को देख रहा हूँ, वो तब से ही गन्दा है, जितने भी Raja Talab Jharia के अगल बगल घर है सबके घर के नाले से जो गन्दा पानी निकलता है वो सीधे जाकर झरिया के राजा तालाब में मिल जाता है। अब भी वहीं हालात है बहुत प्रयास किये गए लेकिन कई दशको के बावजूद भी इस पर ध्यान नहीं दिया गया।
कितनी सरकारे आई और कितनी गई पर किसी ने Raja Talab Jharia को साफ़ करवाने पर ध्यान नहीं दिया। लेकिन इस बार हमारे धनबाद की विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह जी के द्वारा Raja Talab Jharia का सौन्दर्यकरण के उद्देश्य से कुछ दिन पूर्व ही इसका शिलान्यास किया गया है। हो सकता है कुछ सालो में राजा तालाब झरिया का सौन्दर्यकरण हो जाये और चारो तरफ लाइटे लगा दी जाये।
राजा तालाब झरिया का इतिहास – History of Raja Talab Jharia
राजा जयमंगल सिंह ने अपनी रानी के स्नान के लिए झरिया के बकरीहाट के निकट एक तालाब का निर्माण करवाया था। झरिया के राज़ा तालाब के बगल में ही एक और रानी तालाब हुआ करती थी, जो अब कहीं नहीं दिखती और लोग भी ज्यादा इस चीज पर ध्यान नहीं देती है। झरिया का राजा तालाब का निर्माण लघभग सन् 1880 ईस्वी में झरिया के राजा जय मंगल सिंह ने रानी सुभद्रा कुमारी और हेम कुमारी और प्रयाग कुमारी के स्नान के लिए बनाया था।
जब इसका निर्माण शुरू में किया गया था तब तालाब का रास्ता सीधे राजमहल से जुड़ा हुआ था। रानियो को झरिया के राजा तालाब तक पालकियों में ले जाया करती थी, और स्नान के बाद पुन: अपने राजमहल लौट आती थी।
पुराने इतिहास के अनुसार राज परिवार के करीब सभी लोग सन् 1920 ईस्वी में ऊपर राजबाड़ी में घर बनने के पश्चात् ऊपर राजबाड़ी झरिया में आकर बस गए। ऊपर राजबाड़ी झरिया में बसने के बाद झरिया के राजा तालाब का इस्तेमाल वहां के निकट रहने वाले लोग करने लगे। इसके बाद धीरे धीरे परिवर्तन आता रहा, लोग धीरे धीरे बसते गए और आज झरिया के राजा तालाब के अगल बगल बहुत से घर और दुकान बन चुके हैं।
झरिया के राजा तालाब के निकट स्थित बिहार बिल्डिंग कभी सिनेमा घर हुआ करती थी लेकिन किसी कारणवश बंद हो गया। और समय बीतने के साथ साथ आज इस बिहार बिल्डिंग में सरकारी बैंक SBI को स्तापित की गई, और आज कई दशको से ऐसे ही बैंक निरंतर चल रहा है।