बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो का जीवन परिचय : Dhullu Mahato biography
आज मैं आपको झारखंड के धनबाद जिले बाघमारा के एक मजदूर से विधायक बनने तक सफर बताऊँगा आखिर कैसे ढुल्लू महतो (Dhullu Mahato) जी एक मजदूर से एक बाहुबली विधायक बन गए। रंगबाज, कथित कोयला माफिया और टाइगर फोर्स के सरगना ढुल्लू महतो को ऐसा नामो से बहुत से लोग पुकारते है न्यूज़ वाले ही ऐसा कहते हैं। ढोलू महतो बहुत सालों से कोयला कारोबार में सक्रिय है, और उनके ऊपर बहुत सारे अपराध के संगीन आरोप भी है, हर कोयला उठाव के लिए ढुल्लू महतो पर रंगदारी वसूलने का आरोप भी है जो कभी साबित नहीं हुए।
कैसे एक मजदूर से कोयला माफिया बन गए ढुल्लू महतो, ढुल्लू महतो पर अरबों की बेनामी संपत्ति बनाने का आरोप है। ढुल्लू महतो (Dhullu Mahato) पर 30 से ज्यादा आपराधिक मामले भी दर्ज है वो भी कभी साबित नहीं हुए।
ढुल्लू महतो का जन्म
12 मई सन् 1975
ढुल्लू महतो जन्म स्थान
बाघमारा के चिटाही गाँव में
उम्र
49 साल (2024)
प्रारंभिक शिक्षा
उत्क्रमित मध्य विद्यालय टुंडु
कॉलेज/यूनिवर्सिटी
डीएवी इंटर कॉलेज कतरास
शिक्षा
intermediate (डीएवी इंटर कॉलेज कतरास )
ढुल्लू महतो के पिता का नाम
पुना महतो
माता जी का नाम
रूकवा महताईन
ढुल्लू महतो के भाई
5 सबसे छोटे ढुल्लू महतो
ढुल्लू महतो भाई का नाम
राम प्रसाद महतो, लक्ष्मण महतो, भरत महतो और शत्रुघन महतो
ढुल्लू महतो की पत्नी का नाम
सावित्री देवी (बोकारो)
ढुल्लू महतो का जन्म, परिवार व शिक्षा
तो ढुल्लू महतो जी का जन्म 12 मई 1975को धनबाद जिले के बाघमारा के एक छोटे से गांव चिटाही मे बहुत ही गरीब परिवार में हुआ। ढुल्लू महतो के पिता का नामपुना महतोहै, इनके पिता जी महेशपुर कोलियरी मे मजदूरी करते थे। और माता जी का नाम रूकवा महताईनहै और माता जी भी मजदूरी किया करती थी। ढुल्लू महतो जी की शादी गरीब परिवार में बोकारो कि रहने वाली सावित्री जी ये शादी हुई। ढुल्लू महतो अपने सभी भाइयो मे से सबसे छोटे भाई हैं और साथ में पिता के प्यारे और लाडले भी थे।
ढुल्लू महतो (Dhullu Mahato) बचपन से ही समाज के लिए कुछ करना चाहते थे, ढुल्लू महतो बचपन मे बहुत ज्यादा शरारती और जिद्दी बच्चा था।ढुल्लू महतो जी का बचपन बहुत कष्ट से भरा था, ढुल्लू महतो का प्रारम्भिक शिक्षा उत्क्रमित मध्य विद्यालय टुंडु से हुआ और इंटर की पढाई डीएवी इंटर कॉलेज कतरास से पूरी की। ढुल्लू महतो कि आर्थिकखराब होने की वजह से पढ़ाई बीच मे ही छोड़ दी। ढुल्लू महतो (Dhullu Mahato ) कैसे साधारण व्यक्ति से असाधारण व्यक्ति बन गए।
bccl के बाघमारा क्षेत्र एक में तकरीबन ढुल्लू महतो 8 महीने मजदूर के रूप मे काम किया। और धीरे धीरे मजदूरों कि छोटी छोटी मुद्दों को लेकर संघर्ष शुरुआत की। जब पहली कोयला खदानों में कदम रखा तो उसे कोयले की काली दुनिया में बरसने वाली असीमित पैसे दिखाई दिया।
ढुल्लू महतो का राजनीति सफर (Dhullu Mahato politics career)
तो ढुल्लू महतो की घर की आर्थिक स्थिथि ठीक नहीं थी जिसके कारण ढुल्लू महतो ने बीच में ही अपनी पढाई छोड़ दी थी। उसके बाद ढुल्लू महतो सेल जोगीडीह कोलियरी में मजदूरी का काम किया, महज 8 महीने काम करने के बाद ढुल्लू महतो ने ठान किया था की अब उसे अब कोलियरी का मजदूर बनकर मजदूरी नहीं करना है। बल्कि कोलियरी पर राज करना है, ढुल्लू महतो ने अपनी 2 एकड़ जमीन देकर नौकरी ली थी। जिसने सिर्फ 8 महीने मजदूरी करके छोड़ दिया क्योंकि उन्हे कोलियरी पर राज करना था।
ढुल्लू महतो ने काम करने के दौरान देखा कि मजदूरों कि बहुत सारी समस्याएं थी जिसको लेकर ढुल्लू महतो ने मजदूरों के हित के लिए संघर्ष किया और उसके साथ खड़ा हुआ। ढुल्लू महतो ने कोलिएरी में देखा की मजदूरो के साथ बहुत अन्याय हो रहा था। उसके बाद ढुल्लू महतो ने वहां पर हो रहे मजदूरो पर अन्याय को खत्म करने के लिए मजदूरों को उनके हक के लिए जागरूक किया एक तरह से कह सकते हैं कि उनको भड़काया। मजदूरो को उनको हक दिलाने के बाद ढुल्लू महतो की चर्चा चारो ओर फैल गई।
इस तरह से मजदूरो को उनका हक दिला कर ढुल्लू महतो का नाम होने लगा और सोहरत मिलने लगी। इसके बाद से ढुल्लू महतो खुद लोगो से मिलकर उनकी समस्या का समाधान करने लगे।
ढुल्लू महतो का बाबूलाल मरांडी से मुलाकात
तो साल 2009 मे ढुल्लू महतो (Dhullu Mahato) को बाबूलाल मरांडी ने अपने पार्टी से टिकट दिया, इस बार ढुल्लू महतो को 56026 वोट मिला जो अभी तक बहुत बड़ा रिकार्ड था। और ये चुनाव ढुल्लू महतो जी जीत गए, इनके विपक्ष में खड़े इनके प्रतिद्वंदी जलेश्वर महतो जी को 36066 वोटमिले और अपने क्षेत्र से पहली बार ढुल्लू महतो जी नवनिर्वाचित विधायक के रूप में चुने गए । बाघमारा मे मानो विकास की लहर दौड़ गई और हर जगह बस इनकी ही चर्चा होने लगी थी।
जब ढुल्लू महतो को 11 महीने का जेल हुआ
आखिर ढुल्लू महतो जी को जेल क्यों जाना पड़ा? इनके विरोधी अंदर ही अंदर षडयंत्र रच रहे थे और इन्हें एक झूठे आरोप मे फंसा दिया। 11 महीने तक ढुल्लू महतो जी को जेलमे रखा गया, जब ये जेल से बाहर निकले तो इनके चाहने वाले की इतनी भीड़ एकट्ठा हो गई थी जिसको संभालना मुश्किल था। लोग जेल गेट के दिवारो पे चढ रहे थे सिर्फ ढुल्लू महतो को देखने के लिए। जमीन मे तो पाँव रखने तक की जगह नही थी जेल गेट से लेकर रणधीर वर्मा चौक तक हर जगह जाम तथा इनके निकलते ही इनके नाम का जयकारा लगने लगा था।
चारो तरफ ढुलू महतो जिंदाबाद के नारे लगने लगे थे, इसी बीच जेल के दौरान कई पार्टीयो ने इनसे मुलाकात की और अपनी पार्टी मे शामिल करने को चाहा लोकसभा चुनाव लड़ने का ऑफर दिया लेकिन ढुल्लू महतो मे सीधा इंकार कर दिया। कुछ महीने के बाद बीजेपी मे शामिल हो गए और 2014 मे भारतीय जनता पार्टी ने इन्हें अपने पार्टी से टिकट दिया। इस चुनाव मे ढुल्लू महतो जी ने 86603 वोटो के साथ अपने पिछले, साल 2009 का रिकॉर्ड तोड़ दिया। और फिर इस बार इनके प्रतिद्वंदी जलेश्वर महतो 56980 वोट लाकर हार गए। बहुत सालो के बाद बाघमारा मे विधायक के रूप में ढुलू महतो ने अपनी जगह बनाई।
ढुल्लू महतो के ऊपर अनगिनत आरोप लगे
(Dhullu Mahato) ढुल्लू महतो की वजह से एक ऐसा परिवार जो आत्महत्या करने को मजबूर हुआ। ऐसा क्या हो गया कि यह सब करना पड़ गया तो आईए जानते हैं। वह परिवार धनबाद के उपायुक्त कार्यालय में पहुंच कर आत्मदाह करने का प्रयास किया लेकिन वहां के कुछ सुरक्षा बलोंने उसे किसी तरह रोका समझाया। तो एक मजदूर आउटसोर्सिंग में एक ड्राइवर के रूप में कार्यरत था जिनकी पगार ₹16000 थी। एक दिन उसके 16000 की पगार में से ₹6000 काट ली गई। यह ₹6000 गए कहां गए तो यह ₹6000 ढुल्लू महतो के रंगदारी टैक्स के रूप में कट गए।
ऐसा आउटसोर्सिंग के ड्राइवर का कहना है, जब मजदूर ने कंपनी से पूछा कि क्यों काटा गया तो कंपनी के कर्मचारियों ने कहा कि ऐसा विधायक ढुल्लू महतो के कहने पर हुआ। जाकर उससे बात करो, और जो मजदूर कंपनी के खिलाफ खड़ा हुआ तो आउटसोर्सिंग कंपनी वालों ने उस ड्राइवर को कंपनी से ही निकाल दिया।
राजनीति सफर
ढुल्लू महतो बहुत जल्द बोकारो के विधायक समशेर सिंह (समरेश सिंह) के नजर में आए और यहीं से शुरू हुआ ढुल्लू महतो का राजनीतिक सफर। बोकारो के पूर्व विधायक समशेर सिंह ने ही बाघमारा मे टाइगर फोर्स का गठन किया, और ढुल्लू महतो को उसका अध्यक्ष बनाया। ये टाइगर फोर्स बेरोजगार युवाओं का संगठन था।
पहली बार ढुल्लू महतो चुनाव समरेश सिंह के पार्टी झारखंड वनांचाल कांग्रेस की तरफ से खड़े हुए। ढुल्लू महतो ने साल 2005 में बाघमारा विधानसभा से समरेश सिंह के पार्टी झारखंड वनांचाल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा। और 26000 हजार वोट हासिल किये इसके बाद 2009 के विधानसभा चुनाव मे jvm सुप्रीमो बाबूलाल मारांडी ने ढुल्लू महतो को अपनी पार्टी से उम्मीदवार बनाया। और ढुल्लू महतो शानदार जीत दर्ज की, 2014 में ढुल्लू महतो बीजेपी में शामिल हो गए, और 56000 से अधिक वोटों से दूसरी बार विधायक बन गए।
बाघमारा क्षेत्र से बेगैर ढुल्लू महतो के मर्जी से कोयले का उठाव नहीं कर सकते है, कहा तो ये जा रहा है वहाँ के कोयला कारोबार में प्रति टन उनके लोगों को रंगदारी देनी पड़ती है। ढुल्लू महतो पर नवंबर 2018 में हार्ड कोक उद्योग पतियों का संगठन इंडस्ट्री एण्ड कॉमर्स एसोसियशन ने कोयला उठाव में प्रति टन 600 रुपये टैक्स को बढ़ाकर 1250 रुपये प्रति टन टैक्स लगाने का आरोप लगाया था। मामले कि जांच संयुक्त कमिटी ने की 4 महीने में जांच पुरी हुई, लेकीन न जाने किसके खौफ से उसके रिपोर्ट लागू नहीं कि गई। तकरीबन एक साल तक तो वहाँ से कोयला उठाव ही नहीं हुआ।
बाघमारा क्षेत्र के ही रहने वाले धनबाद कोर्ट के वकील सोमनाथ चटर्जी का आरोप है पुलिस प्रशासन के ही सरंक्षण में विधायक ढुल्लू महतो धनबाद कोलियरी से हर महीने 300 करोड़ की रंगदारी वसूलते हैं। वकील सोमनाथ चटर्जी ने कहा बाघमारा के bccl एरिया 1 से लेकर 5 तक पुलिस प्रशासन के सरंक्षण में प्रतिदिन, प्रतिमाह 80 से 90 ट्रक कोयला चोरी करके बरवअड्डा, गोबिन्दपुर, निरसा के भट्टा मे भेजा जा रहा है और वहाँ से 2 नंबर कागज बनाकर बनारस के कॉलमंडी में बेचा जा रहा है।
चिटाही धाम रामराज मंदिर का निर्माण
और हर बार की तरह ढुल्लू महतो हर आरोप को निकारता गया और विरोधियों की साजिश बताया, ढुल्लू महतो बहुत ही धार्मिक आदमी है इन्होंने ने तो अपने ही गाँव में भारी भरकम लागत से भव्य अति सुंदर राम राज मंदिर ही बना दिया जिसको बनाने में करोड़ों रुपये खर्च हुए। पूरा मंदिर सफेद संगमरमर से बना हुआ है, ऐसा सुंदर मंदिर पूरे धनबाद जिले में नहीं न ही किसी संगठन ने अभी तक बनाया है। इनका गाँव चीटाही से चीटाही धाम हो गया और आज कि तारीख में ये स्थान एक पर्यटन स्थल बन गया।
जिसको देखने के लिए अलग अलग जिले और अगल बगल राज्यों से हर दिन आते रहते हैं। राम राज मंदिर को बनाने में तकरीबन 18-19 करोड़ रुपये लगे एक रिपोर्ट कि माने तो।
राम से ढुल्लू महतो का गहरा और पुराना नाता है, पाँच भाइयों में सबसे छोटे ढुल्लू महतो के चार बड़े भाई राम प्रसाद महतो, लक्ष्मण महतो भरत महतो और शत्रुघन महतो हैं जब घर में ही भाइयों का नाम रामायण के पात्रो पर रखा गया हो तो भला धार्मिक होना स्वाभाविक है। मंदिर बनाने मे जो 17-18 करोड़ रुपये जो खर्च हुए वो गाँव के आसपास से चन्दा एकट्ठा किया गया ऐसा ढुल्लू महतो ने कहा। लेकिन यहाँ पर बाघमारा के ही वकील सोमनाथ चटर्जी ने इल्जाम लगाया है कि ये बस ब्लैक मनी को व्हाइट मनी बदलने का जरिया है।
और वकील ने दस्तावेज भी income tax departmant को सौंपा है। वकील ने ये तक कह दिया कि अगर किसी ने 10 रुपया चन्दा दिया तो वहाँ पर लिख दिया 10000 रुपया ऐसा हुआ है। इतना कुछ होने के बावजूद भी इनपर जांच क्यों नहीं बिठाई गई ये भी एक जांच का विषय है। आखिर इन पर जांच न करवाने के पीछे वजह क्या हैं। कोर्ट से लेकर हाई कोर्ट तक याचिका दायर की, अपनी संपत्ति सारी अपने नाम से न लेकर अपने करीबी रिश्तेदार पार्टी वर्कर, विश्वासी के नाम से लिया। वकील ने कहा कि सिर्फ धनबाद जिले में 2000 एकड़ जमीन हैं। conti…