के बाघमारा में स्थित चिटाही धाम रामराज मंदिर परिसर में जाकर भगवान राम सीता माता और लक्ष्मण जी का दर्शन अभी तक नहीं किए है, तो एक बार जाकर वहां अवश्य दर्शन करे। मन को अति आनंद और संतुष्टि मिलेगी। प्रतिदिन बाघमारा के रामराज मंदिर में सैकड़ों हज़ारों लोग अगल बगल के जिलों एवं अन्य अगल बगल के राज्यों से लोग यहां भगवान राम और सीता माता जी के दर्शन करने आते रहते हैं। रामराज मंदिर का निर्माण बाघमारा के Mla विधायक (Mla) ढूल्लू महतो जी ने करवाया है, जिसके निर्माण मे करीब 2 करोड़ से अधिक रुपये खर्च हुए।
बाघमारा रामराज मंदिर का निर्माण Ram Raj Mandir Dhanbad
रामराज मंदिर का निर्माण करीब 220 फीट लंबे और करीब 150 फीट चौड़े स्थल पर की गई है। चिटाही धाम रामराज मंदिर एकदम भव्य और अति सुंदर है, रामराज मंदिर का निर्माण पूरी तरह से हो चुका है और हर रोज लोगों का यहां आना जाना लगा रहता है। बाघमारा के विधायक ढुल्लू महतो और उसके कार्यकर्ताओं के मुताबिक रामराज मंदिर के निर्माण में करीब 2 करोड़ रुपये से भी अधिक खर्च हुए। रामराज मंदिर का निर्माण एक काल्पनिक आधार किया गया है जिसको आंध्र प्रदेश के कारीगर पी. गोपाल राव के द्वारा डिजाइन किया है और निर्माण किया गया है।
इस मंदिर की सुंदरता और भव्यता देख हर कोई यही कहता नजर आता है कि वाह क्या मंदिर है कितनी यहां मन की शांति है। रामराज मंदिर में भगवान राम के अलावा माता सीता जी, लक्ष्मण जी और हनुमान की मूर्ति स्थापित की गई। इसके अलावा इस मंदिर में भगवान शिव जी, गणेश जी पार्वती और कृष्ण-राधा जी की भी मूर्ति स्थापित की गई है।
रामराज मंदिर में जिस संगमरमर पत्थर का इस्तेमाल किया गया है उसे खासकर राजस्थान से मंगवाया गया है जो राजस्थान के मकराना के खदानों मे मिलते हैं इससे अच्छे किस्म के संगमरमर पत्थर कोई दूसरा है ही नहीं ऐसा वहाँ के निर्माणकर्ता का कहना है। रामराज मंदिर के निर्माण में करीब दो वर्ष लगे, इस मंंदिर को बनाने में करीब 150 मजदूरों ने काम किया। रामराज मंदिर करीब 2 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है और मंदिर लंबाई करीब 220 फुट और चौड़ाई 150 फुट मापी गई है। मंदिर के प्रांगण में ही अगल बगल छोटे छोटे गार्डन बनाया गया है जिसमें हरे भरे घास और पेड़ भी लगे हुए हैं।
मन्दिर के अलावा वहाँ देखने और घूमने योग क्या है?
रामराज मंदिर के अलावा वहाँ पर अंदर घुसने के बाद सीधे जाने पर एक रास्ता है जो मंदिर से ही जुड़ा जो मंदिर के दूसरी तरफ जाता है। जहां पर एक छोटा सा तालाब के जैसा है जहां पर बोटिंग की सुविधा उपलब्ध है जिस पर बैठकर आप खुद से नाव का आनंद का लुप्त उठा सकते हैं। नाव की सवारी करने से पहले आपको नाव के भाड़े के बारे में पता होनी चाहिए पहली तो आपको खुद से चलानी पड़ेगी, वो भी पैर से उसमे पैडल दिया है जिसकी मदद से आप साइकिल की तरह बोट को चला सकते हैं।
बोट में सिर्फ 4 आदमी ही बैठ सकते हैं, और बात करे इसके किराये की तो अगर आप बोटिंग करना चाहते हैं तो आपको 150 देने पड़ेंगे और जो समय मिलता है करीब 10 मिनट दिया जाता है। बाघमारा के रामराज मंदिर का प्रसाद आप ऑनलाइन भी बुक कर सकते हैं। जिसके लिए आपको कुछ रकम ऑनलाइन भुगतान करना पड़ता है।
बाघमारा रामराज मंदिर के आसपास बहुत से छोटे छोटे फुटकर दुकानदार है और वहां कुछ ऐसे लोग हैं जिसका जमीन कब्जा किया गया है जिसका आरोप वहीं के विधायक ढुल्लू महतो जी पर लगाया गया है। जिसकी जमीन हड़पी गई है उसने विधायक पर जमीन कब्जे के आरोप लगा कर उनके खिलाफ मुकदमा भी दायर कर चुकी है। अभी भी जमीन विवाद का मामला चल रहा है, आए दिन इसको लेकर खबर आती रहती है। मंदिर के बगल में ही एक छोटा सा धर्मशाला भी बनाया गया है जहाँ पर अपनी सुविधा अनुसार बुक कर सकते हैं। खासकर लोग धर्मशाला की बुकिंग शादी समारोह के लिए करते हैं, जिसका बुकिंग का किराया अधिक नहीं है।
मन्दिर के आसपास बहुत से वहीं के लोगों के द्वारा कई सारी दुकाने लगाई जाती है जिसमें से पहले तो आपको मन्दिर के सामने ही मंदिर में प्रसाद चढ़ाने के लिए प्रसाद की दुकान मिल जाएगी। उसके बाद आपको खाने के लिए बहुत से छोटे मोटे ठेले और दुकान मिल जाएगी जिसमें आपको पानी पूरी, इटली, डोसा, ice-cream, छोटे मोटे कलाकृतियां की समान, आप वहाँ फोटो भी खिंचवा सकते हैं जिसके लिए आपको मात्र 50 रुपये लगेंगे और फोटो भी तुरंत मिल जाएंगे। वहाँ पर पार्किंग की सुविधा तो है लेकिन आपको अपनी गाड़ी की देखरेख खुद करनी पड़ेगी क्योंकि पार्किंग का कोई चार्ज नहीं है यानी कि गाड़ी देखने वाला कोई नहीं है
हो सकता है कि कुछ दिनों में ये सुविधाएं जल्द मुहैया करा दी जाए जिससे ये होगा कि गाड़ी चोरी होने का डर थोड़ा कम हो जाएगा। बात करे रामराज मंदिर कि दूरी कि तो धनबाद स्टेशन से करीब 26 किलोमीटर है और झरिया से करीब 25 किलोमीटर है।