नीरज चोपड़ा का जीवनी | Neeraj Chopra biography in hindi

नीरज चोपड़ा का जीवन परिचय

neeraj Chopra photo नीरज चोपड़ा फोटो

नीरज चोपड़ा का जन्म, परिवार व शिक्षा (Neeraj Chopda Birth, family & Education)

नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) का जन्म 24 दिसंबर सन्न 1997 को हरियाणा के पानीपत के एक गांव खान्द्रा में एक गरीब किसान परिवार के घर हुआ, नीरज चोपड़ा के पिता का नाम सतीश कुमार चोपड़ा जी है, और माता जी का नाम सरोज देवी है। इनके पिताजी पेशे से एक किसान है उनका अधिकांश जीवनयापन खेती कर के दिन गुजरता था घर भी उसी से चलता था। नीरज चोपड़ा की माताजी घर के सारे कामकाज संभालती है, नीरज चोपड़ा की शुरुआती पढ़ाई लिखाई पानीपत के खान्द्रा गाँव से ही हुई है।

शुरुआती पढ़ाई लिखाई के बाद ग्रेजुएशन इन्होंने बीबीए कॉलेज से पूरी की नीरज चोपड़ा बचपन में बहुत हट्टे कट्टे और मोटे हुआ करते थे लेकिन उम्र बढ़ते बढ़ते हो एकदम स्लिम हो गए। लेकिन नीरज चोपड़ा का पतला होने के पीछे उनके चाचा जी का बड़ा हाथ है।

नीरज चोपड़ा का पूरा नामनीरज चोपड़ा
नीरज चोपड़ा का जन्म (Birthday)24 दिसंबर 1997
जन्मस्थानपानीपत के एक गांव खान्द्रा में (हरियाणा)
उम्र25 साल (2023)
Neeraj Chopra Height5 फुट 10 इंच के करीब
नीरज चोपड़ा के पिता का नामसतीश कुमार चोपड़ा
नीरज चोपड़ा की माता का नामसरोज देवी
Neeraj Chopra father’s occupationकिसान
Neeraj Chopra Brother’s name
Neeraj Chopra sister’s nameहिमिका कुमारी
Neeraj Chopra wife’s nameअभी शादी नहीं की

नीरज चोपड़ा जी का गोल्ड मेडल का सफर

नीरज को स्कूल में मोटा कहकर भी बहुत चिढ़ाते थे लेकिन नीरज चोपड़ा को जरा सा भी इससे फर्क नहीं पड़ता था। जब नीरज चोपड़ा 13 साल के हुए तो उनका वजन अचानक से बढ़ने लगा था उसके बाद उनके चाचा जी उन्हें जोगिंग पर ले जाया करते थे ग्राउंड में उन्हें दौड़ाते थे ग्राउंड के राउंड लगवाते थे। नीरज चोपड़ा को उसी ग्राउंड में उनके चाचा जी उनको जोगिंग कराना ले जाते थे जहाँ पर कुछ खिलाड़ी होते थे जो वहां पर भाला फेंकने का प्रैक्टिस किया करते थे।

ये देखकर नीरज चोपड़ा को इस खेल में के बारे में कुछ भी पता नहीं था, पता करने पर इनको इस खेल के बारे में पता चला। नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) भाला फेंकते हुए खिलाड़ी को देखकर उससे बहुत प्रभावित हुए और उन्हें लगा कि ये उन लोगों से ये बेहतर कर सकते है और ऐसा ही हुआ। नीरज चोपड़ा को यह खेल बहुत पसंद आया तो नीरज चोपड़ा को भी भाला फेंकने का शौक चढ़ा। उसके बाद नीरज चोपड़ा भी भाला फेंकने का प्रैक्टिस शुरू किया और धीरे-धीरे भाला फेंकने में नीरज चोपड़ा बहुत माहिर हो गए।

तो नीरज चोपड़ा एक दिन अपने पिताजी से बोले कि पिताजी मुझे प्रैक्टिस करने के लिए कुछ सामान चाहिए जो करीब एक लाख रुपए से ऊपर के आएंगे। घरवाले तो उन्हें सपोर्ट करना चाहते थे लेकिन उस वक्त उनके पिताजी के पास इतने पैसे नहीं थे।
तो नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopda) के पिताजी ने कहा कि बेटा कुछ वक्त दो हमें कुछ करता हूं किसी तरह तुम्हें जेवलिन दिलाता हूं। कुछ समय के बाद किसी तरह नीरज चोपड़ा के पिताजी नीरज को ₹100000 से ऊपर के जेवलिन खरीद कर अपने बेटे नीरज चोपड़ा को देते हैं।

जब नीरज चोपड़ा भाला फेंकने का प्रैक्टिस कर रहे थे तो एक बार उनके हाथ की कलाई टूट गई थी। उसके बावजूद नीरज चोपड़ा जी ने कभी भी प्रेक्टिस नहीं छोड़ी लगातार करते रहे, नीरज चोपड़ा लगातार मेहनत करते रहे प्रैक्टिस करते रहे और 1 दिन उनका मेहनत रंग लाई। जब नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) 15 साल के हुए तब वह साल 2012 थी, तब नीरज चोपड़ा ने एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीता था, उसके बाद अंडर-20 में 2016 में पोलैंड में हुए IAF वर्ल्ड चैंपियनशिप में 86.48 मीटर दूर भाला फेंक कर नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया था।

गोल्ड मेडल जीतने के बाद नीरज चोपड़ा को जूनियर कमीशन ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया गया। वह समय नीरज चोपड़ा के लिए बहुत खुशी का दिन था क्योंकि उनके परिवार में अभी तक किसी को भी सरकारी नौकरी नहीं मिली थी। नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) आगे भी प्रेक्टिस करते हुए अपनी तैयारी करते रहे, उसके बाद 2018 के एशियन चैंपियनशिप में अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नीरज चोपड़ा ने 88 मीटर से भी अधिक दूर भाला फेंककर एक और गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया था।

उसके बाद नीरज चोपड़ा ने 2018 के कॉमनवेल्थ गेम में भी मेडल जीता, उसके बाद एक दिन नीरज चोपड़ा के कंधे में किसी कारणवश हो सकता है प्रैक्टिस के दौरान उनके कंधे में चोट आ गई, जिसके कारण उन्हें 2 साल तक बेडरेस्ट पर जाना पड़ा यानि बैठना पड़ा जिसमें वह प्रैक्टिस नहीं कर सके। और स्वाभाविक है कि किसी भी तरह के प्रतियोगिता में शामिल नहीं हो सकते थे।
जब नीरज चोपड़ा जी के कंधे का चोट ठीक हुआ था उन्होंने फिर से अपनी प्रैक्टिस शुरू कर दी, जो ओलंपिक 2020 में होने वाला था वह नहीं हो सका क्योंकि उस वक्त कोरोनावायरस बहुत बढ़ चुका था।

जिसकी वजह से ओलंपिक को रोक दिया गया था। वह ओलंपिक 2021 में हुआ जिसमें नीरज चोपड़ा जी शामिल हुए और उस ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने 87.58 मीटर दूर भाला फेंक कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। नीरज चोपड़ा को हरियाणा सरकार की तरफ से ₹60000000 मिले, और साथ में नौकरी देने का भी ऐलान किया था। पंजाब सरकार ने भी करीब दो करोड़ पर नीरज चोपड़ा को इनाम के तौर पर दिए एक रिपोर्ट के मुताबिक।

मणिपुर सरकार ने भी एक करोड़ रुपए देने का ऐलान किया है रिपोर्ट के मुताबिक, आईपीएल के टीम चेन्नई सुपर किंग ने भी नीरज चोपड़ा को करोड़ रुपये देने का ऐलान किया था, साथ में बीसीसीआई ने भी नीरज चोपड़ा को एक करोड़ रुपये देने का ऐलान किया था। उसके बाद इंडिगो ने नीरज चोपड़ा को 1 साल तक ट्रैवलिंग की सर्विस सुविधा दी है। उसके बाद महेंद्र ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने भी नीरज चोपड़ा को महिंद्रा गिफ्ट के तौर पर महिंद्रा एक्सयूवी 700 देने का ऐलान किया था।

एक समय ऐसा था कि जब नीरज चोपड़ा बच्चा थे तब उन्हें भी नहीं पता था कि खेल कितने प्रकार के होते उन्हे बस क्रिकेट के बारे में ही ज्यादा पता था। और नीरज चोपड़ा को क्रिकेट खेलना पसंद था, लेकिन जब नीरज धीरे-धीरे बड़े हुए तो उन्हे एहसास हुआ और भाला खेलते हुए खिलाड़ी को जब देखा तो इन्हें भी खेल खेलने की चाह हुई, उसके बाद नीरज चोपड़ा ने भी धीरे-धीरे इसको समझा और समय अनुसार भाला फेंकने का प्रेक्टिस शुरू किया।

और आज इस मुकाम पर पहुंचा है कि पूरा भारत नीरज चोपड़ा जी को अच्छे से जानते हैं, और उन्हें गर्व महसूस होता है कि नीरज ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया और भी ऐसे बहुत से नाम है जिन्होंने ओलंपिक में कई गोल्ड मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया है जिसके बारे में मैं आपको एक एक करके पूरे विस्तार पूर्वक बताऊंगा। एथलेटिक्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले लाने वाले नीरज चोपड़ा पहले भारतीय हैं जिस पर पूरे भारतवर्ष को गर्व है।

नीरज चोपड़ा ने मैदान में कुछ प्लेयर को भला सीखते हुए देखा तो इसमें भी वहां पर उनसे पूछ कर भला फेंकने कि इजाजत मांगी तो जब नीरज चोपड़ा ने जब भाला फेंका तो पहले ही प्रयास में इन्होंने अच्छी लंबी बहुत दूर तक भाला फेंक दिया जिससे कि वहाँ पर मौजूद प्रैक्टिस कर रहे खिलाड़ी को लगा कि आगे चलकर अच्छा खेल सकता है तो इसके बाद से इन्होंने नीरज चोपड़ा भाला फेंकने का प्रैक्टिस शुरू कर दिया और उस समय तक एथलेटिक्स में भाला फेंकने वाला कुछ खास ज्यादा खिलाड़ी नहीं थे और उसके बारे में कोई जानते भी नहीं थे।

वहां मौजूद खिलाड़ी ने नीरज चोपड़ा से कहा कि तुम हमारे साथ प्रैक्टिस करो आगे चलकर तुम अच्छा कर सकते हो। नीरज चोपड़ा के परिवार में कोई भी स्पोर्ट्स फील्ड में नहीं हैं जो किसी भी तरह का गेम खेलते हैं और पूरे गांव में भी नहीं है। जब नीरज चोपड़ा ने बचपन में जब जेवलीन शुरू कि तो घरवाले शुरू में तो नहीं मान रहे थे कि उनको घर से बाहर नहीं भेजना है लेकिन धीरे-धीरे किसी तरह घर वाले समझ गए और बाहर प्रैक्टिस के लिए ने भेज दिया गया। धीरे-धीरे जो प्रैक्टिस शुरू की डिस्ट्रिक्ट लेवल फिर स्टेट लेवल खेलना शुरू किया।

मेडल जीते तो घर वालों को भी लगने लगा कि हां कुछ अच्छा कर रहा है। तो उसके बाद परिवार वाले इनकी मदद करने लगे, तो उस वक्त नीरज चोपड़ा के एक मकान का मरम्मत का काम चल रहा था तो उस पैसे को उससे घर वालों ने नीरज चोपड़ा इक्यूपमेंट पर खर्चा किया। यह कहकर कि अब इस घर को तुम्ही को आगे मरम्मत कराना होगा क्योंकि सारे पैसे तुम पर खर्च कर रहे हैं जो घर के मरम्मत कराने के पैसे थे,

नीरज चोपड़ा के परिवार में कुल 17 परिवार रहते हैं जिसमें दादा-दादी मम्मी पापा एक छोटी बहन चार चाचा चाची और उनके बच्चे रहते हैं। और पूरा परिवार आज के दौर में भी हंसी खुशी सब एक साथ रहते हैं।

neeraj Chopra photo नीरज चोपड़ा फोटो

नीरज चोपड़ा को हरियाणवी गाना सुनना ज्यादा पसंद है, नीरज चोपड़ा को देसी देसी ना बोल्या कर छोरी रे गाना बहुत ज्यादा पसंद है। नीरज चोपड़ा को अक्षय कुमार और रणदीप हुड्डा अभिनेता पसंद है। तो नीरज चोपड़ा के जीवन में सबसे यहां रोल जो एक रोल मॉडल का होता है वह उनके छोटे चाचा जी का था। उनको हर कदम पर नीरज चोपड़ा की मदद करते हुए छोटे से लेकर बड़े तक नीरज चोपड़ा अपने छोटे चाचा जी से खुलकर बातें किया करते हैं। जब नीरज चोपड़ा ने जैवलिन शुरू की थी तो सबसे ज्यादा वीडियोस Zelezny की ही देखते थे जो जेवलिन का थ्रो बहुत ही अच्छा करता था।

उसके बाद भारत के सुशील कुमार को भी पसंद करते हैं जिन्होंने 2 मेडल भारत के लिए जीते हैं, नीरज चोपड़ा ने जेवलीन फरवरी 2011 से शुरू किया था। उस वक्त उनकी उम्र करीब तेरा 14 साल थी और यह जैवलिन 8– 9 साल से कर रहे हैं। नीरज चोपड़ा घर से 14 साल की उम्र में ही साल 2011 में दूर हो गए थे। पानीपत में ही नीरज चोपड़ा जी छोटा मोटा रूम लेकर अपने सीनियर के साथ जैकलिन का प्रैक्टिस शुरू किया था, क्योंकि प्रतिदिन आने-जाने का जो खर्चा होता था एक लंबा सफर होता था जो प्रतिदिन आना जाना संभव नहीं था नीरज चोपड़ा के लिए।

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