पूर्णिमा नीरज सिंह जीवनी | Purnima Niraj Singh Biography in hindi

पूर्णिमा नीरज सिंह जीवन परिचय

Purnima Niraj Singh photo

आज हम Jharia के MLA विधान सभा के सदस्य पूर्णिमा नीरज सिंह जी की जिंदगी से जुड़ी कुछ अहम् दिलचस्प चीजों के बारे में जानेंगे। कभी भी पॉलिटिक्स में interest न रखने वाली हमारे पूर्व धनबाद

के डिप्टी मेयर और कांग्रेस के नेता हम सब के चहेते हर मुश्किल की घड़ी में खड़े रहने वाले जो आज हमारे बीच नहीं हैं स्व. नीरज सिंह जी। उनकी पत्नी पूर्णिमा सिंह ने कभी सोचा भी नहीं था। कि उन्हें राजनीति में उतरना पड़ेगा। परिवार में बात जरुर उठती थी लेकिन Purnima Niraj Singh राजनीति में नहीं आना चाहती थी, वो आम ज़िन्दगी से ही बेहद खुश थी।

पूर्णिमा सिंह जी का जन्म उत्तरप्रदेश के वाराणसी में हुआ। इन्होंने अधिकांश समय अपने दादा जी के साथ ही गुजरी है। और पढ़ाई लिखाई भी उन्हीं के देख रेख मे हुई है।

Purnima Niraj Singh का जन्म व परिवार

पूर्णिमा नीरज सिंह का जन्म 21 नवंबर 1985 को वाराणसी उत्तरप्रदेश राज्य में हुआ। विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह की एक बहन का नाम विजयलक्ष्मी सिंह है जिनका जन्म का तारीख शायद 4 नवंबर है। इनके दादा जी एक आईपीएस (IPS) Officer थे, पूर्णिमा सिंह का लगभग जीवन अपने दादा जी के साथ गुजरा है। उन्हीं की छत्र छाया में इनकी पढ़ाई लिखाई हुई। parents के साथ ज्यादा रहती नहीं थी, पूर्णिमा सिंह जी की पढाई लिखाई उत्तरप्रदेश के अलग अलग स्कूलों में हुई है। 12वीं क्लास तक कि पढाई में पूर्णिमा नीरज सिंह ने करीब 12 बार स्कूल बदले।

आखिर ऐसा करने के पीछे कारण है ये हो सकता है कि इनके दादा जी का अक्सर Transfer होता रहता था। फिर उसके बाद लखनऊ में सेटल हुए। बोर्ड की परीक्षा पूर्णिमा सिंह ने लखनऊ से दिया, ये सिर्फ पढाई पर ध्यान देती थी न की क्लास में फर्स्ट कैसे आया जाये। इंसान को बस ज्ञान मिलते रहना चाहिए कुछ नया सिखने को मिलते रहना चाहिए कुछ ऐसी सोचती थी पूर्णिमा नीरज सिंह जी फिर उसके बाद आगे की पढाई के लिए दिल्ली चली गई।

पूर्णिमा नीरज सिंह जी का Politics में Entry कैसे हुई?

अगर नीरज सिंह जी जिन्दा होते तो शायद पूर्णिमा सिंह जी Politics में कभी आती ही नहीं। और न ही इनको कभी राजनीति में आने का शौक था। इन्होंने कई interview में कहा भी कि जिसको राजनीति करनी हो करे मुझे नहीं करनी है। लेकिन हालात और मजबूरियां हर किसी से वो करने पर मजबूर ही कर देती है। तो पूर्णिमा नीरज सिंह जी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ की हालात और मजबूरियों के कारण इन्हें राजनीति में आना पड़ा। कारण ये था की इनके पति नीरज सिंह जी का हत्या हो गया उसके बाद राजनीति में आने का फैसला किया।

पूर्णिमा नीरज सिंह के पति नीरज सिंह जी का हत्या का आरोप उन्ही के चचेरे भाई संजीव सिंह जी पर लगा। जो झरिया के पूर्व विधायक भाजपा के नेता हैं, जो फ़िलहाल जेल में बंद है। 2019 के विधानसभा चुनाव में झरिया के कांगेस सिट से स्व. नीरज सिंह जी की पत्नी पूर्णिमा सिंह जी मैदान में उतरे। और दूसरी तरफ जेल में बंद नीरज सिंह जी के चचेरे भाई संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह। जो दोनों एक ही परिवार से संबंध रखती है। तो 2019 के विधानसभा चुनाव में स्व. पूर्णिमा सिंह जी की ही जीत हुई।

लॉक डाउन के दौरान ऐसे बहुत से मजदूर काम पर न जाने की वजह से रोजमर्रा का जीवन प्रभाव पड़ रहा था। लेकिन पूर्णिमा नीरज सिंह जी हर मोहल्ले में खुद या अपने लोगो के माध्यम से वहां तक राशन पहुंचाते थे। लॉक डाउन के दौरान पूर्णिमा नीरज सिंह जी के द्वारा कई बस्तियों में मुख्यमंत्री के सहयोग से दाल भात कार्यक्रम का सुभारंभ किया गया।

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लॉक डाउन के दौरान कई मोहल्ले बस्तियों में खुद पूर्णिमा नीरज सिंह जी जाकर जायजा लेकर वहां की स्थिति के मुताबिक वहां हर तरह से मदद पहुंचाया। और कई बस्तियों में बच्चो के लिए खाना का प्रबन्ध भी किया और अपने हाथो से बच्चो को खाना परोसती भी थी। आज भी कहीं ऐसी अगर किसी भी तरह की जरुरत पड़ती है तो पूर्णिमा नीरज सिंह खुद या अपने लोगो के द्वारा उन्हें तुरंत सहायता पहुंचाई जाती है। इस लॉक डाउन में ऐसे और भी बहुत से लोग मदद करने के लिए सामने आये जो दुसरो की मदद करने के लायक थे, और हर संभव मदद करने की कोशिश करते थे।

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झरिया कांग्रेस नेता डिप्टी मेयर Niraj Singh हत्याकांड

21 मार्च 2017 की शाम करीब 7 बजे के आसपास झरिया कांग्रेस के नेता नीरज सिंह अपने four wheeler गाड़ी से अपने घर रघुकुल जा रहे थे। जो सराईढेला में है, नीरज सिंह जी आगे की सिट ड्राईवर के बगल में बैठे हुए थे। स्टील गेट के नजदीक जब इनकी गाड़ी पहुँचती है तो वहां पर एक स्पीड ब्रेकर बना हुआ था। और जब इनकी गाड़ी स्पीड ब्रेकर के पास धीमी होती है। तो पहले से घात लगाये कुछ अपराधी दो बाइक से आते हैं और उनकी गाड़ी को घेर लेते हैं।

गाड़ी को घेर लेने के बाद ज्यादा समय न गंवाते हुए और इससे पहले की गाड़ी में बैठे नीरज सिंह जी के साथी कोई कुछ समझ पाता। बाइक से आये अपराधी तुरंत गाड़ी को घेर कर चारो तरफ से अन्धाधुन्ध गोलियों की बरसात कर देती है। उनके पास 9 mm की पिस्टल थी कुछ और भी हथियार थे कम से कम 100 राउंड के आसपास गोलियां चलती है। रिपोर्ट के मुताबिक उसके बाद अगल बगल भी हडकंप मच गई थी। इस फायरिंग में कांग्रेस नेता नीरज सिंह जी समेत उनके ड्राईवर उनके ड्राईवर, सहायक और बोडिगार्ड मिला के 4 लोगो की मौत मौके पर ही गई थी।

जब नीरज सिंह जी के बॉडी को पोस्टमार्टम किया गया तो उनके शरीर से करीब 17 गोलियां निकली। और उनके शरीर में लगभग 67 छेद हो गए थे। जिनमे से कुछ गोलियां नीरज सिंह जी के शरीर से आरपार हो गई थी। उसके बाद खुफिया जानकारी के मुताबिक कुछ शूटरो को भी अलग अलग जगहों से Up पुलिस की मदद से गिरफ्तार कर धनबाद पुलिस को रिमांड पर दिया गया।

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