सैफ अली खान को भला आज कौन नहीं जानता पूरी बॉलीवुड इंडस्ट्री के टॉप 10 अभिनेता में से एक है। इनको आखिर नवाब क्यों कहा जाता है, इसके पीछे क्या कारण है? एक समय था जब इनके पास गिने चुने फिल्म ही आते थे। वैसे भी ग़र ये फिल्म इंडस्ट्री में नहीं आते तो इनकी एक अलग ही पहचान रहती। क्योंकि सैफ अली खान एक ऐसे परिवार से सम्बंध रखते हैं जिसका इतिहास बहुत ही पुराना रहा है और रईसी का भी है। जिसके बारे में आज आप विस्तार से जानेंगे, कि इनका वंश कब से चला आ रहा है। और इनके वंशज कौन थे? क्या आज इनके वंशज मौजूद हैं? आखिर में ये परिवार किस वंशज से ताल्लुक रखते हैं? इनके पिताजी मंसूर अली खान भारतीय क्रिकेट टीम पूर्व कप्तान भी रह चुके हैं। सैफ अली खान के वंशज अफगानिस्तान से ताल्लुक रखते हैं।
जो बहुत पहले ही भारत आकर बस गए थे। आखिर कैसे सैफ अली खान फिल्म इंडस्ट्री में आए, अपने से 12 साल बड़े अमृता सिंह से शादी की और दो बच्चे हुए। कुछ सालों के बाद आखिर क्यों अमृता सिंह ने सैफ से तलाक ले लिया। तलाक के बाद अमृता सिंह ने सैफ से क्या क्या मांगा? कितने रुपये भरण पोषण के रूप में मांगे जो उनका हक भी बनता है। अमृता सिंह से तलाक मिलने के बाद सैफ अली खान का affair अभिनेत्री करीना कपूर के साथ चली और बहुत दिनों तक चली। सुर्खियों में बहुत आने के बाद इन दोनों ने शादी की। जिससे सैफ का वर्तमान समय करीना कपूर से भी दो बच्चे है। फिलहाल इन दोनों कि शादी अभी तक मान्य है यानि अभी तक इन दोनों के बीच तलाक की नौबत नहीं आई।
सैफ का पूरा नाम
सैफ अली खान पटौदी
सैफ अली खान का जन्म
16 अगस्त ,1970
जन्मस्थान
दिल्ली
राष्ट्रीयता
सैफ अली खान के पिता का नाम
मंसूर अली खान पटौदी
पिता का पेशा
क्रिकेटर ( भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान
माता का नाम
शर्मिला टैगोर ( अभिनेत्री )
सैफ के भाई-बहन
दो बहने है – सोहा अली खान, सबा अली खान-
स्कूल
रिलायंस स्कूल और लाॅरेंस स्कूल
कॉलेज/ यूनिवर्सिटी
लाॅकर्स पार्क स्कूल, हर्टफोर्डशायर और विंचेस्टर कॉलेज इंग्लैंड
शिक्षा
सैफ अली खान का पत्नी का नाम
पहली अमृता सिंह, दूसरी करीना कपूर
बच्चे
पहली से दो – सारा और इब्राहीम अली खान, दूसरी से दो – तैमूर और जहांगीर अली खान
डैब्यू
परंपरा (1993).3 47 बव 0 न
सैफ अली खान का जन्म, परिवार और शिक्षा
अभिनेता सैफ अली खान का जन्म 16 अगस्त सन्न 1970 को दिल्ली में हुआ। सैफ अली खान के पिता का नाम मंसूर अली खान पटौदी है, जो भारतीय क्रिकेट टीम के मशहूर क्रिकेटर के साथ साथ भारतीय टीम के कप्तान भी रह चुके थे। इनकी माता जी का नाम शर्मिला टैगोर है, इनको भला कौन नहीं जानता शायद ही कोई ऐसा होगा जो इन्हें नहीं जानता होगा। साल 1970 और 1980 के दशक के समय के सबसे प्रसिद्ध और चर्चित अभिनेत्रियों में से एक रह चुकी हैं। सैफ अली खान की दो बहने है एक सोहा अली खान है जो कई फिल्मों में अभिनय कर चुकी है। लेकिन शादी के बाद से अब इनकी बहन ने फिल्मों में अभिनय करना लगभग लगभग छोड़ ही दिया। सैफ अली खान की जो दूसरी बहन सबा अली खान जो एक शाही डिजाइनर है।
सैफ अली खान का वर्तमान पत्नी का नाम करीना कपूर है। लेकिन इससे पहले भी सैफ अली खान की शादी हो चुकी थी इससे पहले इनकी पत्नी अमृता सिंह थी। सैफ अली खान का दूसरी लड़की से Affair के कारण अमृता सिंह ने सैफ से तलाक ले लिया। अमृता सिंह की उम्र सैफ से ज्यादा होने के बावजूद भी सैफ अली खान और अमृता सिंह दोनों को प्यार हो गया था। और एक दिन दोनों ने शादी भी कर ली। उसके बाद इनके दो बच्चे भी हुए, जिनमें एक बेटी है जिसका नाम सारा अली खान है। दूसरा बेटा हुआ जिनका नाम इब्राहिम अली खान है। इनके बेटे ने तो अभी तक फ़िल्मों में कदम नहीं रखा है लेकिन सैफ की बेटी सारा अली खान की खूबसूरती की वज़ह से फ़िल्मों में आना आसान हो गया। और वर्तमान समय में सारा अली खान कई फ़िल्मों में काम कर चुकी है।
सारा अली खान की पहली मूवी सुशांत सिंह राजपूत के साथ आयी है थी जिसका नाम केदारनाथ था ये बहुत जबरदस्त फिल्म थी।
सैफ अली खान का शिक्षा (Education)
सैफ अली खान की प्रारंभिक शिक्षा हिमाचल प्रदेश के रिलायंस स्कूल और लाॅरेंस स्कूल, सनावार से हुई। यह एक बोर्डिंग स्कूल है, उसके बाद मात्र 9 साल की उम्र में सैफ अली खान आगे की पढाई के लिए इंग्लैंड भेज दिये गये। इंग्लैंड के लाॅकर्स पार्क स्कूल, हर्टफोर्डशायर और विंचेस्टर कॉलेज से अपनी पढ़ाई की, पढ़ाई खत्म होने के बाद नवाब सैफ अली खान अपने देश भारत वापस लौट आये।
सैफ अली खान की पहली फिल्म?
इंग्लैंड से पढ़ाई कर लौटने के बाद सैफ ने दिल्ली में एक एडवरटाइजिंग कम्पनी के लिए करने लगा। उसके बाद सैफ के परिवार के किसी मित्र के कहने पर सैफ अली खान कपड़ो के ब्रांड “ग्वालियर सुइटिंग्स” के लिए कुछ विज्ञापनों में काम करने को कहा। ना जाने ऐसा क्या हुआ कि ये विज्ञापन का काम आगे बढ़ा ही नहीं किसी कारणवश विज्ञापन का कार्य बंद हो गया। उसके बाद ग्वालियर में टेलीविजन की शूटिंग में मौका मिला सैफ को डायरेक्टर आनंद महिंदरू ने कास्ट भी कर लिया था। लेकिन फिर से इनके साथ ऐसा क्या हुआ कि किसी कारण से यह काम भी बंद हो गया। उसके बाद सैफ अली खान मुंबई पहुंचे मुंबई पहुंचने के बाद सैफ को किसी तरह बॉलीवुड इंडस्ट्री में एक फिल्म में काम करने का मौका मिला। और फिल्म में काम भी किया।
उसके बाद सैफ ने अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की और सैफ अली खान की पहली फिल्म परम्परा बनी जो 1993 में आयी। जिसे यश चोपड़ा ने बनाई थी, सैफ की परम्परा फिल्म सिनेमाघरों में नहीं चली बुरी तरह पीट गई। इनकी ये पहली फिल्म थी हो सकता फ्लॉप होने का ये मुख्य कारण भी हो सकता है। उसके बाद सैफ की दूसरी फिल्म आशिक आवारा आई। इस फिल्म में सैफ ने काफी अच्छा अभिनय किया। जिसके लिए इन्हें फिल्मफेयर की तरफ से उभरते हुए नए सितारे के रूप में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी दिया। सन्न 1999 में बहुत से अभिनेता के साथ बनी फिल्म “हम साथ साथ हैं” में भी सैफ ने काम किया। इसमे में भी अच्छा अभिनय किया यह फिल्म सिनेमाघरों में अच्छी खासी चली लोगों को इनका अभिनय काफी पसंद आया।
2004 में इनकी एक फिल्म आई जिसका नाम हम-तुम था। यह एक रोमांटिक, कॉमेडी फिल्म थी लोगों ने इस फिल्म को बहुत पसंद किया। इस फिल्म के लिए सैफ को बेस्ट ऐक्टर का नैशनल फिल्म अवॉर्ड्स भी मिला।
सैफ अली खान का अफ़ैर और अमृता सिंह से शादी
सैफ अमृता सिंह से करीब 12 साल छोटे है बावजूद इसके दोनों के बीच प्यार हुआ। दोनों ने शादी की इसके पीछे क्या वजह हो सकती है? ये आज इनकी वर्तमान स्थिति से ही अनुमान लगाया जा सकता है। इन लोगों ने शादी तो कर ली लेकिन ये शादी अंतिम सांस तक नहीं चल पाई। क्योंकि असल जिंदगी में प्यार करने वाले अंतिम सांस तक साथ निभाते हैं साथ रहते है, चाहे परिस्थिति कैसी भी हो। लेकिन यहाँ तो इन दोनों का रिश्ता मात्र 13 साल ही टीक पाई। इसके पीछे भी क्या वजह है ये बाते भी आपलोगों से छुपी नहीं है। आखिर सैफ और अमृता सिंह को आपस में प्यार कैसे हुआ? ये दोनों की मुलाकात कहाँ हुई? ये प्यार शादी में कैसे तब्दील हुई। सैफ अली खान एक मुस्लिम परिवार से आते हैं, जबकि अमृता सिंह एक राजपूत परिवार से ताल्लुक रखती है।
लेकिन इन दोनों का प्यार के बीच जाति नहीं आई और अमृता सिंह ने शादी से पहले धर्म परिवर्तन कर सैफ अली खान से1992 में शादी की। तब करीना कपूर मात्र 11 साल की थी, सैफ अमृता सिंह से पहली बार राहुल रावली की एक फिल्म सेट पर मुलाकात हुई थी। इस फिल्म में सैफ और काजल काम कर रही थी। उस फिल्म के शूटिंग के दौरान जब सैफ ने अमृता सिंह को देखा तो उनसे प्यार हो गया जैसा की हर किसी को हो जाता है। और हर किसी की तरह सब को प्यार मिल नहीं जाता क्योंकि उनके पास सब कुछ था। लेकिन अमृता सिंह इस बात से बिलकुल अनजान थी। कुछ दिनों बाद सैफ ने अमृता सिंह को फोन किया। और उसने डिनर के लिए पूछा। लेकिन अमृता सिंह ने ये कहते हुए इंकार कर दिया कि मैं डिनर के लिए बाहर नहीं जाती।
लेकिन अमृता सिंह ने सैफ से कहा तुम चाहो तो तुम मेरे घर पर डिनर के लिए आ सकते हो। इस डिनर डेट ने दोनों की जिंदगी को बदल कर रख दिया। और दोनों को प्यार हो गया और एक दिन ये दोनों बगैर अपनी फैमिली की परवाह किया दोनों अपने परिवार के खिलाफ जाकर आखिरकार दोनों ने शादी कर ली। और जिस वक्त अमृता सिंह ने सैफ अली खान से शादी की, उस वक्त अमृता सिंह बॉलीवुड की टॉप हीरोइन में से एक थी। वहीं सैफ अली खान उस वक्त बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने के लिए खुद से संघर्ष कर रहे थे। अमृता सिंह का करियर चरम पर होने के बावजूद भी अमृता सिंह ने शादी के बाद सैफ अली खान के लिए बना बनाया अपनी फ़िल्मी करियर छोड़ दिया, और घर गृहस्ती में लग गई।
सैफ की तलाक की मुख्य वजह क्या थी?
लेकिन ये रिश्ता जिंदगी के आखिरी पड़ाव आने से बहुत साल पहले ही टूट गया। जिसका परिणाम ये निकला कि इन दोनों ने अलग होना और तलाक लेना बेहतर समझा। और दोनों ने अपनी मर्जी से तलाक ले लिया। दरअसल जब सैफ इंटरनेशनल ट्रिप पर जाते थे। तब उस दौरान सैफ की जिंदगी में कोई इटालियन लड़की आ गई जिसका नाम रोजा थी, और आये दिन सैफ और रोजा की नजदीकियां को मिडिया वाले कैमरे में कैद कर लेते थे। सैफ कभी कभी रोजा के साथ ही मुंबई में ही रहते थे और वायरल हो जाते थे। जिसकी खबर अमृता सिंह को चल गई जिसके बाद से सैफ और अमृता सिंह के बीच धीरे धीरे दूरियां बढती गई। और 2004 में अमृता सिंह ने सैफ से तलाक लेने का फैसला किया और तलाक ले लिया।
लेकिन कुछ समय के बद ही रोजा और सैफ का रिश्ता भी खत्म हो गया। इनके बीच हुए तलाक का कारण इटालियन Girlfriend रोजा को ही ठहराया गया। सैफ और रोजा का रिश्ता भी लंबे वक्त नहीं चला और दोनों बहुत जल्द अलग भो गए।
अमृता ने तलाक के बाद सैफ से कितने पैसे मांगे कि किस्तों में चुकाना पड़ा
साल 2005 में सैफ अली खान ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा जिसमें उन्होंने अपने और अमृता सिंह के तलाक के बारे में कुछ बाते बताई। जिसमे बताया कि अलग होते समय एलिमनी यानी जीवन निर्वाह करने के लिए सैफ से अमृता सिंह ने 5 करोड़ रुपये मांगे थे। उस वक्त सैफ के पास इतने सारे पैसे नहीं थे ऐसे में सैफ ने उस वक्त सिर्फ 2.5 करोड़ ही अमृता सिंह को दिए थे। और उस वक्त सैफ ने कहा कि वो कोई शाहरुख खान नहीं हैं और मेरे पास अभी इतने पैसे नहीं है। लेकिन मैं अंतिम सांस तक अपने बच्चों को पैसे देंगे और पूरी रकम धीरे धीरे सब चुका देंगे। सैफ उस दौरान अमृता सिंह को हर महीने तब तक 1 लाख रुपये देने की बात कही थी जब तक कि उनका बेटा 18 साल का नहीं हो जाता।
इसके अलावा सैफ अली खान ने कहा कि मैंने ऐड और फिल्मों से जो भी कमाया है। वो उन्होंने अपने बच्चों को दे दिया है, इसके अलावा बंगला भी अमृता और बच्चों को दे दिया था।
सैफ अली खान की फिल्मे
वर्ष
फिल्में
1993
परंपरा
1994
दिल्लगी, मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी, यार गद्दार, आओ प्यार करें
1995
सुरक्षा, इम्तिहान
1996
दिल तेरा दीवाना, एक था राजा, बंबई का बाबू, तू चोर मैं सिपाही
1997
हमेशा, उड़ान
1998
हमसे बढ़कर कौन, कीमत
1999
कच्चे धागे, ये है मुंबई मेरी जान, हम साथ-साथ हैं, बीवी नंबर वन, आरजू
2000
क्या कहना
2001
लव के लिए कुछ भी करेगा, दिल चाहता है, रहना है तेरे दिल मे
हमशकल, लेकर हम दीवाना दिल, फाइन्डिंग फैनी, हैप्पी एन्डिंग
2015
बदलापुर, नवाब द नौच गर्ल एण्ड द जॉन कंपनी, फॅन्टम
2016
ए दिल है मुश्किल
2017
रंगून, शेफ
2018
कालाकंडी, नवाबज़ादे, बाजार
2019
लाल कप्तान
2020
तन्हाजी, जवानी जानेमन
2021
भूत पुलिस, बंटी और बबली 2
2022
विक्रम वेधा
2023
किसी का भाई किसी का जान, आदिपुरुष
2024
देवारा पार्ट 1
सैफ अली खान के परिवार का इतिहास
अफगानिस्तान के पूर्वज है – सैफ अली खान के पूर्वज 532 साल पहले अफगानिस्तान से भारत आए थे। उनका परिवार भड़ैंच कबीले से ताल्लुक रखता था जो क्वेटा के उत्तर पश्चिम में रहते थे। परिवार में पहले शासक सरदार शम्स खान थे, जिनका जन्म 1190 और मृत्यु 1280 में हुई। वह धार्मिक विचारों के थे, उनके कई अनुयायी भी थे।
1480 ई. में भारत आए – 1480 में दिल्ली के अफगानी सुल्तान बहालुल लोदी के समय सलामत खान भड़ैंच को दिल्ली के आसपास मेवाती लोगों को काबू करने के लिए बुलाया गया था। सलामत खान ने गुड़गांव, रोहतक, करनाल और हिसार में भी अपना दबदबा बनाया था।
शेरशाह सूरी से रही दोस्ती – लोदी के पौत्र इब्राहिम लोदी ने स्वतंत्र अफगानी कबीलों को काबू कर अपने अधीन करने का प्रयास किया तो इसका विरोध हुआ। सलामत खान का दिल्ली से टकराव हो गया। जब बाबर ने भारत पर आक्रमण किया तो सलामत खान ने उसमें भाग नहीं लिया। बाद में वह मुगल कैंप में शामिल हो गए। वहां उनकी फरीद खान उर्फ शेरशाह सूरी से मुलाकात हुई। बाद में दोनों परिवारों में रिश्तेदारी बन गईं। आज भी जब परिवार में कोई शादी होती है, तब गाए जाने वाले विवाह गीतों में इसका जिक्र होता है। 1535 में सलामत खान की मृत्यु हो गई।
सम्राट अकबर के दरबारी रहे – सलामत खान के प्रपौत्र पीर मुहम्मद खान सम्राट अकबर के दरबार में सलाहकार रहे। लगभग 200 वर्ष तक इस परिवार को जहां लगा कि लड़ाई उन्हें शोहरत एवं पैसा देगी, उन्होंने सैनिक सेवाएं दीं। वे बंगाल एवं अवध के लिए भी लड़े। सिंधिया के पक्ष में 1796 में लालकूट और खुशाल गढ़ में जयपुर के प्रताप सिंह से लड़े।
कैसे पटौदी के नवाब बने – 1800 ई. तय हो गया कि अंग्रेज सुपर पावर बनेंगे। इसी खानदान से ताल्लुक रखने वाले अलफ खान अच्छे लड़ाके थे। उन्होंने परिवार सहित खुद को लॉर्ड लेक के समक्ष प्रस्तुत किया और अंग्रेजों की तरफ से होकर और मराठों से लड़े। इसके इनाम स्वरूप लॉर्ड लेक ने 1804 में उनके बेटे फैज तलब खान को पटौदी की जागीर दी। उन्हें न्यायिक और रेवेन्यू अधिकार भी दिए। उस समय इसका क्षेत्रफल 137 स्क्वेयर किलोमीटर था। इससे वह नवाब कहलाने लगे। 1831 में फैज तलब खान की मृत्यु हो गई। उनके बेटे अकबर अली खान पटौदी के दूसरे नवाब बने। वे आधुनिक पटौदी के जन्मदाता कहे जाते हैं। वे एक ऐसे दार्शनिक थे, जिन्होंने अपना राज्य 1857 के मुश्किल भरे समय में भी कुशलता से चलाया।
दिन की रामलीला शुरू करवाई – एक रोचक कहानी है, जब मो. मुज्जफर अली खान मुकदमे के सिलसिले में दिल्ली गए हुए थे। तो उन्होंने चांदनी चौक में भरत मिलाप का जुलूस देखा। उन्हें बताया गया कि जो कोई भी मन्नत मानता है, उसकी मन्नत पूरी होती है। खान ने मन्नत मानी कि यदि वे मुकदमा जीत गए तो पटौदी में भी रामलीला शुरू करवाएंगे। वे मुकदमा जीत गए उन्होंने पटौदी में दिन की रामलीला शुरू करवाई, यह आज तक चल रही है।
क्रिकेट से नाता – 1917 में पटौदी के आठवें नवाब इफ्तिखार अली खान की शादी भोपाल के नवाब हमीदुल्ला खान की दूसरी बेटी बेगम साजिदा सुल्तान से हुई। वह क्रिकेट के प्रसिद्ध खिलाड़ी रहे और इंग्लैंड और भारत के लिए भी खेले। वह हॉकी और पोलो के भी अच्छे खिलाड़ी थे। 1948 में जब रियासत का भारत में विलय हो गया। 1952 में उनकी मृत्यु के बाद उनके बेटे मंसूर अली खान नवाब बने। 1971 में देश में नवाब की उपाधि समाप्त हो गई। नवाब मंसूर अली खान की शादी फिल्म अभिनेत्री शर्मिला टैगोर से 27 दिसंबर 1968 को हुई, उनकी मृत्यु 22 सितंबर 2011 को हुई।
I live in Jharia area of Dhanbad, I have studied till Intermediate only after that due to bad financial condition of home I started working, and today I work and write post together in free time............