क्रिकेटर इमरान खान का जीवनी | cricketer Imran Khan biography in hindi

इमरान खान का जीवन परिचय : cricketer Imran Khan biography

तो आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे पाकिस्तान के जाने-माने पूर्व क्रिकेटर इमरान खान (Imran Khan) के बारे में।। जो पाकिस्तान के पूर्व के प्रधानमंत्री पद पर भी रह चुके हैं। लेकिन शायद यह ज्यादा दिन तक नहीं रह पाएंगे क्योंकि साल 2023 में पाकिस्तान की हालत इतनी बदतर हो गई है। जिसका जिम्मेदार इमरान खान को ठहराया जा रहा है। हर चैनल खोल कर देखो तो हर चैनल पर सिर्फ इमरान खान की ही न्यूज़ चल रही होती है। आज पाकिस्तान में हर चीज इतनी महंगी हो गई है कि आम लोगों को कुछ भी खरीदना तो बस एक ख्वाब रह गया है। आटे की कीमत जहां भारत में 30 से ₹35 है वहीं पर पाकिस्तान में आटे की कीमत तकरीबन ₹150 से ऊपर है।

तो आज हम इस आर्टिकल में इमरान खान (Imran Khan) के कैरियर कैरियर के बारे में जानेंगे कि आखिर इमरान खान ने क्रिकेट की शुरुआत कब और कैसे की। उसके बाद फिर संन्यास लेने के बाद क्रिकेट से इन्होंने राजनीति कैसे आए जानेंगे पूरे विस्तार से और आज पाकिस्तान की हालत और स्थिति कैसी है ये भी जानेंगे।

cricketer Imran Khan biography in hindi

imran Khan Profile

रियल नेमअहमद खान निआजी इमरान
निक नेमइमरान
जन्म5 अक्टूबर 1952
उम्र72 साल (2024 में)
जनस्थानपाकिस्तान के लाहौर में
नागरिकतापाकिस्तानी
शिक्षाग्रेजुएट
पिता का नामइकरामुल्लाह खान निआजी (सिविल इंजिनियर)
माता का नामशौकत खानुम (गृहणी)
भाई-बहनअलीमा खानुम,रानी खानुम ,रुबीना खानुम, रुबीना खानुम, उज़मा खानुम- भाई नहीं है अकेले हैं
पत्नी का नामबुशरा मनिका, बुशरा मनेका, रहम खान
बच्चेकासिम खान, सुलेमान इसा खान
इमरान की हाइट6 फीट (सेंटीमीटर मीटर में – 183 cm)

इमरान खान का जन्म, परिवार व शिक्षा

इमरान खान का जन्म 5 अक्टूबर 1952 में पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर लाहौर में हुआ। पाकिस्तान में भी एक पंजाब है जिसकी राजधानी लाहौर है। लाहौर में सरदार भगत सिंह जी पले बढ़े बहुत सारे आंदोलन भी वहीं से शुरू किए। बहुत सारे स्वतंत्रता सेनानी भी यहां रहे आंदोलन के दौरान। लाहौर एक ऐतिहासिक स्थान है जिसके बारे में बाद में अच्छे से जानेंगे। इमरान खान इकलौते पुत्र हैं बाकी इनके चार बहने हैं इमरान खान अपनी माताजी से बहुत प्यार करते थे उनके इंतकाल के बाद उन्होंने अपनी मां के नाम पर बहुत सारे हॉस्पिटल फाउंडेशन खोलें।

imran Khan के पिता का नाम इकरामुल्लाह खान नियाजी है जो एक सिविल इंजीनियर थे और उनकी माता का नाम शौकत खानूम है। और उनकी चार बहने भी हैं इमरान खान अपने पिता के एकमात्र पुत्र थे और चार बहनों के इकलौते भाई है। Imran Khan एक अमीर परिवार से ताल्लुक रखते हैं। इनका वंशज शेर शाह सुरी से संबंध रखते हैं, इमरान खान एक समृद्ध परिवार से आते हैं, रिपोर्ट की मानें तो इनका परिवार शेर शाह सुरी के परिवार से ताल्लुक रखते हैं करीबी है। पाकिस्तान का इतिहास तो बहुत ही छोटा है। पाकिस्तान 1947 से पहले भारत का हिस्सा हुआ करता था पाकिस्तान का तो कोई नामोनिशान ही नहीं था तो भला उसका इतिहास कहां से होगा।

ये पश्तून जाति से ताल्लुक रखते है जो कि नियाजी जनजाति से संबंधित है।

इमरान खान की पढ़ाई में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं हुई। उनको अच्छे से अच्छे स्कूल में पढ़ाया गया। Aitchison college & Cathedral school Lahore उसके बाद रॉयल Grammer school Worcester England उसके बाद Kable college Oxford जहां से philosophy philosophy politics और इकोनॉमिक्स में 1975 में स्नातक (graduation) पूरी की। बचपन में इमरान खान (Imran Khan) ज्यादा बोलते नहीं थे शांत स्वभाव के थे। लेकिन जैसे जैसे इमरान खान बड़े हुए वैसे वैसे उनके भाषा में बोलने की तहजीब आई।

Imran Khan को प्ले बॉय भी कहा जाता है 1980 -1990 के दशक में इमरान खान के बहुत सारे लव अफेयर रहे हैं। इनके ऊपर बहुत सारे इल्जाम भी लगे, कई लड़कियों के साथ अफेयर रहे हैं। इमरान खान पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री थे जो 2018 में बने थे। ऐसे कैंडिडेट रह चुके हैं जो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री में से सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे में से एक है। 2010 के बाद जब परवेज मुशर्रफ गए तब इन्होंने पाकिस्तान के विकसित को लेकर पब्लिक प्लेस में बहुत भाषण दिए।

imran khan Cricket Career :

इमरान खान 16 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया था। Imran Khan ने क्रिकेट में डेब्यू 1968 में किया था। लाहौर की तरफ से डोमेस्टिक मैचेस खेलना शुरू किया था। सन् 1969 से लेकर 1971 तक लाहौर की टीम ए टीम बी के लिए खेला। उस वक्त इनका परफॉर्मेंस बहुत ही अच्छा था यह हाइट में अच्छे थे। और यह उस वक्त बहुत फास्ट बॉलिंग करते थे। और उस वक्त क्रिकेट मैचेस में खिलाड़ी हेलमेट ना के बराबर ही पहनते थे। इनका परफॉर्मेंस को देखते हुए उन्होंने 1971 में टेस्ट मैच में डेब्यू किया। इमरान खान क्रिकेट तो खेल ही रहे थे साथ में वह पढ़ाई भी कर रहे थे।

इमरान खान (Imran Khan) 1975 तक इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में ही थे। इमरान खान ने 1974 में वनडे ODI मैच में डेब्यू किया। रिवर्स स्विंग में बहुत बड़ा योगदान है रहा इनका।

रिवर्स स्विंग के महारथी वसीम अकरम, वकार यूनुस इमरान खान को माना जाता है। इमरान खान वसीम अकरम और वकार यूनुस को रिवर्स स्विंग करना सिखाया। रिवर्स स्विंग होता क्या है? रिवर्स स्विंग का मतलब जब कोई बॉलर बोलिंग करता है तो उनका गेंद किस तरफ टर्न करेगा यह बैट्समैन को पता नहीं होता है। जिस कारण बैट्समैन का आउट होने की उम्मीद ज्यादा होती है। इमरान खान ऑलराउंडर खिलाड़ी थे, बैटिंग और बॉलिंग दोनों ही शानदार करते थे। और आखिरकार इमरान खान 1982 में पाकिस्तान के कप्तान बन गए।

1987 में वर्ल्ड कप शुरू हुआ, पाकिस्तान सेमीफाइनल तक गए लेकिन जीत नहीं पाई। जब अगला वर्ल्ड कप 1992 में हुआ तो उस मैच में पाकिस्तान फाइनल में पहुंची और वर्ल्ड कप जीती भी। उसके बाद से इमरान खान ने क्रिकेट कैरियर से सन्यास ले लिया।

imran khan मिले अवार्ड्स 

imran khan को 1992 में कंधे में तकलीफ होने के बावजूद इंग्लैंड पाकिस्तान के एक वन डे मैच में इन्होने अच्छा प्रदर्शन कर विश्व कप जितने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

  • आल राउंडर ट्रिपल में imran khan तीसरें स्थान पर रहे और इयान बोथम दुसरे स्थान पर, जिसमे लगभग 3000 रन और 300 विकेट शामिल है। ये सर्वाधिक विकेट लेकर सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले कप्तान है।
  • 1976 और 1980 में imran khan नर क्रिकेट में आलराउंडर का खिताब “द क्रिकेट सोसाइटी वेदरहेल अवार्ड” से सम्मानित किया गया था। 1985 में “संसेक्स क्रिकेट सोसाइटी ” द्वारा प्लेयर ऑफ़ द इयर का अवार्ड दिया गया।
  • 2004 में imran khan को अच्छा कार्य करने और दान के कार्य करने के लिए लन्दन में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड देकर सम्मानित किया गया। और देश का सर्वेच्च नागरिक सम्मान हिलाल ए इम्तियाज भी दिया गया।
  • imran khan ने पाकिस्तान में पहला कैंसर अस्पताल बनाया जिसके लिए इनको 2007 में मानवतावादी पुरुस्कार दिया गया।
  • 2012 में इमरान खान को मेन ऑफ़ द इयर घोषित किया गया और इन्हें ग्लोबल पोस्ट के द्वारा बड़े नेताओ की सूचि में तीसरे स्थान पर रखा गया।
  • imran khan एक राइटर भी है इन्होने 6 बुक भी लिखे हैं जिन्हे पब्लिश किया गया है – द ऑटोबायोग्राफी ऑफ़ इमरान खान, इमरान खान क्रिकेट स्किल्स, आल राउंड व्यू, वार्रिएर रेस : अ जर्नी थ्रू द लैंड ऑफ़ द ट्राइबल पत्हंस, इंडस जर्नी : ए पर्सनल व्यू ऑफ़ पाकिस्तान, पाकिस्तान : ए पर्सनल हिस्ट्री

इमरान खान को बहुत से जगह से बहुत सारे ऑफर मिले किसी ने कहा कि आप राजनीति में आ जाएं। क्योंकि जब कोई व्यक्ति प्रसिद्ध होता है तो उसको हर जगह चर्चे होते हैं। और जब कोई चर्चित व्यक्ति कहीं भी जाता है तो लोग उनको फॉलो करते हैं उसे बहुत प्यार करते हैं इसलिए उनको राजनीति में लाना चाहते थे ताकि लोग उनको राजनीति में जिताएं।

जो इमरान खान राजनीति में उतरते हैं तो इमरान खान चुनाव जीत जाते हैं और नेता भी बनते हैं। ‌तो पाकिस्तान की बहुत सारी राजनीतिक पार्टियों ने इमरान खान को अपनी पार्टी में शामिल करना चाहा लेकिन इमरान खान शामिल नहीं हुए वह किसी एक पार्टी में शामिल हो गए और हमेशा उसी पार्टी से जुड़े रहे।

पाकिस्तान का संविधान ऐसा है कि वहां कभी भी तख्तापलट हो जाता है सरकार का। और अभी तक 3 बार तख्तापलट हो चुका है। पाकिस्तान के लोग तो चाहते हैं कि हां राजनीति अच्छे से हो चुनाव हो और एक अच्छा नेता हमारे देश को चलाएं। लेकिन ऐसा नहीं होता है वहां का जो शासन है जो कमान है वह पाकिस्तान की मिलिट्री पर है और तो और वहां के आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के हाथ है।

और जब चुनाव सामने आता है और चुनाव कैंपेन चलता है यानी की चुनाव रैली होती है तो हर नेता यही कहता है कि वह पाकिस्तान को बदल देगा। आर्थिक स्थिति को बेहतर कर देगा महंगाई दर को कम कर देगा और यह बात खुद इमरान खान ने भी हर चुनाव रैली में कहा था। और जब चुनाव आता है और प्रधानमंत्री चुना जाता है तो सब कुछ बदल जाता है क्योंकि वहां का शासन वहां के मिलिट्री के हिसाब से चलता है ना कि प्रधानमंत्री के हिसाब से। पाकिस्तान की राजनीति ऐसी है कि राजनीति में आर्मी भी धोखा देती है जबकि हमारे हिंदुस्तान में ऐसा नहीं है आर्मी पर किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं है।

पाकिस्तान के इस कानून से वहां के लोग परेशान रहते हैं। पाकिस्तान में सबसे पहले अयूब खान ने तख्तापलट किया था, 1950 में। 1969 तक अयूब खान रहे। अयूब खान के काल में पाकिस्तान न्यूक्लियर पावर बन गया था, न्यूक्लियर टेस्ट उसी समय शुरू हो गया था। उसके बाद 1970 में चुनाव हुआ और जुल्फिकार भुट्टो आए, 1977 में जुल्फिकार भुट्टो को फांसी दे दी गई। फिर से तख्तापलट हो गया। उसके बाद जिया उल हक आए, जिया उल हक का जो कार्यकाल था वह बहुत ही जबरदस्त था। उसके ही कार्यकाल में ही भारत और पाकिस्तान के रिश्ते खराब हुए, यह भी लगभग 1998 तक रहे।

और जब 1989 में इनका देहांत हुआ एयरप्लेन क्रैश में, उसके बाद बेनजीर भुट्टो आये नवाज शरीफ आए। उसके बाद फिर से 2000 में परवेज मुशर्रफ आ ग‌ए। साल 2000 से लेकर 2010 तक परवेज मुशर्रफ का कार्यकाल प्रधानमंत्री के रूप में रहा। तो इमरान खान क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भारत में भी कई मैचों में कॉमेंट्री करते आपने देखा ही होगा। इन्होंने कई सारे आर्टिकल भी लिखें आउटलुक, गार्जियन द इंडिपेंडेंट, जो टेलीग्राफ में छापा। इमरान खान को यूनिवर्सिटी में भी बुलाया गया और उन्हें चांसलर बनाया गया। 2005 से 2014 तक चांसलर रहे, उसके बाद राजनीति को लेकर चांसलर पद से इस्तीफा दे दिया।

इमरान खान ने अपना फाउंडेशन बनाया और यूनिसेफ से भी जुड़े हुए हैं। उन्होंने स्कूलों का भी निर्माण करवाया है। इन्होंने हॉस्पिटल बनवाए हैं। माताजी के नाम शौकत खानूम है और इन्हीं के नाम से मेमोरियल ट्रस्ट भी बनाया है जो एक चैरिटी ऑर्गेनाइजेशन है। उन्होंने कैंसर हॉस्पिटल बनाया है करीब 25 मिलियन डॉलर खर्च किए हैं। उसके बाद उन्होंने एक और हॉस्पिटल बनाया और एक टेक्निकल कॉलेज भी बनाया है। और इस तरह के कई कामों में यह एक्टिव रहते थे।

Affairs और शादी

इमरान की शादी 1995 में पारंपरिक इस्लामी समारोह में एक जेमिमा गोल्डस्मिथ से हुई जो एक पत्रकार थी। जेमिमा के पिता यहूदी है, शादी के पहले जेमिमा ने अपना धर्म परिवर्तित किया। इनके दो पुत्र हुए सुलेमान और कासिम, पाकिस्तान में जेमिमा को रहने में बड़ी मुश्किल हो रही थी। जिस करण कुछ ही महीनों के बाद इनदोनो ने अलग होने का फैसला किया और जून 2004 में तलाक ले लिया और दोनों अलग हो गए। जनवरी 2015 में इन्होने गुप्त तरीके से दोबारा शादी की इस्लामाबाद में अपने घर पर ब्रिटिश पाकिस्तानी तलाक शुदा महिला रहम खान से। क्योकि इनका परिवार इस शादी के के लिए नहीं मान रहे थे। इनका रिश्ता ज्यादा दिन तक नहीं टीक पाया और अक्टूबर 2015 में दोनों ने तलाक ले लिया। इसके बाद साल 2018 में इन्होने फिर बुशरा मनिका से शादी रचाया।

Imran Khan Polytics Career : पॉलीटिकल करियर

मोहम्मद जियाउल हक नवाज शरीफ की पार्टी, पाकिस्तान मुस्लिम लीग, और भी बहुत सारे पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टियों में इमरान खान को अपनी पार्टी में शामिल करने का न्योता दिया था। लेकिन यहां पर इमरान खान ने मना कर दिया। इमरान खान क्रिकेट से साल 1994 में सन्यास लिया था। उसके बाद इमरान खान ने 25 अप्रैल साल 1996 को एक अपनी ही पार्टी बनाई जीका नाम इन्होंने पीटीआई (PTI) रखा। “पाकिस्तान तेहरीक ए इंसाफ” जिसको पीटीआई कहा जाता है। तो इमरान खान ने अपनी पार्टी तो बना ली थी। और उनको पूरा आत्माविश्वास था अपने ऊपर अगर यह चुनाव लड़ेंगे तो यह है शत-प्रतिशत जीतेंगे।

उसके बाद पाकिस्तान में चुनाव हुआ इमरान खाना अपनी ही पार्टी से खड़े भी हुए लेकिन यहां पर इमरान खान की किस्मत खराब थी। और यह चुनाव हार गए, इमरान खान का यह पहला चुनाव था और यह है चुनाव इमरान खान बहुत ही बुरी तरह से हार चुके थे। उसके बाद साल में 1997 में सामान्य चुनाव लड़ा इसमें भी इमरान खान हार गये। उसके बाद साल 1999 में परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्तान में तख्तापलट कर दिया। यहां पर इमरान खान ने परवेज मुशर्रफ का साथ दिया।

इमरान खान की पॉलीटिकल आईडोलॉजी क्या है? इमरान खान को नेशनलिस्ट और पापुलिस्ट का जाता है। पापुलिस्ट का मतलब होता है जो इंसानों के लिए सोचता है। एंटी करप्शन ब्यूरो कैंपन लांच किया था। चुनाव से पहले इमरान खान ने पाकिस्तान के लोगों से वादा किया। कि अगर हम चुनाव जीते तो हम यहां व्यवस्था को साफ सुथरा रखेंगे। किसी भी तरह का करप्शन नहीं होगा ना करने देंगे। बांग्लादेश के बनने से पहले जब वह पाकिस्तान का हिस्सा हुआ करती थी। तो पाकिस्तान ने बांग्लादेश पर जो अत्याचार किए थे, पाकिस्तान को उनसे माफी मांगने चाहिए।

और अगर किसी को जबरदस्ती इस्लाम में परिवर्तन किया जा रहा था वह इस्लाम के ही खिलाफ है। ‌ यह सब चीजें सुनकर थोड़ा खुश जरूर होते हैं। इमरान को कई दफा हाउस अरेस्ट पर रखा गया। 3 नवंबर 2007 को हाउस अरेस्ट रखा गया, 2011 में भी एक बार रखा गया। इमरान खान जब एक रैली में गए तो इमरान खान पर बहुत ही भयानक तरीके से हमले हुए किसी तरह इमरान खान उस दिन बच गए।

उस दरमियान बेनजीर भुट्टो को भी मार दिया गया था, उस वक्त बेनजीर भुट्टो चुनाव में भाग ले रहे थे। और जब साल 2013 में चुनाव हुए तो उसमें नवाज शरीफ जीत गए। उसके बाद इमरान खान और नवाज शरीफ के बीच टकराव होने लगे। एक वक्त ऐसा था कि चुनाव से पहले नवाज शरीफ इमरान खान एक अच्छे दोस्त हुआ करते थे। अच्छे बातचीत होती थी दोनों में चुनाव के बाद यह दोनों अलग हो गए और दोनों के बीच टकराव भी होने लगे। यह सब होने का कारण राजनीति थी, यह तो आपको भी पता है।

जब साल 2013 में चुनाव हुआ तो नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग पार्टी जीत गई। नवाज शरीफ पाकिस्तान के प्राइम मिनिस्टर बन गए। जब नवाज शरीफ प्रधानमंत्री बने थे वह कानून व्यवस्था को अच्छे से नहीं मैनेजमेंट कर पा रहे थे। नवाज शरीफ के शासन में पनामा पेपर लीक हुए जिस का आरोप नवाज शरीफ पर लगा। नवाज शरीफ के ऊपर केस लग गया और केस का जजमेंट आया तो नवाज शरीफ को जेल हो गई। परवेज मुशर्रफ अभी तो लंदन यूके में है। पाकिस्तान में जब-जब जिस की सरकार बनी है वह ज्यादा साल तक नहीं टिक पाए।

किसी ने उसका मर्डर कर दिया इसलिए जेल में डाल दिया कोई किसी कारणवश विदेश भाग गया जियाउल हक प्लेन क्रैश में मौत हो गई। जिया उल हक की मौत कॉन्ट्रोवर्सी रही कि उनकी मौत नहीं हुई है जानबूझकर प्लेन क्रैश में उनकी मौत हुई है। जो 2018 में चुनाव हुए तो उसमें इमरान खान जीत गए। 269 में इमरान खान को 110 सीटें मिली। इमरान खान प्रधानमंत्री बन गए और उसके बाद उन्होंने अपनी कैबिनेट मंत्री बनाई।

इमरान खान 5 जगह से चुनाव में खड़े हुए थे और पांचों जगह से उन्होंने वह सीटें जीती। पाकिस्तान में एक रिकॉर्ड है कि कोई पांच जगह से चुनाव में खड़ा हुआ और पांचों जगह से चुनाव जीता। चुनाव के वक्त बहुत बड़ी बड़ी बाते की थी जिसको अभी तक इन्होंने पूरा नहीं किया। इनके खिलाफ कट्टरपंथियों नें इमरान खान के खिलाफ प्रोटेस्ट किए। चुनाव से पहले से इमरान खान ने जो लोगों से वादा किया था उसे अभी तक पूरा नहीं कर पाए।

चुनाव आने से पहले एक नेता तो बोल देते हैं लेकिन जब चुनाव खत्म होता है। और जब कोई नेता मंत्री बनता है तो वह कुछ नहीं कर पाता है। क्योंकि वहां जो कंट्रोल होता है शासन पर वहां की मिलिट्री और आई एस आई करती है। इमरान खान चुनाव से पहले कह चुके थे कि वह भारत बांग्लादेश अफगानिस्तान से अच्छे रिश्ता रखना चाहते हैं लेकिन ऐसा अभी तक संभव नहीं हो पाया है।

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