छोटानागपुर भूधृत्ति आधिनियम 1869

छोटानागपुर भूधृत्ति आधिनियम 1869

छोटानागपुर में भुईहरी के नाम भृधूत्तियाँ विद्यमान (अस्तित्व में) हैं। इसे ऐसे लोग धारण करते हैं जो स्वयं को उन गाँवों स्थापित करने वाले मूलवासियों के वंशज मानते हैं, जहाँ ऐसी भूमि अवस्थित है। गाँवों में कुछ भूधृत्तियों को ‘भूतखेत

‘, ‘डलीकटारी‘ एवं ‘पहनईं‘ के नाम से जाना जाता है। इस जमीन कों ‘पाहन‘ या पुजारी के लिए अलग से रखी जाती है। ताकि वह अपने कर्त्तव्यों का पालन कर सके।

  • गाँव के ‘महतो‘ के लिए भी अलग से जमीन रखी जाती है जिसे ‘महतोई‘ के नाम से जाना जाता है।
  • गाँव में ‘मंझिहस‘ नाम से कुछ जमीनें अलग से रखी जाती हैं. जिसे उन गाँवों के अपने-अपने स्वत्वधारियों के उपयोग के लिए आरक्षित किया जाता है। साथ ही ‘बठखेत‘ नाम से ऐसी जमीनें हैं, जिसे मंझिहस जमीनों पर काम करने वाले गाँव के पारिश्रमिकों के लिए नियत किया जाता है।
  • इस अधिनियम के शब्दविन्यास के अंतर्गत “भुईहरी‘ शब्द में ‘भूतखेत, डलीकटारी‘, ‘पहनई‘ तथा ‘महतोई‘ शब्द परिभाषित हैं ।

विशिष्ट कमिश्नर के कार्य – प्रत्येक नियुक्त विशिष्ट कमिश्नर का यह कर्त्तव्य होता कि वह उसकी अधिकारिता की सीमाओं में यदि कोई व्यक्ति ‘भुईहरी‘ या ‘मंझिहस‘ धृत्तियों पर अगर दावा करता है, तो कमिश्नर उसके स्वत्व की जॉंच पड़ताल तथा उसका सीमांकन करना।

विशिष्ट कमिश्नर की शक्तियां – विशिष्ट कमिश्नर इस अधिनियम द्वारा उन शक्तियों का प्रयोग करना, जो कलेक्टर को भूराजस्व की बन्दोबस्ती करने की शक्ति देता है।

रिकार्ड के विषय वस्तु – विशिष्ट कमिश्नर ‘भुईहरी’ एवं ‘मंझिहस’ की श्रेणी में आने वाली जमीनों का एक रजिस्टर तैयार करना।

जिन व्यक्तियों का बेजा कब्जा हरण हो गया हो, उन्हें पुनः प्रतिष्ठित करने की शक्ति – विशिष्ट कमिश्नर को समक्ष यदि यह साबित हो जाता है कि किसी ‘भुईहरी‘ या मंझिहस’ धृत्ति धारण करने वाले व्यक्ति की जमीन पर कब्जा हो गया है, तो विशिष्ट कमिश्नर उस व्यक्ति या उसके वारिस को जमीन वापस दिलवाने का काम करता है।

विशिष्ट् कमिश्नर द्वारा निर्णय – कर निर्धारक अपने विचार विशिष्ट कमिश्नर के सामने रखना तथा निर्णय करने का अधिकार केवल विशिष्ट कमिश्नर के पास होता है।

निणयों का पुनर्विलोकन – निर्णयों क पनर्विलोकन का अधिकार केवल विशिष्ट कमिश्नर के पास होता है।

अपील की शक्ति – विशिष्ट् कमिश्नर के द्वारा पारित किसी निर्णय या आदेश के विरूद्ध प्रमण्डल के कमिश्नर के पास अपील का अधिकार होता है।

मुख्तार एवं वकील की सुनवाई नहीं – विशिष्ट कमिश्नर की सहमति के बिना विशिष्ट कमिश्नर के समक्ष लाये गये वकिसी भी मामले में ‘ मुख्तार’ या ‘वकील” की सनवाई नहीं की जा सकेगी।

राज्य सरकार नियम बना सकती है – राज्य सरकार आवश्यकतानुसार कोई नियम बना सकती है या आदेश पारित कर सकती है।

0 0 votes
Article Rating
0 0 votes
Article Rating

Leave a Reply

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x