चंपई सोरेन का जीवनी | Champai Soren Biography in hindi, wife, career

चंपई सोरेन का जीवन परिचय : Champai Soren Biography

चंपई सोरेन (Champai Soren) राजनीति में आने से पहले खेती बाड़ी किया करते थे। सरायकेला के झामुमो से विधायक भी रह चुके है, और उस समय झारखंड

राज्य में दूसरी बार मंत्री बनने का मौका मिला। झारखंड में चंपई सोरेन जी टाइगर के नाम से प्रसिद्ध है, इससे पहले ये हेमंत सोरेन सरकार में खाद्य आपूर्ति और परिवहन मंत्री भी रह चुके है। चंपई सोरेन झारखंड आंदोलन में शिबू सोरेन के साथी भी थे, हेमंत सोरेन कोई भी महत्वपूर्ण काम करने से पहले चंपई सोरेन जी से सलाह जरूर लेते थे।सरायकेला के नवनिर्वाचित विधायक चंपई सोरेन पहली बार साल 1991 के उपचुनाव में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीते थे। वे सांसद कृष्णा मारडी कि पत्नी मोती मारडी को हराया था।

और पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे, साल 1995 में चंपई सोरेन झामुमो के टिकट पर जीत दर्ज की थी।

लेकिन 2000 के चुनाव में चंपई सोरेन भाजपा के अनन्तराम तुडु से 5000 वोट से हार गए थे।

उसके बाद से साल 2005 सरायकेला के विधायक रह चुके हैं, और साल 2019 के चुनाव मे दूसरी बार गणेश महली को हारकर छटी बार विधायक बने थे। हेमंत सोरेन के गिरफ़्तारी के बाद 2 फरवरी 2024 को चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद का शपथ ली।

Champai Soren Biography in hindi

चंपई सोरेन वर्तमान समय में अभी कुछ समय पहले यानि जनवरी 2024 तक झारखंड सरकार कैबिनेट में परिवहन मंत्री के रूप में कार्यरत थे। वह झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) पार्टी के सदस्य हैं और अपने शुरुआती दिनों से ही सक्रिय रूप से राजनीति में शामिल हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भारतीय सेना के जमीन को गलत तरीके से यानि इनलीगल तरीके से बेचने के घोटाले में हेमंत सोरेन को ED ने अपने गिरफ्फ में लिया हैं। और उसके साथ और भी 14 अधिकारी से उससे पहले से ही पूछताछ चल रही थी। उससे पहले हेमंत सोरेन राज्यपाल को अपनी इस्तीफा दे चुके हैं और उसके इस्तीफे को राज्यपाल ने मंजूर भी कर लिया हैं।

जिसके बाद से झारखंड के अगले मुख्यमंत्री चंपई सोरेन होनेवाले हैं।

Champai Soren birth, Education & family : प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

चंपई सोरेन का जन्‍म 1 नवंबर 1956 को दुमका, झारखंड मे हुआ, चंपई सोरेन की उम्र अभी 67 साल है। पिता का नाम सेमल सोरेन और माताजी का नाम माधो सोरेन है। ये तीन भाई और एक बहन है। चंपई सोरेन 10 वीं पास है, चंपई सोरेन घर में भाइयों में सबसे बड़े है, गमहरिया प्रखण्ड के जिलिंगगोड़ा के मूल निवासी है। इनके पिता सोमेल सोरेन एक किसान थे, चंपई सोरेन भी अपने पिता के कामों मे मदद करते थे। चंपई सोरेन जी का पत्नी का नाम मानको सोरेन है, इनके 4 बेटे हैं और 3 बेटियाँ हैं। चंपई सोरेन को झारखंड टाइगर के नाम से भी जाना जाता है, Champai Soren झमुमो के संस्‍थापक शिबू सोरेन के साथ भी काम कर चुके हैं।

इन्होंने सन् 1990 के दशक में अलग राज्य झारखंड के निर्माण की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान है।

Champai Soren Politics Career

चंपई सोरेन सोरेन सरायकेला सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक रहे हैं। 2014 के चुनावों में वे भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार गनेश महली को करीब 1115 वोटों के अंतर से हराकर चुने गए थे। चंपई सोरेन इससे पहले भाजपा के अर्जुन मुंडा की सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। चंपई सोरेन jmm के उपाध्यक्ष हैं बहुत ही सीनियर नेता है, चंपई सोरेन न तो शिबू सोरेन के रिश्तेदार है और न ही हेमंत सोरेन के परिवार से है। चंपई सोरेन शिबू सोरेन के साथ तब से जब से झारखंड अलग राज्य का आंदोलन शुरू हुआ था।

पदसाल
10वीं बिहार विधानसभा चुनाव में सरायकेला से विधायक1991-1995
11वीं बिहार विधानसभा चुनाव में सरायकेला से विधायक1995-2000
दूसरा झारखंड विधानसभा चुनाव में सरायकेला से विधायक2005-2009
तीसरा झारखंड विधानसभा चुनाव में सरायकेला से विधायक
– कैबिनेट मंत्री – विज्ञान और प्रौद्योगिकी, श्रम और आवास – 11 सितंबर 2010 – 18 जनवरी 2013 तक
– कैबिनेट मंत्री – खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, परिवहन – 13 जुलाई 2013 – 28 दिसंबर 2014 तक
2009-2014
चौथा झारखंड विधानसभा चुनाव में सरायकेला से विधायक2014 – 2019
5वां झारखंड विधानसभा चुनाव में सरायकेला से विधायक
– कैबिनेट मंत्री – परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण
2019-2024
झारखंड के 7वें  मुख्यमंत्री – 2 फरवरी 2024 से अभी तक2024-

इन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 2009 में की जब उन्होंने झामुमो के टिकट पर दुमका निर्वाचन क्षेत्र से झारखंड विधान सभा चुनाव लड़ा और जीता। उन्हें 2014 और 2019 में फिर से चुना गया और दिसंबर 2019 में उन्हें हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार में मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। झारखंड सरकार में मंत्री के रूप में चंपई सोरेन वर्तमान में कल्याण, समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग सहित कई महत्वपूर्ण विभागों के प्रभारी रह चुके हैं।

झारखंड टाइगर के नाम से मशहूर है चंपई सोरेन. चंपई सोरेन के पिता सेमल सोरेन है जो कि पेशे से एक किसान थे. चंपई सोरेन ने मानकों सोरेन के साथ शादी की थी. चंपई सोरेन और मानकों सोरेन के चार बेटे और तीन बेटियां हैं. इन्होंने पहली बार साल 1991 में कृष्णा मार्डी की पत्नी मोती मार्डी को हराया था और उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की थी.

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