रॉबिन मिंज का जीवन परिचय | Robin Minz biography in hindi

रॉबिन मिंज का जीवनी : Robin Minj Biography in Hindi

रॉबिन मिंज (Robin Minz) झारखंड राज्य के गुमला जिले के सिमल पंचायत के रहने वाले हैं। और आज की तारीख में रॉबिन मिंज किरीकेत का एक बहुत बड़ा खिलाड़ी है। और अभी तक के पूरे क्रिकेट करिअर में कोई भी आदिवासी खिलाड़ी नहीं था लेकिन ये कारनामा रॉबिन मिंज ने कर दिखाया। और साल 2024 के आईपीएल ऑक्शन में रॉबिन मिंज को जरात टाइटंस ने रॉबिन मिंज को 3.60 करोड़ रुपये में अपनी टीम में शामिल कर लिया। आज टीम इंडिया की पहचान महेंद्र सिंह धोनी के नाम से होता है। पूरे विश्व में जितने भी क्रिकेट के शौकीन है वो महेंद्र सिंह धोनी को बहुत अच्छे से वाकिफ हैं। क्योंकि महेंद्र सिंह धोनी ने टीम इंडिया को वो मुकाम पर लेकर गई जो शायद ही किसी ने लेकर गई होगी।

महेंद्र सिंह धोनी के कैप्टन्सी में भारतीय टीम ने बहुत सारे मैच जीते वो भी ऐसी ऐसी परिस्थिति में जहाँ जितना मुश्किल था लेकिन वहाँ पर महेंद्र सिंह धोनी ने उसे मुमकिन किया। झारखंड में बहुत से ऐसे खिलाड़ी है जो क्रिकेट बहुत अच्छा खेलते हैं, लेकिन उन्हे मौका नहीं मिलता है। आखिर इसके पीछे वजह क्या है ये लोगों को अच्छे से पता है, लेकिन जो इंसान एक बार कुछ भी करने कि ठान लेता है तो उसे कोई नहीं रोक पाता है। उन्ही में से एक खिलाड़ी है रॉबिन मिंज (Robin Minz) जो झारखंड के गुमला जिला के हैं। रॉबिन मिंज बैट्स्मन के साथ साथ विकेट कीपर भी है जैसा कि महेंद्र सिंह धोनी है। रॉबिन मिंज महेंद्र सिंह धोनी को अपना आदर्श मानते हैं और उसी कि तरह बनना चाहते हैं।

रॉबिन मिंज (Robin Minj) का जीवनी, गाँव, परिवार, क्रिकेट करिअर

ऐसा नहीं की रॉबिन मिंज एक बार में आईपीएल मे चयन हो गया, रॉबिन मिंज (Robin Minz) कई सालों से मेहनत कर रहें हैं। और की बार आईपीएल के ऑक्शन में इन्हे नहीं लिया गया, लेकिन उन्हे खेलने का मौका नहीं दिया गया। लेकिन मेहनत करने वालों कि हार नहीं होती है, आखिकार 2024 के आईपीएल के ऑक्शन में रॉबिन मिंज का चयन हो गया। रॉबिन मिंज को 3 करोड़ 60 लाख रुपए कि बड़ी रकम देकर गुजरात टाइटंस ने अपनी टीम में शामिल कर लिया। और इस बार पुरी उम्मीद है कि इनको मैच में खेलने का मौका मिले।

रॉबिन मिंज का जन्म13 सितंबर 2001
रॉबिन मिंज का जन्मस्थानगुमला के सिमल पंचायत में
रॉबिन का निकनेमबाबू
रॉबिन मिंज के पिता का नामफ्रांसिस जेवियर मिंज
माता का नामएलिस तिर्की
बहन-भाई2 बहन ( करिश्मा मिंज और रोसिता मिंज) 1 भाई
शिक्षा10 वीं
धर्मआदिवासी क्रिश्चन
Robin Minz के कोच का नामचंचल भट्टाचार्य
Martial StatusUnmarried
Robin Minz Height5 फुट 9 इंच
वजनलगभग 70 kg

रॉबिन मिंज का जन्म, परिवार व शिक्षा

Robin Minz आदिवासी समुदाय से आते हैं, रॉबिन मिंज का जन्म 13 सितंबर 2001 को झारखंड राज्य के गुमला जिले में हुआ। आधा जीवन गुमला में बीता तो आधी रांची के नामकुम में। रॉबिन मिंज के पिता का नाम फ्रांसिस जेवियर मिंज जो भारतीय सेना में कार्यरत थे। लेकिन अब वो रांची के एयरपोर्ट पर काम करते हैं। रॉबिन मिंज के माता जी का नाम एलिस तिर्की है जो एक गृहणी हैं। रॉबिन मिंज की 2 बहने हैं रोसिता मिंज और करिश्मा मिंज, रॉबिन मिंज महेंद्र सिंह धोनी को अपना आदर्श मानते हैं। और उन्ही नक्शे कदम पर चलना चाहते हैं और उसकी तरह ही खेलना चाहते हैं वो भी विकेटकीपर और बैट्स्मन हैं। Robin Minz मजरोलो कॉन्वेंट स्कूल, नामकुम से स्कूली पढ़ाई पूरी की है और सिर्फ 10 वीं तक ही पढ़ाई की है।

गाँव और उसके घर कि आज स्थिति ऐसी है कि वहाँ किसी के यहाँ टीवी तक नहीं है घर भी मिट्टी का और टूटा है। पूरा क्षेत्र जंगल से भरा है। आवागमन के लिए पक्की रोड नहीं है, पानी नहीं है। रॉबिन 25 दिसम्बर को अपने घर क्रिसमस मनाने के लिए आया और पूरे परिवार और गाँव के लोगों के साथ क्रिसमस मनाया। रॉबिन के घर में कोई भी लेफ्ट हैन्डर नहीं है लेकिन रॉबिन एकलौता लेफ्ट हैन्डर है। घर मे इन्हे प्यार से बाबू कहते हैं आगे इंडिया टीम में शामिल होने कि इच्छा रखते है, इनके कोच का नाम चंचल सर है, रांची से 100 से 110 km दूर है गुमला, गुमला चौक से 5 से 7 km आगे सिमल पंचायत है। पानदान टोली गाँव हैं। रॉबिन मिंज के पिता 5 भाई है चार भाई बाहर कमाते हैं उनकी भाभी प्राइवेट हॉस्पिटल में नर्स है।

जब एक दिन वो हॉस्पिटल से जल्दी बाजी घर जा रही थी तो हॉस्पिटल कर्मचारी ने उन्हे बुलाया और पूछा कि रॉबिन मिंज कौन है आपका तो उसने बताया कि उसका अपना देवर है तो उन्हे बहुत गर्व हुआ। घर के लोग कहीं भी जाते हैं तो उन्हे टोकते हैं रॉबिन मिंज बहुत ही कम बोलते हैं। रॉबिन मिंज भाभी से भी मजाक तक नहीं करते हैं बहुत ही सीधा है, इनका घर खपड़ा का है रॉबिन मिंज को मड़ुआ का रोटी बहुत पसंद हैं बचपन में बहुत शरारती था लेकिन जैसे जैसे बड़ा हुआ शर्मिला और शांत स्वभाव का निकला उनकी पढ़ाई लिखाई रांची में हुआ है।

Robin Minz का क्रिकेट करिअर

रॉबिन मिंज को क्रिकेट का शौक कहाँ से जगा? तो जब रॉबिन मिंज की माँ एलिस तिर्की जब जिन लकड़ियाँ को जलाकर खाना पकाने के उपयोग में लाती थी। उसी में से किसी एक लकड़ी को उठाकर बैट बना लेता था और क्रिकेट खेलने लगता था। जब पिता ने के दिन गेंद को मारने के लिए कहा तो उनके पिता शोक्ड हो गए। क्योंकि जब रॉबिन मिंज नने गेंद को मारा तो बहुत जोर से मारा वो भी लेफ्ट हैन्ड से इस पर जब उनके पिताजी ने पूछा तुम सीधे हाथ से क्यों नहीं खेलते तो तो रॉबिन मिंज ने कहा की मुझे ऐसे ही खेलना अच्छा लगता है। तो उनके पिता समझ गए की उनका बेटा दूसरों से बहुत अलग है कुछ अलग करेगा तो उसके पिता ने जलावन लकड़ी से ही रॉबिन मिंज के लिए बैट बना दिया और अब उसी खेलने लगा।

और practics करते थे उसके बाद छोटे मोटे मैच खेलने लगे और रांची के नामकुम से खेलने लगे है उसके बाद कोचिंग स्टार्ट की। रॉबिन मिंज जब 8 साल के थे, तब से क्रिकेट खेलना शुरू किया था, रॉबिन मिंज का क्रिकेट के प्रति जागरूक देखकर उनके पिता ने ही उसे रांची के नामकुम में प्रशिक्षण दिलाने का फैसला लिया। रॉबिन मिंज ने अपनी क्रिकेट कोचिंग की शुरुआत नामकुम बाजार मैदान से की और फिर सेंट जेवियर स्कूल से कोचिंग ली। उसके बाद उन्होंने सोनेट कोचिंग में प्रशिक्षण लिया, जहां पर कोच चंचल भट्टाचार्या, एसपी गौतम और आसिफ हक मिले जिसने उसे अच्छे से प्रशिक्षण दिया। लगातार practics के बाद रॉबिन मिंज गुमला जिला क्रिकेट टीम से मैच खेलना लगा। इसके अलावा रॉबिन मिंज वहाँ के स्थानीय टीमों के साथ भी क्रिकेट खेलना शुरू किया।

और हर मैच रॉबिन मिंज लंबे-लंबे छक्के मारता था, जिसके बाद से लोग उन्हें गेल बुलाने लगे। रॉबिन मिंज ने झारखंड के लिए अंडर-19 और अंडर-25 टीमों में बतौर विकेटकीपर बैट्स्मन के रूप मे खेल।2020-21 सीजन में, एक ओपन ट्रायल के दौरान, रॉबिन मिंज ने पहले अंडर -19 मैच में 60 रन बनाए और पांच छक्के मारे। झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के तत्वावधान में हुए इंटर डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट टूर्नामेंट में रॉबिन ने अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से सभी को प्रभावित किया। वह बड़े-बड़े शॉट्स लगाने में माहिर हैं, 2022 में उन्होंने ओडिशा में एक टी-20 टूर्नामेंट के दौरान 35 गेंदों में नाबाद 73 रन मारे थे। देवघर में रॉबिन मिंज लगातार दो शतक लगाया, रॉबिन के प्रदर्शन से प्रभावित होकर पिछले साल 2023 में आईपीएल टीम दिल्ली कैपिटल्स ने ट्रायल के लिए बुलाया था।

लेकिन तब वह दिल्ली की टीम का हिस्सा नहीं बन पाया, इसके बाद मुंबई इंडियंस ने रॉबिन मिंज को ट्रायल में इंग्लैंड टूर के लिए चुना था। जहां रॉबिन मिंज ने बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया, 2023 आईपीएल ऑक्शन में रॉबिन मिंज अन्सोल्ड रहे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार मेहनत करते रहे, और आखिरकार 2024 आईपीएल के ऑक्शन में रॉबिन मिंज को चुन लिया गया। रॉबिन मिंज एक युवा क्रिकेटर हैं जो विकेट कीपिंग करते हैं और बाये हाथ के बैट्स्मन हैं। रॉबिन मिंज झारखंड के लिए खेलते हैं, रॉबिन मिंज अंडर-19 और अंडर-25 में झारखंड टीम के लिए खेलते हैं। उनके प्रदर्शन से प्रभावित होकर आईपीएल टीम मुंबई इंडियंस ने उन्हें ट्रेनिंग के लिए चयनित किया था।

और साल 2024 के आईपीएल खिलाड़ी ऑक्शन में गुजरात टाइटंस ने रॉबिन मिंज को 3.60 करोड़ रुपये में अपनी टीम में शामिल किया है और अब वह आईपीएल में जलवा बिखेरने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा हैं।

एमएस धोनी ने रॉबिन मिंज के पिता से क्या कहा था?

धोनी ने रॉबिन मिंज के पिता से कहा था, अगर उसे कोई नहीं खरीदेगा तो मैं अपनी टीम में शामिल कर लूंगा। धोनी को आदर्श मानने वाले रॉबिन मिंज IPL में सिलेक्ट होने वाले पहले आदिवासी खिलाड़ी बन गए हैं। उनके पिता रांची एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी गार्ड का कार्य करते हैं। झारखंड के गुमला जिले से ताल्लुक रखने वाले आदिवासी क्रिकेटर रॉबिन मिंज पर गुजरात टाइटंस की टीम ने 3 करोड़ 60 लाख की बड़ी बोली लगाई। जबकि उनका शुरुआती बोली महज 20 लाख रुपये था। रॉबिन मिंज को लेकर कई टीमों के बीच बिडिंग वॉर चला। ऑक्शन में उनका नाम आते ही सबसे पहली बोली चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से लगाई गई।

जिसके बाद मुंबई इंडियंस भी बोली लगाई, GT और CSK के बीच 1 करोड़ 30 लाख रुपये तक बोली चली। यहां से चेन्नई के हटने के बाद बिड में गुजरात टाइटंस की टीम ने एंट्री मारी। 2.60 करोड़ की बोली के बाद मुंबई ने अपने हाथ पीछे खींच लिया। यहां से सनराइजर्स हैदराबाद की टीम दौड़ में आ गई लेकिन गुजरात टाइटंस की टीम भी हार मानने वाली नहीं थी। आखिरकार 3 करोड़ 60 लाख की बोली लगने के बाद सनराइजर्स रेस से हट गई और गुजरात टाइटंस ने बाजी मार ली।21 वर्षीय रॉबिन मिंज झारखंड अंडर-19 और अंडर 25 टीम के कप्तान रह चुके हैं। उन्हें लंबे छक्के मारने में महारथ हासिल है।

Anshuman Choudhary

I live in Jharia area of ​​Dhanbad, I have studied till Intermediate only after that due to bad financial condition of home I started working, and today I work and write post together in free time............