ये 12th  fail IPS Manoj Kumar Sharma जी है

12वीं में असफल जरुर हुयें हैं, जीवन में भी कई बार असफलता जरुर मिली लेकिन कभी जिंदगी में हार नहीं मानी

12वीं में असफल जरुर हुयें हैं, जीवन में भी कई बार असफलता जरुर मिली लेकिन कभी जिंदगी में हार नहीं मानी

12वीं में फेल होने के बाद भी मनोज शर्मा हार नहीं मानते हैं खुद से पढाई का वायदा करने के बाद पैसा न होने के कारण पढाई के लिए आटा चक्की में काम किया

12वीं में फेल होने के बाद भी मनोज शर्मा हार नहीं मानते हैं खुद से पढाई का वायदा करने के बाद पैसा न होने के कारण पढाई के लिए आटा चक्की में काम किया

आईपीएस मनोज कुमार शर्मा जी का जन्म विलग्राम गाँव में 1977 में हुआ जो की मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में पड़ता है

आईपीएस मनोज कुमार शर्मा जी का जन्म विलग्राम गाँव में 1977 में हुआ जो की मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में पड़ता है

मनोज कुमार शर्मा जी के पिता जी रामवीर शर्मा जी कृषि विभाग में काम करते हैं जिनका मनोज शर्मा के जीवन में एक अलग ही किरदार है

मनोज कुमार शर्मा जी के पिता जी रामवीर शर्मा जी कृषि विभाग में काम करते हैं जिनका मनोज शर्मा के जीवन में एक अलग ही किरदार है

मनोज कुमार शर्मा  और श्रद्धा जोशी जी दोनों आपस में बहुत प्यार करते थे तो दोनों  2005 में शादी कर ली और आज श्रद्धा जोशी शर्मा जी भी आईएएस ऑफिसर है

मनोज कुमार शर्मा  और श्रद्धा जोशी जी दोनों आपस में बहुत प्यार करते थे तो दोनों  2005 में शादी कर ली और आज श्रद्धा जोशी शर्मा जी भी आईएएस ऑफिसर है

इनके ज़िन्दगी में वो हर चीज होती है जो एक 4 रेटिंग वाली फिल्म में होनी चाहिए। गरीबी, ड्रामा, Love Story, Struggle, दोस्ती, परिवार है और अलग अलग बहुत से किरदार है

इनके ज़िन्दगी में वो हर चीज होती है जो एक 4 रेटिंग वाली फिल्म में होनी चाहिए। गरीबी, ड्रामा, Love Story, Struggle, दोस्ती, परिवार है और अलग अलग बहुत से किरदार है

मनोज कुमार शर्मा जी  के एक बड़े भाई भी है, जब मनोज शर्मा 12वीं में फेल हुए तब दोनों भाई साथ में टेम्पू भी चलाते है

मनोज कुमार शर्मा जी  के एक बड़े भाई भी है, जब मनोज शर्मा 12वीं में फेल हुए तब दोनों भाई साथ में टेम्पू भी चलाते है

मनोज शर्मा Deputy Collector का सपना लिए ग्वालियर पहुंच जाता है। माता जी ने 2000 रुपये दिए थे और हर महीना घर से 2000 रुपये आया करता था

मनोज शर्मा Deputy Collector का सपना लिए ग्वालियर पहुंच जाता है। माता जी ने 2000 रुपये दिए थे और हर महीना घर से 2000 रुपये आया करता था

वहाँ पर पैसे न होने के कारण मनोज शर्मा जी ने आटा चक्की मे काम किया कुत्तों को टहलाया, होटल में खाना मांगकर खाया बदले में काम करना चाहा, भिखारियों के साथ सोया 

वहाँ पर पैसे न होने के कारण मनोज शर्मा जी ने आटा चक्की मे काम किया कुत्तों को टहलाया, होटल में खाना मांगकर खाया बदले में काम करना चाहा, भिखारियों के साथ सोया