निधिवन का सच क्या है? – Nidhivan Temple Mystery

आज मैं आपको मथुरा के निधिवन (Nidhivan Temple) के कुछ अनसुनी सच्ची घटनाओ के बारे में बताऊंगा जो आज तक सभी लोगो के लिए एक रहस्य ही बना हुआ है। आज तक मधुरा के निधिवन के रहस्य के बारे किसी को पता नहीं चल पाया है कि आखिर निधिवन में रात में क्या होता आखिर क्यों वहां रात में रुकने पर पाबंदी है।
जहां पर आज भी श्री कृष्ण जी बसे हुए हैं और हर रात राधा जी और उनके गोपियों का इस वन में होने की बात करते हैं, ये वन है निधि वन जो उत्तर प्रदेश के मथुरा में है। और आज ये निगरानी में है और इसे लोग देखने के लिए बेहद ही दूर दूर से आते जाते रहते हैं। ये निधि वन जितना सुन्दर है उससे कहीं ज़्यादा इस निधिवन रहस्यमयी है। शाम होते होते ये निधिवन विरान हो जाती है चारो तरफ सन्नाटा पसर जाता है, इस वन में रात को इंसान तो इंसान छोटे मोटे जीव जंतु से लेकर बड़े जीव जंतु इस वन को खाली कर देते हैं।
साथ ही इन्सानों को भी रात में निधिवन में ठहरने या घूमने की अनुमती नही है, पूरी तरह से पाबंदी लगी है। और बात रही रात में यहां ठहरने या रुकने की तो उसके लिए हिम्मत भी होनी चाहिए। जब लोगो को इस निधिवन के सच्ची घटनाओं के बारे में पता चलता है तो लोग रात में इसके पास आने से भी घबराते हैं। ग़र कोई इंसान रात में चोरी छिपे इस वन में रुक भी जाता है तो वह इंसान पागल हो जाता है, अंधा, गूँगा, बहरा आदि हो जाता है या ज़िन्दा ही नही रहता है ऐसी हालात हो जाती है कि वो इंसान कुछ भी बताने के काबिल ही नही रहता।
2009 की निधिवन कि एक घटना – निधिवन की सच्ची घटना, कहानी
साल 2009 में एक घटना घटी थी जिसमें एक बिहार की लड़की जो मेडिकल की तैयारी कर रही थी, वो अपने घर से झूट बोलकर मथुरा चली गई थी। और शाम जैसे जैसे हुई हुई वृंदावन के निधिवन को बंद करने का जब वक़्त हुआ और जब निधिवन का दरवाज़ा बंद किया जा रहा था तब वह लड़की निधिवन के अंदर ही छुप कर बैठ गई थी। जब पुजारी करीब 8 बजे दरवाजे बंद कर रहे थे और बंद करने से पहले पुजारी और उनके कुछ सहायक निधिवन को अच्छी तरह से चेक करते हैं कि कोई गलती से अंदर तो नही रह गया।
उसी चेकिंग के दौरान उसे एक लड़की अंदर छिपी मिली जो अंदर रहकर ये सब रहस्यों को जानना चाहती थी कि सच में श्री कृष्ण जी और राधा जी इस वन में आते है या नही। जब लड़की को बाहर निकलने को कहा तो वो सीधे मना कर दी, उसे निकलाने का बहुत प्रयास किया गया लेकिन वो लड़की बाहर निकलने के लिए तैयार ही नहीं थी। और लड़की जिद पर अड़ी थी कि वो रात मे यहीं रहेगी और राज पता कर के ही रहेगी, बहुत समझाने बुझाने पर उसके परिवार को सूचित किया जाता है और उसके बाद उसे घर भेज दिया जाता है।
निधिवन की एक और सच्ची घटना
कुछ वक़्त के बाद एक और घटना घटती है, जब जयपुर का एक इंसान मथुरा के इसी निधिवन का रहस्य जानने के उत्सुक में, रात में जाकर इसी निधि वन मे सब के नजरो से बचकर छिप कर वहीं बैठ जाता है। और जब पंडित निधि वन के दरवाजे को बंद करने से पहले हर दिन की तरह निधि वन को अच्छी तरह से चारो तरफ देखता है लेकिन कोई नही मिलता लेकिन वो उसी निधि वन में छुप कर बैठा था, और रात भर उसी वन में भी रहा और जब सुबह हुई और गेट खोला गया तो वह इंसान बेहोशी की हालात में मिला और जानकारों के मुताबिक वह पागल हो चुका था।
उस रात क्या था उस इन्सान ने वहां क्या देखा था? उसके साथ निधिवन में क्या हुआ था? क्या हुआ होगा आखिर उस रात किसी को ज़रा सा भी अंदाजा नही है।
निधिवन को लेकर लोगों की क्या क्या मान्याताएँ है?
कुछ जानकारों और कुछ मान्यताओं के अनुसार हर रात इस निधि वन में कृष्ण जी राधा जी और उनके साथ गोपियां यहां पर रास लीला करने के लिए आते हैं। जिस तरह से आपने कभी कभी टीवी पर हंसी ठिठोलियां करते हुए श्री कृष्ण जी की कुछ धारावाहिक मे देखी होगी ठीक उसी प्रकार इस निधि वन में भी होता है ऐसी मान्याताएँ हैं। और वो नही चाहते कि कोई इंसान उसकी इस रासलीला को देखे यही कारण है कि जिसने भी ये सब चीजों को देखने की कोशिश की थी वो सब लोगों की हालात गंभीर हो गई। कोई सुनने बोलने के लायक नही रहा, कोई पागल हो गया, तो कोई इस दुनिया को ही छोड़ दिया।
लोगो के मान्याताओं के अनुसार ये सारी घटनाएँ कई सदियों से ऐसी ही चली आ रही है। एक मान्यता और है, कि हर रात निधिवन में कृष्ण जी का एक कमरा है जहां पर चंदन की लकड़ी की बिस्तर यानी खाट बना हुआ है। जहां पर श्री कृष्ण जी आराम करते हैं उसे हर रात सजाया जाता है पानी रखी जाती है दातुन रखी जाती है, पान रखी जाती है।
और जब सुबह होती है और जब उस कमरे को सुबह देखा जाता है तो उस कमरे को देखने से और उस बिस्तर को देखने से ऐसा लगता है कि उस बिस्तर पर कोई रात में सोया हो। और दातुन गिली मिलती है पानी का लोटा खाली मिलता है पान खाया हुआ मिलता है, और ये चीजे हर रात एक सामान देखने को मिलती है, और आज भी प्रसाद के रूप में माखन ही रखी जाती है।
पंडितों का ये भी कहना है कि जब रात होती है तो वहां बंदर, पक्षी और भी बहुत से जो जानवर है रहते हैं,अँधेरा यानि रात होते ही सब गायब हो जाती है। एकदम सन्नाटा रहता है लेकिन सुबह होते ही हर दिन की तरह सब जानवर इस निधि वन मे वापस आ जाते हैं। एक चीज़ और ये है कि यहां के जितने भी पेड़ है एक दूसरे से लिपटे हुए है, और जो तुलसी के पेड़ है उसकी शाखाएं नीचे की ओर मुड़ी हुई है। और सब आपस से जुड़ी हुई है जब कि हर पेड़ पौधे की शाखाएं ऊपर की ओर जाती है और यहाँ की सारी पेड़ों की बनावट और बाकी पेड़ों से एकदम बिल्कुल ही अलग है।



इस वन में करीब 16000 के आसपास पेड़ है लेकिन एक मान्यता के अनुसार ये 16000 गोपियां है। और इस निधिवन के अगल बगल बहुत से घर और बिल्डिंगे हैं और जब आरती होती है। और जब निधिवन के मंदिर की घंटी बजती है वैसे ही सब अपनी अपनी घरो की खिड़कियां बंद कर लेती है, जो इस निधिवन की तरफ खुलती है। क्योंकि वहाँ से निधिवन कुछ लोगों के घर की खिड़कियाँ से आसानी से देखा जा सकता है, जिसका डर उन लोगों को भी होता है। और उसे लगता है कि ग़र गलती से रात में उधर नजर पड़ जाए और कुछ ऐसा दिख जाए और कोई अनहोनी न घट जाये, तो इस चीज को लेकर लोगो को भी डर रहता है।
इस निधिवन के आसपास जितने भी घर है और जिन जिन लोगों की घरो की खिड़कियाँ इस निधिवन की तरफ खुलती है। उस घर की खिडकियों को लोगों ने ईंट से बंद तक कर दिया और कितनो ने इस निधि वन की तरफ खिड़कियां ही नही खोली।
लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि ये सब कुछ भी नहीं है सब अफवाह है ये सब झूट है ये सब सिर्फ कहानियां हैं जो सिर्फ टूरिस्टों को आकर्षित करने के लिए किया जाता है। सच्चाई क्य़ा है किसी को भी नही पता है और कोई जानना भी नही चाहता है और जो जानना चाहता है वो किसी को बताने के काबिल ही नही रहता। यहाँ की जो पेड़ है जो आपस से जुड़ी हुई है यही है जो सब से अलग बनाती है। आज के वक्त मे जितने भी धार्मिक से जुड़े रहस्य हैं वो रहस्य ही बने हुए हैं जिसे पता लगाना बेहद ही मुश्किल है।
निधिवन में संगीत सम्राट स्वामी श्री हरिदास जी की समाधि
इस निधिवन में कई समाधियाँ भी है उसमे से एक है महसूर संगीत सम्राट ध्रुपद के जनक रसिक शेरवर स्वामी हरिदास की समाधि है जो इसी निधिवन में बनी हुई है, जो इनकी साधना स्थल रही है। यहाँ पर स्वामी हरिदास और अन्य अनेक आचार्यों की समाधियाँ स्थापित है, स्वामी हरिदास ने जीवन पर्यंत इसी वन में निवास किया था। सुना हुआ है कि इस रमणीक वन स्थली में श्रीकृष्ण जी और राधा रानी जी अलग अलग खेल खेलती थी, जैसे हमलोग बचपन में खेलते थे। यहीं श्री बांके बिहारी जी का प्राकट्य स्थल है जहाँ एक कुंज से उनका श्री विग्रह प्रकट हुआ था।
उसके समीप ही रंग महल में श्री श्यामा कुंज बिहारी जी की नित्य बिहार लीला होती है, निकट ही ललित कुंड है। लोगो के द्वारा सुना हुआ है कि मुगल बादशाह अकबर ने तानसेन के साथ यहाँ आकर स्वामी हरिदास जी के दर्शन किये थे।
Nidhivan Vrindavan timings : वृन्दावन निधिवन का पूजा आरती का समय सारणी
समय (सुबह) | प्रात: काल (Morning) |
---|---|
5:30 AM | आरती एवं परिक्रमा ( Aarti & Parikrama) |
6:30 AM | भोग व पट बंद ( Bhog & Door Close) |
8:30 AM | दर्शन एवं आरती ( Darshan & Aarti) |
11:30 AM | भोग (BHOG) |
12:00 PM | शयन आरती व पट बंद (Shayan Aarti & Door close) |
समय (शाम) | सायं काल ( Evening) |
4:30 PM | आरती व दर्शन (Darshan & Aarti) |
5:30 PM | भोग (BHOG) |
8:10 PM | शयन आरती (Shayan Aarti) |
8:30 PM | पट बंद (Door close) |
म्यूजिकल डिजिटल फव्वारा वृन्दावन धाम – Musical & Digital Fountain Timing in Vrindavan Dham
Timing | Summer Timing (ग्रीष्म कालीन) | Winter Timing (शीत कालीन) |
---|---|---|
Month | अप्रैल से सितम्बर (April to September) | अक्टूबर से मार्च (October to March) |
Time | शाम 7:30 PM से 8:00 PM | शाम 7:00 PM से 7:30 PM |
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