हरियाणा रोहतक के कुनाल शर्मा के साथ क्या हुआ था? कुनाल कैसे ज़िन्दा हुआ?

आज ऐसी लापरवाही के बारे में जानकार आपको भी सिस्टम पर गुस्सा आ जाएगा, और ऐसी लापरवाही अकसर बहुत से डॉक्टर करते है। दरअसल ये घटना 26 मई 2021 की ही है जो हरियाणा रोहतक की है जहां पर एक बच्चा जिसका नाम कुनाल है उम्र सिर्फ 6 साल है बीमार होता है। रोहतक में अच्छा इलाज ना मिलने के कारण कुनाल को अच्छे इलाज के लिए 26 मई 2021 को दिल्ली ले जाया गया। और उस वक़्त तक देश में कोरोना वायरस के cases लगातार बढ़ रहे थे। कुनाल के माता पिता बहुत ही परेशान थे क्योंकि कोरोना वायरस के केस भी देश में ज्यादा आ रहे थे।
जब 6 साल के कुनाल को दिल्ली ले गया और उसे दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया तो दिल्ली के अस्पताल के डॉक्टरों ने कुनाल को ना जाने किस आधार पर 26 मई 2021 को मृत घोषित कर दिया। जबकि कुनाल को बुखार और शायद टाईफाइड था डॉक्टरों के मुताबिक कुनाल की मृत्यु टाईफाइड से बताते हैं और डॉक्टरों ने कुनाल को मृत घोषित भी कर दिया था। उसके बाद से माता पिता का रो रो कर बुरा हाल हो रहा था, उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था। अस्पताल वाले बच्चे के बॉडी को पैक करके उनके मां बाप को सौंप देते हैं।
जब कुनाल शर्मा के मृत शरीर को लेकर घर पहुंचते हैं।
कुनाल की बॉडी को लेकर उनके माता पिता घर की तरफ रवाना होते हैं, घर पहुंचने के बाद घर में और भी मेंबर थे दादा दादी भी मौजूद थीं। सबका रो रो कर बुरा हाल हो रहा था, क्योंकि मरने की ये कोई उम्र नहीं थी, कुनाल घर में सबका प्यारा दुलारा बच्चा था। मां अपने कुनाल से लिपटी हुई थी और रो रो कर बेहद ही बुरा हाल गया था। शाम हो चुकी थी सब करीबियों को कुनाल की मौत की ख़बर दी जा चुकी थी, अंतिम संस्कार की भी तैयारी की जा चुकी थी। अगले दिन अंतिम संस्कार किया जाना था, उस दरमियान भी माँ लगातार अपने मृत बच्चे कुनाल से लिपट कर रो रही थी।
कब पता चलता है कि कुनाल शर्मा ज़िन्दा है?
जब कुनाल की माँ लगतार कुनाल के शरीर से लिपट कर रो रही थी, तभी अचानक कुनाल की मां को एहसास होता है कि उनके बच्चे कुनाल से कुछ हरकत हो रही है। मां चीखती है जोर से कुनाल के पिता को आवाज देती है और कहती है कि देखो कुनाल हिल रहा है, कुनाल हिल रहा है। लेकिन सबको लगता है माँ है बच्चे की मौत का यकीन नहीं हो रहा है ये उनका वहम होगा। इसलिए वैसा कह रही है और ये अक्सर माँ कहती नजर आती है ऐसी घटनाओं पर, लेकिन बाकी कुछ लोग फिर भी देखने के लिए कुनाल के नजदीक आते हैं। और जब वो भी ध्यान से देखते हैं तो सच में कुछ लोगों को एहसास होता है कि कुनाल के शरीर में कुछ हरकत तो रही है।
तो वहां पर कुछ ऐसे लोग थे जिन्हें ऐसे कंडीशन पर क्या करना चाहिए उनको जानकारी थी। तो कुछ लोग कुनाल के सीने पर दोनों हाथ रखकर धीरे-धीरे दबाते हैं लोगों को पता था शायद साँस लेने की प्रक्रिया चालू हो जाए साँस लेने लगे।
पिता कुनाल के मुँह से साँस देने लगते हैं, जब पिता कुनाल के मुँह से साँस दे रहे थे तब उनके पिता को एहसास होता है कि उनके बेटे कुनाल ने उनके होंट काट लिया है। उनके पिता चौंक उठते हैं और उन्हें लगा कि अभी भी उनके बेटे के शरीर में जान है।
तो उसके तुरंत बाद उनके परिवार के लोग कुनाल को रोहतक के अस्पताल की तरफ ले के भागते हैं। रोहतक के एक अस्पताल में और वहाँ के डॉक्टर भी देखते हैं कि बच्चे में अभी भी जान है। उसके बाद कुनाल का ईलाज शुरू किया जाता है, 24 घण्टे के अंदर बच्चा बिल्कुल एकदम से ठीक हो जाता है। और शायद 28 मई को कुनाल ज़िन्दा अपने घर लौट जाता है, माता पिता और पूरे परिवार का खुशी का ठिकाना नहीं था, चेहरे पर जो खुशी झलक रही थी ऐसी स्थिति में स्वाभाविक भी था।
जिसे दिल्ली के अस्पताल के डॉक्टरों ने उनके बच्चे कुनाल को मृत घोषित करार दिया था वही बच्चा ज़िन्दा गया था। ये कैसे हो सकता है मरा हुआ बच्चा कैसे ज़िन्दा हो सकता है। जबकि दिल्ली के अस्पताल के डॉक्टरों ने तो कुनाल को मृत घोषित कर दिया था। क्या ये भगवान का चमत्कार था या फिर इसमे सारा का सारा दिल्ली के अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही थी। बगैर अच्छे से जाँच किए उस बच्चे को मृत घोषित कर दिया था लेकिन वही बच्चा ज़िन्दा था। किसी का कहना है भगवान का चमत्कार है। तो किसी ने कहा ये सारा दिल्ली के अस्पताल के झोला छाप डॉक्टरों की लापरवाही की बहुत बड़ी गलती है, लेकिन आज कुनाल ज़िन्दा जिससे हर कोई खुश है गांव में खुशी का वातावरण है।

आज के वक़्त में किसी पर भी ऐसे ही भरोसा नहीं करनी चाहिए। चाहे परिस्थिति कैसा भी हो जब तक आप खुद उसकी पुष्टि नहीं कर लेते हैं, आज हर कोई पढ़ा लिखा होना बेहद ही जरूरी हो गया है। जब तक आप साक्षर नहीं होंगे आपको किसी भी चीज़ के बारे में समझने में बहुत सी समस्या उत्पन्न होगी। इसलिए आज के दौर में अपने बच्चे को इतना शिक्षा ज़रूर दे जिससे कि हर चीज को समझने में तकलीफ ना हो।
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