झारखंड में ईसाइयों का प्रवेश

ईसाइयों का झारखंड में आगमन गाँस्सनर मिशन झारखण्ड में सर्वप्रथम जर्मनी के फादर रेवरेंड जे, एस. गाँस्सनर द्वारा 2 नवबर, 1845 को इसाई धार्म प्रचार हेतू चार इसाई…

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झारखंड में अंग्रेजों ने कब प्रवेश किया था?

अंग्रेजों ने झारखंड में कब प्रवेश किया था? तो आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे की अंग्रेज झारखंड में कब और कैसे आए? अंग्रेज झारखंड में कब तक…

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छोटानागपुर भूधृत्ति आधिनियम 1869

छोटानागपुर भूधृत्ति आधिनियम 1869 छोटानागपुर में भुईहरी के नाम भृधूत्तियाँ विद्यमान (अस्तित्व में) हैं। इसे ऐसे लोग धारण करते हैं जो स्वयं को उन गाँवों स्थापित करने वाले…

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झारखंड भूमि संबंधी अधिनियम, झारखंड के भूमि से संबंधित कानून

झारखंड भूमि संबंधी अधिनियम – Jharkhand Land Related Act आज हम झारखंड भूमि संबंधी अधिनियम के बारे में जानेंगे‌ पहले क्या थी और अब क्या है? अंग्रेजों के…

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खरवार जनजाति का इतिहास | Kharvar janjati ka itihas

खरवार जनजाति का इतिहास | Kharvar janjati ka itihas खरवार जनजाति झारखंड के पांचवी सर्वाधिक जनसंख्या वाली जनजाति है। सिंह का मुख्य संकेंद्रण पलामू प्रमंडल में है इसके…

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मुंडा जनजाति का इतिहास | Munda janjati ka itihas

मुंडा जनजाति का इतिहास - munda janjati history मुंडा जनजाति झारखंड की तीसरी सबसे प्रमुख जनजाति है। यह लोहरदगा सिंहभूम रांची तथा गुमला जिले में पाए जाते हैं।…

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घुमकुरिया क्या है? युवागृह क्या है?

घुमकुरिया क्या है? घुमकुरिया एक युवागृह है जिसमें युवक-युवतियों को जनजातिय रिती रिवाजों एवं परंपराओं का अच्छे तरीके से प्रशिक्षण देने का कार्य होता है। इसमें 10 से…

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उरांव जनजाति का इतिहास | Uraon janjati ka itihas

उरांव जनजाति इतिहास : Uraon janjati history यह जनजाति छोटानागपुर के पठार में संथाल परगना जिले में निवास करते हैं। यह आस्ट्रोलायड प्रजाति जनजातिि होते है। उरांव जनजाति…

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संथाल जनजाति का इतिहास | Santhal janjati ka itihas

संथाल जनजाति संथाल जनजाति झारखंड की सबसे बड़ी जनजाति है और सर्वाधिक जनसंख्या (35%) वाली जनजाति है। झारखंड की जनसंख्या में जनजातियों की कुल जनसंख्या 35% है। संथाल…

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