Rajesh Khanna biography in hindi | राजेश खन्ना जीवनी

राजेश खन्ना का जीवन परिचय – Rajesh Khanna biography

राजेश खन्ना पत्नी, परिवार, उम्र, बेटी

एक ऐसा बच्चा जिसका बाप ने अपनी आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से अपने बेटे को अपने भाई को सौंप दिया, जो आगे चलकर वो बच्चा फिल्म इंडस्ट्री का सबसे बड़ा सुपरस्टार बना। हाँ मैं बात कर रहा हूँ राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) की जिन्हे प्यार से लोग काका कहकर बहु पुकारते हैं लेकिन नाम है, हर कोई बस यही बोलता है कि ऊपर आका तो नीचे काका। भारतीय सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना जी को माना जाता है।

Rajesh Khanna biography in hindi

राजेश खन्ना का जन्म व परिवार

Rajesh Khanna real nameजतिन खन्ना
Changed nameराजेश खन्ना
Nick name काका
Rajesh Khanna Birth date29 दिसम्बर 1942
Rajesh Khanna Age69 वर्ष
Rajesh Khanna Birth placeअमृतसर (पंजाब)
Rajesh Khanna father’s nameलाला हीरानंद (प्रिन्सपल)। चुन्नीलाल खन्ना/लीलावती खन्ना – गोद लेने वाले
Rajesh Khanna mother’s nameचंद्ररानी खन्ना
Rajesh Khanna brother’s nameनरेंद्र खन्ना
Rajesh Khanna sister’s nameएक बहन – कमला (डॉ) चंचल, विजय और मंजू
School संत सेबेस्टियन गोआन हाई स्कूल मुम्बई
Collage/University के. सी. कॉलेज मुंबई, नौरोजी वाडिया कॉलेज (पुणे)
Education Qualification Graduate in Arts (स्नातक)
Rajesh Khanna Home townअमृतसर (पंजाब)
Rajesh khanna house/Add आशीर्वाद कार्टर रोड बांद्रा, मुंबई (महाराष्ट्र)
Rajesh Khanna Profession अभिनेता
Rajesh Khanna wife nameडिम्पल कपाड़िया
Rajesh Khanna Son’s nameएक भी नहीं हुआ
Rajesh Khanna Daughter’s nameरिंकी खन्ना, ट्विंकल खन्ना (Twinkle Khanna)
Rajesh Khanna death date 28 जुलाई 2012

राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) का जन्म 29 दिसंबर 1942 को अमृतसर पंजाब में हुआ, पिता का नाम लाला हीरानंद खन्ना और माता जी का नाम चंद्ररानी खन्ना है।  जन्म का समय इनका नाम जतिन खन्ना रखा गया था। इनका एक बड़ा भाई भी था नरेंद्र खन्ना। राजेश खन्ना का असली नाम जतिन खन्ना ही था। इनके पिता लाला हीरानंद एक अध्यापक हुआ करते थे जो बुरेवाला वेहारी पंजाब में पड़ता था। जो अब पाकिस्तान में स्थित है। राजेश खन्ना के पिता जी के बुरेवाला में एक खानदानी हवेली भी है, जिसका नाम था खन्ना हवेली, इसी आंगन में राजेश खन्ना का बचपन गुजरा और उस आंगन में राजेश खन्ना जी बहुत क्रिकेट खेलते थे।

Rajesh Khanna biography in hindi

राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) जब 6 साल के हुए थे तब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा शुरू हो गया था, उसके बाद राजेश खन्ना के पिता जी भारत को चुनाव किया और वह वेस्ट पंजाब अमृतसर के गली तिवारियन में आकर बस गए, और रहने लगे। एक जगह से दूसरी जगह आने के बाद राजेश खन्ना के पिता जी के पास कोई दूसरी नौकरी भी नहीं थी। क्योंकि जो कुछ भी था उस वक्त भारत विभाजन से पहले वह भारत विभाजन के बाद सब छोड़ छाड़ के वे भारत आ गए। और यहां पर अमृतसर में बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा, क्योंकि आर्थिक स्थिति उस वक्त इनकी बहुत खराब थी।

बच्चों का पालन पोषण तक नहीं कर पा रहे थे एक टाइम का खाना मिलना मुश्किल हो हो रहा था। और अंत में राजेश खन्ना के पिता जी ने मुंबई में रह रहे अपने भाई चुन्नीलाल खन्ना और उनकी पत्नी लीलावती खन्ना के पास मात्र 6 साल की उम्र में राजेश खन्ना जी ने जिम्मेदारी सौंप दी। राजेश खन्ना के दूसरे पिता चुन्नीलाल खन्ना मुंबई में एक रेलवे कांट्रेक्टर के रूप में काम किया करते थे। और मुंबई में सरस्वती निवास ठाकुरद्वार गिरगांव के पास चरनी रोड पर इनका घर था। और इस तरह राजेश खन्ना जी पहुंच गए 6 साल की उम्र में अपने दूसरे पिताजी के पास मुंबई में।

राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) जी को बचपन से इनके परिवार वाले काका कहकर बुलाया जाता था, पंजाबी भाषा में काका छोटे बच्चे को कहा जाता है। और आगे भविष्य में पूरी दुनिया इन्हे काका कहकर बुलाने लगे। इनकी बहने थी कमला, चंचल, विजय और मंजू इनमे एक बहन कमला यूके में एक डेंटिस्ट भी रह चुकी है।

राजेश खन्ना का फिल्मी करिअर (Rajesh Khanna Career)

मात्र 10 साल की उम्र में राजेश खन्ना जी नाटक में भाग लिया करते थे, स्कूल में राजेश खन्ना जी को बोंगू और ड्रम बजाने का भी बड़ा शौक था। और बहुत अच्छा भी बजाते थे, खन्ना जी के साथ में स्कूलों में एक और अभिनेता पढ़ा करते थे जो उस वक्त वह भी एक बच्चा ही थे उनका नाम था रवि कपूर जो बाद में आगे चलकर जितेंद्र कुमार बने। राजेश खन्ना जी कॉलेज के पहले 2 साल पढ़ें नौरोजी वाडिया कॉलेज में नवरोजी वादिया कॉलेज पुणे में 1959 से 1961 तक और उसके बाद किशनचंद चेलाराम कॉलेज मुंबई में राजेश खन्ना ने सन 1961 से लेकर 1963 तक पढ़ाई की और बीए की डिग्री पूरी कर ली।

इनकी पढ़ाई के दिनों में खूब ड्रामा में रुचि रहा करती थी, स्टेज शोज में इंटर कॉलेज ड्रामा में बहुत पार्टिसिपेट किया करते थे बहुत से ड्रामा में इन्हें अवार्ड दिए गए और बेस्ट एक्टर के खिताब भी मिले फिर मिला ऐसा नाटक जिसने इन्हें आगे बढ़ने की रास्ता दिखा दिए। 1962 में धर्मवीर भारती के लिखे नाटक अंधा युग में एक घायल सैनिक का किरदार निभाया था राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) ने स्टेज पर उन्होंने ऐसा किरदार निभाया चीफ गेस्ट ने कहा तुम्हें बेटा फिल्मों में काम करना चाहिए पर जतिन खन्ना यानी राजेश खन्ना के पिता को यह मंजूर नहीं था नहीं चाहते थे कि जतिन फिल्मों में काम करें।

लेकिन जतिन ने तो तय कर लिया था कि नहीं जाना है इन्होंने अपने मामा को बताया और ऐसे में इनके मामा की तलवार ने जतिन से इनका नाम बदल कर रख दिया राजेश खन्ना(Rajesh Khanna)। राजेश खन्ना अमीर परिवार में पहुंच चुके थे और हमेशा स्पोर्ट्स कारों में जाने के शौकीन थे और ऑडिशन देने भी जब फिल्मों के लिए जाने लगे तो कार हुआ करती थी एमजी स्पोर्ट्स कार उस में बैठकर ऑडिशन देने जाते और उस वक्त ऐसी कार किसी फिल्म स्टार के पास भी हो यह मुमकिन नहीं हुआ करता था। 

उनकी कार अक्सर खड़ी होती थी चर्चगेट के पास एक रेस्टोरेंट के बाहर वहां पर कई निर्माता निर्देशकों का आना जाना लगा रहता था और ऐसे में लोग कहा करते थे कि कोई छोटा जूनियर आर्टिस्ट का रोल भी अगर आप मुझे दे दे तो अच्छा हो सपोर्ट मिल जाए तो भी मेरे लिए अच्छा होगा लेकिन राजेश खन्ना को सभी लोग अवॉइड कर दिया करते थे और वही उसके आसपास जो बिल्डिंग थी बालकनी से लड़कियां राजेश खन्ना को देखा करती थी क्योंकि राजेश खन्ना अलग प्रकार की कारों में आते थे और स्मार्ट दिखते थे। शंकर जयकिशन ने भी इंटरव्यू में कहा था कि वह कई बार वहां जाते थे

लेकिन उस वक्त राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) एक्टर नहीं थे और हम उन्हें पहचानते नहीं थे। फिर आया साल 1965 जब यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स मिलकर एक आल इंडिया टैलेंट हंट शो करवाया जिसमें 10000 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया था उनमें से एक नाम था राजेश खन्ना इनकी उम्र 23 साल। यहां पर ध्यान देने वाली चीज यह है कि राजेश खन्ना जी उस जमाने में टैलेंट हंट के हिस्सा हुआ करते थे। उस जमाने के यूनाइटेड फिल्म टैलेंट हंट जिसमें राजेश खन्ना जी अव्वल आएं।

राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) कि पहली फिल्म

साल 1966 जब आया तब राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) को फिल्म में काम करने का मौका मिला और उनकी पहली फिल्म “आखरी खत” जिसको चेतन आनंद ने डायरेक्ट किया था जिसमें राजेश खन्ना को काम करने का मौका मिल और इस तरह उन्होंने फिल्मी दुनिया में अपना कदम रखा। फिर राजेश खन्ना जी को दूसरी फिल्म मिली जिसका नाम था राज जिसको रविंद्र दुबे ने डायरेक्ट की। उनकी पहली फिल्म “आखरी खत” भारत की तरफ से ऑस्कर के बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म के लिए चुना गया।

इनकी थोड़ी बहुत तारीफ तो हो रही थी लेकिन इनकी फिल्म कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर रही थी। उसी समय उस जमाने के बेहतरीन प्रोड्यूसर शक्ति समांथा राजेश खन्ना का एक जबरदस्त कहानी सुनाई जिसमें मेन लीड रोल अभिनेत्री का था। राजेश खन्ना जी ने कहा इसमें लीड रोल तो अभिनेत्री का इसमें मेरा क्या काम है। और इस फिल्म को करने से मना कर दिया, किसी तरह शक्ति सामंथा ने राजेश खन्ना जी को किसी तरह समझा-बुझाकर इस फिल्म को करने के लिए मना लिया।

इसके बाद राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) ने इस फिल्म में ऐसा काम किया कि लोग इनके फैन, इस फिल्म में इनका शायद डबल (जुड़वा) रोल था। इस फिल्म का नाम था आराधना, और फिल्म इंडस्ट्री के राजेश खन्ना बन ग‌ए उस जमाने के  पहला सुपरस्टार। राजेश खन्ना की जोड़ी शर्मिला टैगोर के साथ खूब सराही गई, बाद में आशा पारेख और मुमताज के साथ भी देखना पसंद किया था। तनुजा के साथ भी इनकी जोड़ी को सराहा गया, खास करके मेरे जीवन साथी फिल्म में। राजेश खन्ना की दीवानगी ऐसी थी लोगों में खास करके लड़कियों में की लड़कियां राजेश खन्ना के गाड़ियों को चुमते थे।

ऐसी दीवानगी किसी और दूसरे सुपरस्टार में नहीं थी, जिस रास्ते से राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) जी गुजरते थे अपनी गाड़ी लेकर जो धूल उड़ती थी उससे लड़कियां अपने मांग भर लेती थी। इतना या नहीं बहुत सी लड़कियां तो राजेश खन्ना (Rajesh Khanna)की तस्वीर से ही शादी कर लिया करती थी उस जमाने में ऐसी दीवानगी थी राजेश खन्ना की।

एक साथ राजेश खन्ना ने कई सारे सुपरहिट फिल्में दी, बड़े बड़े अभिनेताओं की कुर्सी इन्होंने उस जमाने में हिला के रख दी थी। जबरदस्त डायरेक्टर ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म “आनंद” में ऐसा भी नहीं किया कि लोगों को हटाया गया और आया भी कुछ ऐसा फिल्म ही था। उसके बाद राजेश खन्ना को लेकर “नमक हराम” फिल्म बनाई जो सुपरहिट रही। इस फिल्म में इनके सपोर्टिंग हीरो थे अमिताभ बच्चन जी, और उस वक्त राजेश खन्ना और अंजुम महेंद्रु से अलग होने के बाद राजेश खन्ना ने जमाने के प्रसिद्ध अभिनेत्री डिंपल कपाड़िया से शादी कर ली। इन दोनों के बीच की उम्र काफी अंतर था,

राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) की शादी

मार्च 1973 में राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) ने डिंपल कपाड़िया के साथ शादी की थी। और उसी समय ऋषि कपूर के साथ बॉबी फिल्म की शूटिंग हो रही थी और वह फिल्म अभी पूरी शूटिंग नहीं हुई थी। 

जिस कारण राजेश खन्ना जी को बी.आर. चोपड़ा, बिमल रॉय, जीपी सिप्पी, एच. एस. रवैल, नासिर हुसैन, जे. ओम प्रकाश, मोहन सहगल शक्ति सामंथा इन सब प्रोड्यूसर के सामने राजेश खन्ना को परफॉर्म करने का मौका मिला। यह सब प्रड्यूसर उस जमाने के बेहतरीन प्रोड्यूसर थे। और जब प्रड्यूसर ने राजेश खन्ना के परफॉर्मेंस को देखा तो उन्हें मौका दिया, और बाकायदा राजेश खन्ना और कॉन्ट्रैक्ट मिला फिल्म करने के लिए।

राजेश खन्ना ने ऐसा परफॉर्मेंस दिया कि 10000 की भीड़ से निकल कर सीधा टॉप 10 में पहुंच गए राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) और वहां 8 लोगों को ऐसी टक्कर दी टॉप पर यानी नंबर वन पर पहुंच गए राजेश खन्ना और उन्होंने यह कांटेस्ट जीत लिया। लड़कियों में फरीदा जलाल ने कांटेक्ट जीता था और रनर अप रहे थे विनोद मेहरा और लीना चंदावरकर, प्राइज के तौर पर दो फिल्में ऑफर की गई। जी.पी. सीपी और नासिर हुसैन बने इनकी लाइफ के पहले प्रड्यूसर जिन्होंने राजेश खन्ना को साइन किया 1966 में आखिरी खत राजेश खन्ना की पहली फिल्म रिलीज हुई जो कि बॉक्स ऑफिस पर बड़ी हिट साबित हुई जिसके निर्देशक थे देव आनंद के भाई चेतन आनंद चेतन आनंद।

और जी.पी. सिप्पी ने बनाई फिल्म राज़ जिसके डायरेक्टर थे रविंद्र दव्वे और यह दोनों ही फिल्में कमाल की हिट रही आखिरी खत तो ऐसी फिल्म थी जिसका नॉमिनेशन हुआ ऑस्कर में बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज एंट्री के लिए। वो 2 साल था 1967 और राज फिल्म ऐसी थी जिसमें उन्होंने डबल रोल निभाया। यानी पहली दो फिल्मों में इन्होंने ऐसा काम कर दिया जो कि आगे बहुत लेट नसीब होता है या फिर नसीब ही नहीं होता।

राज फिल्म से जुड़ा एक किस्सा राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) ने खुद बताया था हिंदू न्यूज़ पेपर में जब पहली फिल्म मिली थी राज तो इनके सामने हीरोइन थी बबीता और वह पहले से ही बड़ी जानी-मानी हीरोइन थी उनको देखकर राजेश नर्वस हो गए और लगातार तीन शार्ट खराब दिए। डायलॉग सही बोल रहे थे पर बॉडी लैंग्वेज मोमेंट बिल्कुल गड़बड़ हो रहे थे। इतने खराब हो रहे थे कि बार-बार कट बोलना पड़ रहा था और ऐसे में डायरेक्टर रविंद्र दवे ने खुद वो सीन करके दिखाया और राजेश खन्ना को कहा सीन को इस तरह से कीजिए यह बात सोच कर राजेश खन्ना भी हंसते रहे कि मैं कैसा नर्वस हो गया था।

इसके बाद 1967 में इन्हे फिल्म मिली “औरत” और “बहारों के सपने” और उसके बाद वो साल आया जिसने इन्हें बहुत सी फिल्में दी और बना दिया भारतीय सिनेमा का पहला फेमस सुपरस्टार। 1969 में उन्होंने डोली, इत्तेफाक और आराधना फिल्म की थी। आराधना वो फिल्म थी, जिसमें राजेश खन्ना को सुपरस्टार बना दिया इसी फिल्म से राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) को देशभर में पसंद किया जाने लगा और क्रिटिक्स ने कहा था सुपर स्टार ऑफ इंडिया।

1969 की ये आराधना फिल्म बहुत सारे किस्सो को लिए हुए था। शुरुआत में इस फिल्म का नाम था वंदना लेकिन वह आदमी बन गया आराधना इस फिल्म को सचिन भौमिक ने लिखी थी। ऐसी फिल्म इन्होंने एक और लिखी थी, एक श्रीमान एक श्रीमती (1969) और साल भी वहीं था। जब यह बात शक्ति सामंथा को पता चली कि उनकी स्टोरी आराधना से मिलती जुलती है तो उन्होंने नहीं बनाई। और आराधना में राजेश खन्ना जी नजर आए, सैफ अली खान उस वक्त शर्मिला टैगोर के पेट में थे, जब ये फिल्म बन रही थी।

इस फिल्म में जो यह गाना है “सपनों की रानी तू कब आएगी तू” इस गाने को भी शक्ति समांथा ने कुछ अलग तरीके से शूट किया। और साथ में शर्मिला टैगोर उस वक्त सत्यजीत रे की फिल्म शूटिंग कर रहे थे। और शूटिंग लोकेशन पर नहीं पहुंच पाई, और दार्जिलिंग में अकेले ही जीप में घूम रहे थे राजेश खन्ना (Rajesh Khanna)उस गाने के शूटिंग के दौरान। और बाद में वह ट्रेन वाला सीन किसी स्टूडियो में शूट किया गया अलग जगह पर और मिक्स कर दिया। 

राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) के इस गाने में जो ट्रेन नजर आती है, वही ट्रेन संयोग से सैफ अली खान के एक फिल्म में नजर आती है। उस फिल्म का नाम था परिणीता और वह भी एक गाने के दौरान सूट के लिए किया गया। आखिर इतना बड़ा सहयोग कैसे हो सकता है यह तो अचंभे वाली बात हो गई। आराधना फिल्म में सुभाष घई भी थे सुभाष गए उस समय स्ट्रगलिंग अभिनेता थे वो स्ट्रगल कर रहे थे। और उस फिल्म में सुभाष भाई ने राजेश खन्ना का दोस्त का किरदार निभाया।

शक्ति सामंथा ने सुभाष घई से पूछा तुम्हें कार चलानी आती है। तो सुभाष घई को कार चलानी आती तो नहीं थी लेकिन उन्होंने झूठ कह दिया कि हां मुझे कार चलानी आती है। और जब कुछ सालों के बाद सुभाष घई नहीं खुद जैकी श्रॉफ के साथ हीरो फिल्म बनाई। तो वही बात उन्होंने जैकी श्रॉफ से पूछा कि जैकी तुम्हें कार चलानी आती हैं। तब उन्हें या बात ख्याल आया कि जब आराधना फिल्म के शूटिंग के दौरान शक्ति सामंथा ने उनसे पूछा था तो उन्होंने झूठ बोला था।

जिसके कारण बाद में उनको बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उसके बाद सुभाष घर ने फिर से जैकी श्रॉफ से पूछा कि सच में तुम्हें कार चलाने आती है या नहीं। इसी फिल्म से किशोर कुमार बन गए थे राजेश खन्ना के ऑफिशियल प्लेबैक सिंगिंग वॉइस। राजेश खन्ना की फिल्म आराधना पहले हिंदी फिल्म चाहिए जो कि 100 हफ्तों तक सिनेमाघरों में दिखाई गई थी साउथ इंडिया ईस्ट इंडिया के नॉन स्पीकिंग लोगों ने बहुत पसंद किया था। आराधना के बाद “कटी पतंग” “सच्चा झूठा” “हाथी मेरे साथी” “अमर प्रेम” “आप की कसम” “रोटी” “प्रेम कहानी” “छैला बाबू” और कुदरत जैसी बहुत सी फिल्में है जो नॉन हिंदी राज्यों में भी सुपर डुपर हिट रही।

रोटी फिल्म कादर खान ने लिखी और ऐसी लिखी कि इस फिल्म के लिए उन्हें टेलीविजन दे दिया मनमोहन देसाई ने, और उन्होंने कहा था कादर खान ने कि मैं ₹21000 फिल्म देखने के लूंगा मनमोहन देसाई ने कहा तुम्हारा पेमेंट 21 नहीं 1 लाख 21 हजार रूपए होगा। मुमताज ने बताया कि जब ये फिल्म सूट हो रही थी क्लाइमेक्स शूट हो रहा था और स्नो में दौड़ना था उन्हें, और जब स्नो पर शूटिंग हुई तो यह शूटिंग करीब 8 दिनों तक चली। और मुमताज बताते हैं कि रोजाना सुबह राजेश खन्ना आकर उन्हें कहते ऐ मोटी चल आजा मेरे कंधे पर और कंधे पर लेकर दौड़ा करते थे।

8 दिनों के बाद पता चला कि राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) के बाएं कंधे पर लाल रंग के धब्बे या दाग हो गए थे जो कि हीरोइन को उठाने से हुआ था। आपको जानकर यह हैरानी होगी कि राजेश खन्ना का हर फिल्म का लगभग एक गाना बर्फीली जगह पर सूट होती थी और वह जम्मू-कश्मीर होती थी और या डिमांड भी राजेश खन्ना जी ही करते थे।  फिल्म बनाने से पहले राजेश खन्ना कहते थे कि एक गाने की सूट जम्मू कश्मीर में जरूर होनी चाहिए। और इस तरह आप उनके हर एक फिल्म में एक गाना में बर्फीली जगह के जरूर देखते होंगे।

साल 1969 से लेकर 1972 तक राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) हर प्रड्यूसर से कहते थे कि मेरे फिल्म में आप किशोर कुमार से गाना गवाईए। और इसी वजह से किशोर कुमार की भी मदद हो जाती थी, और इस प्रकार 1969 से लेकर 1987 तक जितने भी राजेश खन्ना ने फिल्मी की लगभग उनकी सारी फिल्मों में किशोर कुमार ने ही गाने गाए्। और यह दौर ऐसा था जब राजेश खन्ना ऐसे अभिनेता थे जो फिल्मों में अभिनय करने के पेमेंट यानी फिस बहुत ज्यादा लिया करते थे।

Rajesh Khanna biography in hindi

जब फिल्म दुश्मन का एक गाना रिकॉर्ड किया जाना था “वादा तेरा वादा” का और जब लक्ष्मीकांत करेंगे इस गीत के लिए किशोर कुमार को बुलाया तो उसने कहा कि मुझसे अच्छा इस गाने को मोहम्मद रफी जी गा सकते हैं यह गाना उसी पर जमेगा यह कहकर उन्होंने गाने से मना कर दिया। उसके बाद लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने किशोर कुमार का राजेश खन्ना (Rajesh Khanna)के साथ मीटिंग करवाई। उसके बाद भी किशोर कुमार अपनी बात पर अड़े हुए थे लेकिन राजेश खन्ना ने कुछ ऐसी बात कह दी कि किशोर कुमार मान गए।

राजेश खन्ना ने कहा अगर ऐसा है तो इस गाने को ही फिल्म से ही हटा दिया जाएगा। अगर इस गाने को कोई गाए गा तो वह मेरा दोस्त किशोर कुमार यह सब सुनने के बाद किशोर कुमार मान गए और गाना गाने के लिए राजी हो गए। राजेश खन्ना के लिए किशोर कुमार ने आखिरी गाना गाया था, फिल्म का नाम था “ममता की छांव में” गाने का नाम था “मेरा गीत अधूरा है” इस फिल्म को अमित कुमार ने प्रोड्यूस की थी। और इस फिल्म के डायरेक्टर थे खुद किशोर कुमार जी।

जब साल 1987 में किशोर कुमार की जब मृत्यु हुई थी, तो राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) ने उनके बेटे अमित कुमार और लीना गांगुली को हेल्प किया था इस फिल्म को पूरी करने के लिए। और ये फिल्म 1989 में प्रदर्शित हुई, करीब 132 फिल्मों में राजेश खन्ना और किशोर कुमार जी ने एक साथ काम किया। जब राजेश खन्ना ने साल 1985 में फिल्म “अलग अलग” बनाएं तब किशोर कुमार ने उनके इस फिल्म के गाने गए थे। और राजेश खन्ना से इस फिल्म में गाए गए गाने के लिए एक भी पैसा नहीं लिया।

आर डी बर्मन ने एक इंटरव्यू में राजेश खन्ना के बारे में बताया था और कहा था मैंने हमेशा से बेस्ट ट्यून काका के लिए बचा (रिजर्व) करके रखी थी। और मुझे इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता कि मुझे कोई कुछ भी कहे। क्योंकि मैं तो काका का दीवाना था क्योंकि काका है डीजर्व करते थे। आर डी बर्मन जी ने राजेश खन्ना के करीब 40 फिल्मों में म्यूजिक दिया था। जब प्रड्यूसर ने इनको काम देना बंद कर दिया था। राजेश खन्ना है जिन्होंने इन को सपोर्ट किया। अपने दोस्त किशोर कुमार के मृत्यु के बाद जब तक आर डी बर्मन जिंदा रहे राजेश खन्ना उन्हें काम देते रहे।

आर डी बर्मन के बाद लक्ष्मीकांत प्यारे का नाम आता है जिसके साथ राजेश खन्ना (Rajesh Khanna)की जोड़ी रही। जब राजेश खन्ना के आर डी बर्मन से कुछ अनबन हुई थी। तब शक्ति सामंत आने फिल्म अनुरोध गाने के लिए लक्ष्मीकांत प्यारे को साइन किया था। लक्ष्मीकांत प्यारे जी ने राजेश खन्ना के करीब 26 फिल्मों में म्यूजिक दिया। लक्ष्मीकांत प्यारे लाल जी कहते हैं राजेश खन्ना हमारे लिए और हम इनके लिए लकी रहे। साल 1984 में लक्ष्मीकांत प्यारे लाल अपने पहले ओवरसीज कंसर्ट के लिए जब बाहर विदेश गए तब राजेश खन्ना ने उनके वहां तीन गानों पर डांस किया दोस्ती के लिए। 

राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) और डिम्पल कपाड़िया से शादी से होने के बाद दो बच्चे हुए बेटी ट्विंकल खन्ना और रिंकी खन्ना, राजेश खन्ना के दमाद बने फिल्म इंडस्ट्री के आज के जमाने के सबसे बड़े अभिनेता अक्षय कुमार जी। एक फिल्म ऐसी भी आने वाली थी जिसमें राजेश खन्ना और डिंपल कपाड़िया एक साथ हीरो हीरोइन के रूप में काम करने वाले थे लेकिन कुछ दिन की शूटिंग के बाद ही वह फिल्म की शूटिंग बंद हो गई। फिल्म का नाम जय शिव शंकर रखा गया था लेकिन किसी कारणवश इस फिल्म की शूटिंग बंद हो गई।

उसके बाद कभी भी इस फिल्म की शूटिंग शुरू नहीं हुई। राजेश खन्ना के अभिनय इतनी जबरदस्त होती थी कि लोग तारीफ करते थकते नहीं थे इनको देखकर लोगों की आंखों में आंसू आ जाते थे, तो कभी हंसते हंसते लोटपोट हो जाते थे।उसके बाद राजेश खन्ना जी राजनीति में चले गए, और कांग्रेस की तरफ़ से मेंबर ऑफ पार्लियामेंट चुनकर आए।

राजेश खन्ना (Rajesh Khanna)

जी को 3 बार बेस्ट एक्टर का अवार्ड मिला फिर उसके बाद फिल्मफेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया। भारतीय डाक सेवा ने 3 मई साल 2013 को राजेश खन्ना के नाम पर याद के तौर पर डाक टिकट भी जारी किया गया। मुंबई के गिरगांव इलाके में एक चौक का नाम भी सुपर स्टार राजेश खन्ना रखा गया। अमिताभ बच्चन की फिल्म दीवार सबसे पहले एज अभिनेता राजेश खन्ना जी को ऑफर हुई थी।

उसके बाद जबरदस्त लेखक जोड़ी जावेद और सलीम ने राजेश खन्ना को मौका दिया हाथी मेरे साथी मे अभिनय करने का। साल 2012 में पता चला कि राजेश खन्ना की बीमारी बढ़ती ही जा रही है। कई बार इनको हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। लेकिन अंत में 18 जुलाई साल 2012 को अपने बंगला आशीर्वाद में दम तोड़ दिया और सब को छोड़कर हमेशा के लिए बस एक याद बन गया। इनको श्रद्धांजलि देने फिल्म इंडस्ट्री के लगभग सभी अभिनेता पहुंचे। 

इन्होने अपनी फिल्म आनन्द का एक डायलॉग बोला था जो इनपर एकदम चरितार्थ (फिट) हो गया। की जिंदगी बड़ी होनी चाहिए लंबी नही। फिल्म इंडस्ट्री में राजेश खन्ना का जैसा कोई दूसरा अभिनेता न था और न है। 

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