क्रिसमस क्यों मनाया जाता है? निबंध, कहानी,Christmas essay in Hindi
क्रिसमस डे क्यों मनाया जाता है?पूरे देश में जितने भी क्रिश्चियन समुदाय के लोग रहते हैं वो लोग हर साल आने वाले 25 दिसंबर के दिन को क्रिसमस डे के रुप में मनाते हैं। यह ईसाइयों का सबसे बड़ा त्योहार है, इसी दिन प्रभु ईसा मसीह या जीसस क्राइस्ट का जन्म हुआ था ऐसा माना जाता है, इसलिए इसे बड़ा दिन भी कहते हैं। क्रिसमस डे तो भारत के लगभग हर हिस्से में बड़े धूम धाम और हर्षा उल्लास के साथ मनाया जाता है क्योंकी भारत ही एक मात्र ऐसा देश है जहां पर हर धर्म के लोग एक साथ रहते हैं और साथ मिलकर एक दूसरे का त्यौहार खुशी खुशी मनाते हैं।
क्रिश्चियन समुदाय के लोग क्रिसमस आने से पहले अपने घर और आसपास पूरे मोहल्ले में तरह-तरह के रंग बिरंगे इलेक्ट्रॉनिक लाइटों से सजाया जाता है साथ में क्रिसमस ट्री भी होता है उसे भी बहुत अच्छे से सजाया जाता है। क्रिसमस डे के कुछ दिन पहले से ही हर चर्च में कई प्रकार फंक्शन शुरू हो जाते हैं। जो साल के आखिरी दिसम्बर महीने तक चलता रहता है। ईसा मसीह से प्रार्थनाएं की जाती हैं, तरह तरह के गेम्स आदि खेले जाते है। क्रिसमस के दिन क्रिश्चियन समुदाय के लोग अपने घर में तरह-तरह के खाने के समान बनाते हैं।
25 दिसंबर को क्रिसमस डे क्यों मनाया जाता है
25 दिसंबर क्रिसमस डे के दिन सर्च को बहुत ही बेहतरीन तरीके से सजाया जाता है जो देखने में बहुत ही आकर्षक होता है पहले तो भारत में 30 लोग ही क्रिश्चियन लोग भी क्रिसमस के दिन यीशु मसीह के जन्म के दिन के रूप में मनाते थे, लेकिन आज भारत के बहुत से लोग जो क्रिश्चन नहीं भी है वह भी उनके साथ मिलकर खुशी खुशी क्रिसमस डे मनाते हैं। क्रिसमस के दिन क्रिश्चियन समुदाय के लोग ईसा मसीह के जीवन से जुड़े कुछ नाटक भी दिखाते हैं। क्रिसमस के दिन दिन के समय क्रिश्चियन समुदाय के लोग जुलूस भी निकालते हैं।
क्रिसमस के दिन बच्चों को एक चीज का बहुत इंतजार रहता है कि सांता क्लॉज़ आएगा और उन्हें तरह-तरह के गिफ्ट देंगे, इंतजार में बच्चे भी रहते हैं और रात में जागे भी रहते हैं लेकिन हकीकत में सांता क्लॉस तो नहीं आते हैं वह एक इंसान ही होता है जो सांता क्लॉस की वेशभूषा पहनकर बच्चों का मनोरंजन का काम करते हैं जो कि सही भी है और बहुत सारे बच्चों को तरह तरह के चॉकलेट भी बांटते हैं।
क्रिसमस पर बच्चों के लिए सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र होता है सांताक्लॉज, जो लाल और सफेद कपड़ों में बच्चों के लिए ढेर सारे उपहार और चॉकलेट्स लेकर आता है। यह एक काल्पनिक किरदार होता है जिसके प्रति बच्चों का लगाव होता है। ऐसा कहा जाता है कि सांताक्लाज स्वर्ग से आता है और लोगों को मनचाही चीजें उपहार के तौर पर देकर जाता है। यही कारण है कि कुछ लोग सांताक्लाज की वेशभूषा पहन कर बच्चों को भी खुश कर देते हैं।
ईसा मसीह का जन्म और इतिहास
एक मान्यता के अनुसार 25 दिसम्बर को परेमश्वर के पुत्र ईसा मसीह जिसे जीसस क्राइस्ट भी कहा जाता है का जन्म हुआ था। कुछ मान्यता के अनुसार इनका जन्म क़रीब 2000 साल वर्ष पूर्व फिलिस्तीन के येरूसलम के बेथलेहम नामक जगह पर 25 दिसम्बर को हुआ था। ईसा मसीह के पिता का नाम जोसेफ था और माता जी का नाम मरियम था। ईसा मसीह के माता पिता इनके जन्म से पहले इजराइल का जगह का नाम था नाजरेथ वहां रहते थे। ईसा मसीह का मृत्यु लगभग 35– 36 साल की उम्र में हुआ था।
ईसाइयों के अनुसार ईसा मसीह क्रूस पर मरते समय सभी मनुष्यों के पाप खुद पर ले लिए थे और इसलिए जो भी मनुष्य ईसा में विश्वास करेगा, उसे ही स्वर्ग मिलेगा ऐसा मान्यता है। मृत्यु के 3 दिन बाद ईसा वापिस जीवित हो उठे और 40 दिन बाद सीधे स्वर्ग सिधार गए। ईसा मसीह के करीब 12 शिष्यों ने उनके धर्म को सभी जगह धीरे धीरे फैलाना शुरु किया ।