कर्मा पूजा का इतिहास : Karma Puja Kyun manaya jata hai
करमा पूजा झारखंड का एक मुख्य त्यौहार है करमा पूजा झारखंड के अधिकांश हिस्सों में बड़े धूमधाम, हर्षोल्लास पूरे रीति रिवाज और संस्कृतिक नाच गान के साथ मनाया जाता है। और साथ में ही इसी तरीके से भारत के अन्य राज्यों में भी करमा पूजा मनाया जाता है जिसमें झारखंड तो है ही साथ में बिहार, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, असम उत्तर प्रदेश, आदि कई राज्य शामिल है। और इस त्यौहार की खासियत ये है करमा पूजा अधिकांश आदिवासी समुदाय के लोग बहुत ज्यादा करते हैं।
कर्मा क्यूं मनाया जाता है? कर्मा पुजा कैसे मनाया जाता है?
इस कर्मा पूजा में स्त्रियाँ करम डाल की पूजा करती है और कर्मा पूजा से कुछ दिन पहले स्त्रियाँ किसी भी नदी या तालाब जहाँ बालू होता है वहां से डाली में बालू लाती है। और डाली के बालू में सात तरह की अलग अलग अनाज बोने का रिवाज है जैसे कि गेंहूं, धान, मकई, चना, जौ, मकई, और उरद आदि और दुसरे दिन से ही उसे धुप दिखाया जाता है धुवन द्वारा पूजा अर्चना किया जाता है और उसके बाद हल्दी के पानी से उसकी सिंचाई की जाती है
और तत्पश्चात सारी स्त्रियाँ उसके चारो तरफ घेरा बनाकर एक दुसरे का हाथ पकड़कर जावा उगाने की गीत गाती अहुर साथ में सब स्त्रियाँ एक दुसरे का हाथ पकड़कर सांस्कृतिक नृत्य भी करती है।
2021 में कर्मा धर्मा कब है?
इस बार करमा पूजा यानी 2021 में कब है तो साल 2021 में करमा पूजा 17 सितंबर शुक्रवार 2021 को पड़ रहा है और हर 17 सितंबर को लगभग पूरे भारत में विश्वकर्मा पूजा भी मनाया जाता है। और करमा पूजा का त्यौहार भाद्रपद महीना के शुक्ल पक्ष के एकादशी के दिन ही मनाया जाता है।
कर्मा पुजा कब है 2022 : 2022 में कर्म पूजा कब होगा? झारखांड में कर्मा पुजा कब है 2022?
इस बार करमा पूजा 2022 में कब है तो साल 2022 में करमा पूजा 06 सितंबर दिन मंगलवार 2022 को मनाया जाएगा। झारखांड में कर्मा पुजा कब है 2022? तो झारखण्ड में भी कर्मा पुजा बड़े धूमधाम से 06 सितंबर दिन मंगलवार 2022 को ही मनाया जाएगा।
कर्मा पुजा कब है 2023 : 2023 में कर्म पूजा कब होगा? झारखांड में कर्मा पुजा कब है 2023?
इस बार करमा पूजा2023 में कब है तो साल 2023 में करमा पूजा 25 सितंबर दिन सोमवार 2023 को मनाया जाएगा। झारखांड में कर्मा पुजा कब है 2023? तो झारखण्ड में भी कर्मा पुजा बड़े धूमधाम से 25 सितंबर दिन सोमवार 2023 को ही मनाया जाएगा।
करमा पूजा क्यों मनाया जाता है?
करमा पूजा के इतिहास के बारे में ज़्यादा तो पता नहीं है लेकिन कुछ जानकारों के अनुसार करमा पूजा की शुरुआत कुर्मी (महतो) जाति के लोगों ने शुरू की थी ये कहाँ तक हकीकत है इसकी मैं पुष्टि नहीं करता हूँ। हां ग़र इस बीच इसके इतिहास के बारे में पता चलता है तो आप लोगों के साथ जरूर साझा करूंगा।
कर्मा पूजा करने के पीछे की कहानी: कर्मा पर्व का इतिहास
आज लगभग लोगों को पता है कि करमा पूजा सिर्फ स्त्रियां ही करती है जो अपने भाइयों की सुख समृद्धि के लिए करती है। अपने भाई की लंबी उम्र हो उसके लिए करती है। कुछ दंत कथाओं में भी यही बताया गया है कि करमा पूजा भाइयों के लिए ही मनाया जाता है। और इसके साथ ही लगभग भारत के सभी राज्यों के लोगों की एक परंपरा रही है खासकर करके जितने भी मेहनती किसान वर्ग के लोग है। की धान की बुआई और रुपाई हो जाने के बाद वे लोग प्रकृति की पूजा करते हैं।
ताकि की अच्छी उपज हो सके जिसके लिए प्रकृति से अच्छे फसल होने की दुआ करते हैं। झारखण्ड में और अन्य कई देश के हिस्सों में प्रकृति की पूजा करने का परंपरा कई सदियों से चली आ रही है।