पी वी सिंधु (P V Sindhu) का का जन्म 5 जुलाई, 1995 को हैदराबाद, तेलंगाना (आंध्रा प्रदेश) में हुआ, पी वी सिंधु पूरा नाम पुसर्ला वेंकट सिंधु है। पी वी सिंधु के पिताजी का नाम पुसर्ला वेंकट रमण है और इनकी माताजी का नाम पुसर्ला विजया है इनकी एक बहन है जो इनसे बड़ी है उनका नाम पुसर्ला वेंकट दिव्या है। इनके माता पिता पुसर्ला वेंकट रमण है और पुसर्ला विजया पूर्व वॉलीबॉल खिलाड़ी रह चुके है, स्कूल कि पढ़ाई लिखाई Auxilium high school sikandrabad से की उसके बाद St.Ann’s women College Mehdipatnam से MBA पूरी की।
पी वी सिंधु के पिता ने 1986 के सियोल एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता, पी वी सिंधु के माता पिता राष्ट्रीय स्तर के वॉलीबॉल खिलाड़ी चुके है।
पी वी सिंधु का बैडमिंटन सफर
पी वी सिंधु को बैडमिंटन कि दिलचस्पी अपने माता पिता को देखकर लगा अब कुछ लोगों को लग रहा होगा इनके माता पिता तो वॉलीबॉल खेलते थे। तो पी वी सिंधु ने सोचा वॉलीबॉल खिलाड़ी पहले से ही घर में है तो क्यों न मैं कोई दूसरा खेल खेलूँ तो एक खिलाड़ी से बहुत प्रभावित हुए जिसका नाम पुलेला गोपीचंद है। तो इस खेल में सफलता का सारा श्रेय पुलेला गोपीचंद जी को जाता है, तो उसके बाद से इन्होने बैडमिंटन की प्रशिक्षण इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ़ सिग्नल इंजीनियरिंग एंड टेलीकम्युनिकेशन ली। उसके बाद पुलेला गोपीचंद अकादमी में एडमिशन लिया।
कोचिंग सेंटर पी वी सिंधु के घर से करीब 50–55 किलोमिटर दूर होने के बावजूद भी पी वी सिंधु रोज वक्त पर आया करती थी और उसके अन्दर एक जोश थी कभी न हारने की ये उसके कोच का कहना था। पुलेला गोपीचंद अकादमी में प्रशिक्षण लेने के बाद पीवी सिंधू ने कई सारे बैडमिंटन के प्रतियोगिताएं अपने नाम दर्ज की अंडर 13 और अंडर 14 कैटेगरी में, उसके बाद 14 साल की उम्र में पीवी सिंधू ने 2009 में sub Junior Asian Badminton championship में ब्रॉन्ज मेडल जीती। पी वी सिंधु ने बैडमिंटन मात्र 8 साल कि उम्र से खेलना शुरू किया था।
उसके बाद 2010 में ईरान फजर इंटरनेशनल चैलेंज में सिंगल कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीती, उसके बाद 2010 में ही BWF world junior championships में quarter final में पहुंची, 2012 में ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप में क्वालीफाई कर तो गई लेकिन आगे के मुकाबले में हार गई। उसके बाद 7 जुलाई 2012 को जापानी खिलाड़ी को हराकर एशियन जूनियर चैंपियन बनी। 2012 में चाइना मास्टर सुपर सीरीज टूर्नामेंट लंदन में चाइना की ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता Li Xuerui को हराकर अपनी जीत दर्ज कर पुरी दुनिया को हैरत में डाल दिया। साल 2013 के world championship में चाइनीज खिलाड़ी को हरा कर अपनी जीत दर्ज की।
पी वी सिंधु भारत की पहली वूमेन सिंगल प्लेयर गोल्डमेडलिस्ट बनी, इतने सारे championship जितने के बाद पीवी सिंधू को अर्जुन पुरुस्कार से सम्मानित किया गया। पी वी सिंधु भारत की पहली सबसे कम उम्र की सिल्वर जितने वाली पहली महिला बनी, पीवी सिंधु को अपने खेल क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के लिए साल 2015 में पदम श्री अवार्ड से सम्मानित किया गया। वर्ष 2016 में राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। और 2020 में पदम भूषण अवार्ड से नवाजा गया।
पी वी सिंधु अपने शानदार प्रदर्शन से दो बार ओलंपिक मेडल जीत चुकी है,
पी वी सिंधु जी के पास BMW X5 गाड़ी है जिसकी कीमत 77 लाख है, उसके बाद BMW 320D है जिसकी कीमत 50 लाख है और एक मारुति सुजुकी स्विफ्ट है जिसकी कीमत करीब 6 लाख है। पी वी सिंधु सालाना करीब 23 से 25 करोड़ रुपए कमाती हैं, ये अधिकांश ब्रांड प्रोडक्ट के विज्ञापन से कमाती है। पी वी सिंधु का नेटवर्थ करीब 70 से 75 करोड़ रुपए है।