Shantanu Moitra biography in hindi | शांतनु मोइत्रा जीवनी

Shantanu Moitra biography _शांतनु मोइत्रा का जीवन परिचय

शांतनु मोइत्रा (Shantanu Moitra) एक भारतीय म्यूजिक डायरेक्टर है, संगीतकार है। जिन्होंने हिंदी फ़िल्मों के साथ साथ कई तेलगु फिल्मों में बेहतरीन म्यूजिक दिया है। साल 2013 में शांतनु मोइत्रा को तेलुगू फिल्म ना बंगारू के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया। जब शांतनु मोइत्रा छोटे थे करीब 10 साल के तो उनके पिता उनको संगीत सिखाया करते थे। मात्र 10 साल की उम्र में शांतनु मोइत्रा ने एकॉस्टिक गिटार खरीदा था।

Shantanu Moitra biography in hindi
शांतनु मोइत्रा का जन्म 22 जनवरी सन्न 1968
जन्मस्थान लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
उम्र 55 साल (2023)
धर्म हिन्दू
राष्ट्रीयता भारतीय
पिता का नाम शैलेश मोइत्रा
माता का नाम मंजु मोइत्रा (कलाकार)
भाई एक भी नहीं
बहन एक भी नहीं
स्कूल स्प्रिंगडेल स्कूल न्यू दिल्ली
कॉलेज/यूनिवर्सिटीदेशबंधु कॉलेज, दिल्ली विश्वविधालय
शिक्षा इकोनॉमिक्स में डिग्री
पेशा संगीत निर्देशन (Music Director)
शांतनु मोइत्रा की पत्नी का नाम शारदा मोइत्रा (शादी 23 नवंबर 1993)
शांतनु मोइत्रा के बच्चेएक बेटा – सुभम मोइत्रा
गृहनगर अंधेरी वेस्ट मुंबई ( नाना नानी पार्क)

Shantanu Moitra birth, family & education

शांतनु मोइत्रा का जन्म 22 जनवरी 1968 को लखनऊ (उत्तर प्रदेश) में एक बेंगोली परिवर में हुआ। इनकी उम्र 2023 के अनुसार 54 वर्ष है। इनकी राशि कुंभ राशि है। यह हिंदू परिवार से ताल्लुक रखते हैं। शांतनु मोइत्रा अपने मां-बाप के इकलौते संतान है। शांतनु मोइत्रा (Shantanu Moitra) के माता जी का नाम मंजू मोइत्रा है जो एक कलाकार है और उनके पिता का नाम शैलेश मोइत्रा है। इनके पिता एक सरोद वादक थे। इनके पिता शैलेश मात्रा का 3 मई 2021 को कोरोना से मृत्यु हो गई। शांतनु मोइत्रा की पत्नी का नाम शारदा मोइत्रा है, इनकी शादी साल 1993 में हुई 23 नवंबर को। शांतनु मोइत्रा जी का एक बेटा है जिसका नाम शुभम मोइत्रा है।

उनका प्रारंभिक शिक्षा स्प्रिंगडेल स्कूल न्यू दिल्ली से हुई उन्होंने देशबंधु कॉलेज से पढ़ाई की है। उसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की। शांतनु मोइत्रा (Shantanu Moitra) ने इकोनॉमिक्स में डिग्री ली है। शांतनु मोइत्रा जी को खाना बनाना और यात्रा करना और म्यूजिक बनाना बहुत ही पसंद है। एमके पसंदीदा संगीत निर्देशक आर.डी. बर्मन, सलिल चौधरी, जॉन विलियम्स है। और संगीतकार ए. आर. रहमान, विशाल भारद्वाज और shankar-ehsaan-loy है। इनको गायक में श्रेया घोषाल और सोनू निगम पसंद है।

शांतनु मोइत्रा की करियर की शुरुआत

बहुत ही कम उम्र में शांतनु मोइ‌‌त्रा को उनके पिता संगीत सिखाना शुरू कर दिए थे। शांतनु जब 10 साल के थे तब अपना पहला गिटार खरीदा था। अपने स्कूल के दिनों में एक बैंड के लीडर हुआ करते थे और यह बात 1982 की है। तब स्कूल का वह पहला शो था। आपको जानकार हैरानी होगी कि उस वक्त स्कूल में किसी भी तरह का संगीत बैंड नहीं थी। तो शांतनु मोइत्रा ने साल 1983 में स्कूल स्प्रिगडेल्स में एक बैंड की नींव रखी और उसकी स्थापना के और वह उसके लीडर भी थे।

मोइत्रा ने एक विज्ञापन एजेंसी में क्लाइंट सर्विसिंग एक्जीक्यूटिव के रूप में अपना करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने अनजाने में जिंगल्स के विज्ञापन के लिए संगीत रचना शुरू कर दी। जब उन्हें एजेंसी के रचनात्मक प्रमुख प्रदीप सरकार द्वारा अंतिम समय में एक जिंगल बनाने के लिए कहा गया था। परिणिता फिल्म के प्रड्यूसर प्रदीप सरकार ने शांतनु मोइत्रा से एक जिंगल बनाने के लिए कहा और मोइत्रा ने बनाया। जिसको लोगों ने बहुत पसंद किया, उसके बाद शांतनु ने कई एल्बम की रचना की।

उसके बाद इनको फिल्म “हजारों ख्वाहिशें ऐसी” (2002) से फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा। और पहली असाइनमेंट साइन की। लेकिन उससे पहले शांतनु मोइत्रा ने टीवी शो नॉट ए नाइस मैन टू नो (1998) थे। उसके लिए भी म्यूजिक डायरेक्शन का काम किया। फिर उसके बाद साल 2005 में परिणिता फिल्म के लिए म्यूजिक निर्देशन के लिए काम मिला। परिणिता फिल्म के लिए शांतनु मोइत्रा को नए संगीत प्रतिभा के रूप में फिल्मफेयर आर.डी. बर्मन पुरस्कार भी मिला। 2005 में फिल्म “परिणीता” के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक के रूप में अप्सरा अवार्ड के लिए इनका नाम भी नामांकित किया गया था।

फिल्में लगे रहो मुन्ना भाई राजनीति पीके पिंक गुलाबो सिताबो जैसी बहुत सी फिल्मों के लिए शांतनु मोइत्रा ने संगीत निर्देशन करने का काम किया। साल 2010 में “3 इडियट्स” फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक के तौर पर इनको आईफा अवार्ड मिला। और 2010 में “3 ईडियट्स” फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन के लिए इनका नाम नामांकित किया गया। 2010 में है 3 इडियट्स फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ फिल्म एल्बम के लिए संगीत पुरस्कार दिया गया। साल 2014 में तेलुगू फिल्म “ना बंगारू ताली” के लिए सर्वश्रेष्ठ बैकग्राउंड के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिया गया। साल 2021 में फिल्म मद्रास कैफे के लिए जूरी पुरस्कार से नवाजा गया।

शांतनु मोइत्रा को मिले अवार्ड्स

शांतनु मोइत्रा को मिले पुरुस्कार फिल्म
फिल्मफेयर लाईपर बर्मन पुरुस्कार – नया प्रतिभा (2006)परिणीता
आईफा पुरुस्कार (सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्दशन) – (2010)3 इडियट्स
सर्वश्रेष्ठ फिल्म एलबम अवॉर्ड (2010)3 इडियट्स
बैकग्राउंड स्कोर ऑफ द ईयर (2014) मद्रास कैफै
राष्ट्रीय फिकम पुरुस्कार – बैकग्राउंड स्कोर (2014) ना बंगारु (तेलुगु फिल्म)
0 0 votes
Article Rating
0 0 votes
Article Rating

Leave a Reply

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x