बिनय भारती का जीवन परिचय
आज मगही भाषा में यूट्यूब पर कॉमेडी बनाने वाले बेरोजगार युवा बिनय भारती जी को भला कौन नहीं जानता, बेरोजगार इसलिए क्योंकि इन्हे पढ़ लिखकर भी वो हासिल नहीं हुआ जो आज हर युवा को होना चाहिए। न जाने कितने ही युवा आज पढ़ लिखकर भी भयानक बेरोजगार है। कोई फेरी कर रहा है कोई ठेले पर सब्जी बेच रहा है कोई चोरी छुपे लेबर का काम कर रहा है, कोई अपने पैतृक धंधे मे लग गया तो कोई पढ़ लिखकर भी किसी तरह बस अपने घर का जीवनयापन कर रहा है। क्या आज अमीर बनना मुश्किल है इतना भी मुश्किल नहीं है।
आज आपको बतायेंगे ऐसे शख्स के बारे में जिसके अंदर ना जाने कितनी शख्सियत छिपे हुए है ना जाने कितने कलाकार छुपे हुए हैं। जी हाँ बात करने वाले हैं आज बिहार के रहने वाले ऐसे कलाकार की जिसने अपनी मेहनत के बदौलत आज अपनी एक शख्सियत बनाई। दोस्तों निरंतर लगन से मेहनत करने पर दुनिया में ऐसा कुछ भी नहीं जिसे हासिल नहीं किया जा सकता है और आज करीब हार युवा धीरे धीरे इस दिशा कि ओर अग्रसर है। कुछ लोग पढ़ लिखकर तो मुकाम प ले रहा है वो भी जिसके बाप के पास पैसों का ढेर है।

जीवन मे कभी भी अपने आप को किसी से छोटा मत समझिए और उस जाहीर होने मत दीजिए। जिंदगी मे गर कुछ करना है तो उसके लिए लोहे जैसा तपना ही पड़ेगा तब जाकर लोहे के माफिक कुछ बन सकते हो कोई आकार मिल सकता है नहीं तो तुम्हारी जिंदगी है तुम किसी भी प्रकार जी सकते हो। लेकिन तुम्हें कोई हक नहीं कि तुम किसी कि जिंदगी बर्बाद करो यानि कि बेरोजगार रहकर, लोफ़र बनकर किसी से शादी करके किसी का जिंदगी बर्बाद कर देना। लेकिन आज क्या हो रहा है शादी को कुछ लोगों ने व्यापार बना दिया है, जिसकी चर्चा बाद में करेंगे।
बिनयभारती का जन्म व परिवार
बिनय भारती बिहार के नवादा जिले से तालुक रखते है, नवादा जिले मे एक गाँव है जिसका नाम डेढ़गाँव और बिनय भारती वहीं रहते हैं। बिनय भारती का जन्म 16 मार्च 1993 को राजगीर में हुआ।
बिनय भारती के गाँव के लेकर भी कुछ बहस होती है मजाक उड़ाया जाता है क्योंकि इनके गाँव का नाम ही कुछ अलग है। इनके गाँव का नाम डेढ़गाँव है यानि आधा गाँव इसके पीछे एक अलग ही इतिहास है, डेढ़गाँव नाम रखने के पीछे एक रोचक कहानी है। डेढ़गाँव नाम रखने के पीछे अंग्रेजों का बड़ा हाथ है, क्योंकि अंग्रेजों को देवगांव बोलने नहीं आता था इसलिए अंग्रेज देवगांव को डेढ़गाँव कहते थे और तब से डेढ़गाँव नाम पड़ गया।
इसके बारे में बिस्तार से बाद में चर्चा करेंगे, बचपन से बिनय भारती नालंदा जिले के राजगीर (राजगृह) मे ही रहते थे, अपने नाना- नानी के पास। उस वक्त तक बिनय भारती का वहाँ घर नहीं बना था लेकिन जमीन थी, कुछ समय पहले ही बिनय भारती जी ने वहाँ अपना घर बनाया है। वह घर भी अभी तक पूरा नहीं बना पाया है क्योंकि उस वक्त इनके पास उतने पैसे नहीं थे, इनका परिवार मिडिल क्लास से तालुक रखते हैं। इनके गाँव में पढ़ाई लिखाई कि अच्छी व्यवस्था न होने के कारण बिनय भारती राजगीर में आकर बस गए।
बिनय भारती जी के पिताजी बढ़ई (Carpenter) का काम यानि लकड़ी का काम करते हैं। बिनय भारती जी का एक भाई है वो भी बढ़ई का ही काम करते हैं अभी करते हैं कि नहीं ये पता नहीं लेकिन हो सकता है बहुत कम करते होंगे।
बिनय भारती का पढ़ाई लिखाई शिक्षा
बिनय भारती जी ने ग्रेजुएसन किया हुआ है उसके बाद बिनय अलग अलग तरह के प्रतियोगिता कि तैयारी भी की। लेकिन घर कि आर्थिक स्थिति खराब होने कि वजह से इनको जॉब्स कि तैयारी करने में बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। और उस वक्त तक बिनय भारती बहुत समझदार हो चुके थे, वो अपने घर कि स्थिति से अच्छे से वाकिफ थे वे जानते थे कि घर कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है घर में दो वक्त कि रोटी जुटाना मुश्किल होता था। जिस कारण बिनय भारती पढ़ाई लिखाई के दौरान अपने घर से पैसे बहुत कम लिया करते थे।
जिसके कारण बिनय भारती एक Computer Course D.C.A करवाने बाले एक सेंटर मे पढ़ाने लगा जिससे कुछ काम लायक पैसे आने लगे। बीच बीच में बिनय भारती के पिताजी भी बिनय को कहते थे कि पैसे कि गर जरूरत पड़े तो बेझिझक मांग लिया करो लेकिन बिनय को घर कि आर्थिक स्थिति मालूम होने के कारण बिनय पिता से झूट झूट कह देते देते थे कि मेरे पास पैसे है उसकी कोई आवश्यकता नहीं है।
जिस जगह पर बिनय भारती जी को Computer सेंटर पर जॉब लगा था वहाँ के जो डाइरेक्टर थे उनका कहीं और जॉब हो गया। Computer सेंटर के डाइरेक्टर को कहीं और जॉब होने के कारण उन्हे वह कंप्युटर सेंटर बंद करना पड़ा। लेकिन जो कंप्युटर सेंटर के डाइरेक्टर थे वो बहुत ही दयालु थे बिनय भारती कि मेहनत देखकर डाइरेक्टर साहब ने बिनय को एक लैपटॉप दे दिया, इससे बिनय भारती बहुत खुश हुए। उसके बाद से बिनय भारती उसके क्लास में पढ़ने वाले छात्रों का फॉर्म भरने का काम करने लगा, जिससे थोड़ी बहुत income हो हो जाती थी।
उसके बाद बिनय भारती ने स्कूल जॉइन किया जिसमे वो कम्प्युटर का ग्लास करवाते थे, और तो और बिनय भारती घर मे ही पैन कार्ड और अन्य फार्म भर के थोड़ी बहुत खर्च निकालने का प्रयास कर रहे थे।
बिनय भारती का यूट्यूब सफर और सफलता
एक दिन ऐसे ही यूट्यूब पर देखते देखते बिनय ने यूट्यूब पर सर्च किया कि How to Earn Money from Internet उसके बाद बिनय ने अलग अलग कई विडिओ देखे। धमेन्द्र जी का विडिओ देखकर जिसमे ब्लॉग और यूट्यूब से पैसा कैसे कमाया जा सकता है। धमेन्द्र जी के My Smart Support चैनल से प्रभावित होकर बिनय भारती ने यूट्यूब पर Hindi Jharokha के नाम से एक चैनल बनाया। जब बिनय भारती 10वीं कक्षा में था तब उसने एक डायरी रखी थी जिसमे वो अच्छी अच्छी जानकारियाँ को संग्रह करता था उसी के नाम पर अपने चैनल का नाम रखा था।
लेकिन बिनय भारती को एक समस्या आ रही थी कि यूट्यूब पर चैनल तो बना लिया अब विडिओ कैसे बनाया जाए। उस समय न उसके पास स्मार्टफोन था और न ही किसी तरह का कैमरा क्योंकि उस वक्त उसके पास उतने पैसे नहीं हुआ करते थे। किसी तरह कंप्यूटर के स्क्रीन रिकॉर्डिंग से और फ़ोटो को वीडियोज़ में मिक्स करके रिकॉर्डिंग करता था और उसे यूट्यूब पर अपलोड करता था। बिनय ने करीब 10 से 15 बनाया उपलोड किया लेकिन किसी तरह का फायदा नहीं हो रहा था, क्योंकि उसके वीडियोज़ पर कुछ खास व्यू नहीं आ रहा था।
उसके बाद बिनय ने ब्लॉग पर गूगल के ब्लॉगर कि मदद से एक वेबसाईट बनाई, जिसके लिए उन्हे उस वक्त करीब 700 रुपये वेबसाईट खरीदने के लगे। उसके बाद बिनय ने ब्लॉग पर लिखना शुरू किया, बहुत सी अच्छी अच्छी जानकारी उन्होंने ब्लॉग पर पोस्ट किया। उसके बाद वेबसाईट पर Adsence चालू करवाने के लिए कम से कम आपके वेबसाईट पर 30 से 40 पोस्ट होना चाहिए 3 महिना से अधिक पुरानी होनी चाहिए और जिसमे थोड़ी क्वालिटी होनी चाहिए किसी और ब्लॉग से चोरी किया हुआ कंटेन्ट नहीं होना चाहिए।
और लगभग 2 से 3 महीने मे ही बिनय भारती के वेबसाईट को Google Adsens Ads का अप्रूवल मिल गया। इनके वेबसाईट पर Adsense तो दिखने लगा था लेकिन इनके वेबसाईट पर उतना ट्रैफिक नहीं था जिससे कि ये कुछ Earn कर सके। लेकिन उसी दरमियान बिनय भारती के यूट्यूब चैनल पर एक विडिओ Tranding पर चला गया। उस समय बिनय को पता ही नहीं था कि Tranding क्या होता है? अचानक से बिनय के यूट्यूब चैनल पर Subscriber बढ्ने लगा था और और व्यू भी बढ़ने लगा था। और तो और बिनय के यूट्यूब चैनल monetization भी चालू हो गया था यानि ads दिखने लगा था।
बिनय भारती अब चाहता था कि अब वो जो विडिओ बनाए उसमे उसका चेहरा भी नजर आए लेकिन उसके पास मोबाईल या कैमरा था ही नहीं। लेकिन किसी तरह बिनय भारती ने Motorola का एक मोबाईल emi पर लिया जी कि मोटोरोला का Moto G5 मोबाईल था। मोबाईल खरीदने से बिनय के पास से सारे पैसे खत्म हो गए, क्योंकि वो पैसे किसी और काम के लिए थे। कुछ समय तक सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन एक दिन विडिओ शूट करते समय बिनय का मोबाईल का डिस्प्ले टूट गया। लेकिन बिनय के पास कुछ पैसे थे जो कि स्कूल का था लेकिन बिनय ने मोबाईल को बनाया जिसमे करीब 5000 हजार रुपये लग गए।
अब बिनय के पास सारे पैसे खत्म हो गए धीरे धीरे बिनय भारती डिप्रेशन में चले गए, लेकिन गर कोई जिंदगी में ठान लेता है कि उसे वो करना है तो करना है। चाहे जो करना पड़ जाए हार नहीं मानने वाला उन्ही में से एक है बिनय भारती जी उसने कुछ समय के लिए हार जरूर माना था लेकिन हमेशा के लिए नहीं। कुछ समय के बाद बिनय ने Technical Dost का विडिओ देखना शुरू किया। जो बिनय को काफी पसंद आया दिल को छु गया उसके लिए ये विडिओ प्रभावशाली था, और बिनय ने भी सोचा क्यों न उसके जैसा ही कुछ मिलता जुलता विडिओ बनाया जाए।
उसके बाद से बिनय भारती ने थोड़ा बहुत टेक्निकल विडिओ बनाना शुरू किया लेकिन व्यू कुछ खास नहीं आ रहे थे। और उस वक्त उसके यूट्यूब चैनल पर करीब 14000 Subscriber थे बावजूद इसके 100 से 200 लोग ही विडिओ को देख रहे थे। अब बिनय भारती करे तो करे क्या जीतने पैसे थे सब खत्म हो चुके थे कुछ सफलता भी नहीं मिल रही थी, जॉब कहीं मिलने वाला नहीं आखिर बिनय गलती कहाँ कर रहा था ये बिनय भारती सोचने लगा फिर उसको लगा कि हो सकता है मेरा कंटेन्ट में उतना दम नहीं है जितना कि बाकियों में होता है।
उसके बाद बिनय भारती ने कुछ अलग करने कि ठानी उसने सोच क्यों न अपने गाँव में होने वाले सरस्वती पूजा के दौरान किये गए ड्रामे में किये किरदार को अपने यूट्यूब चैनल पर दिखाया जाए कोशिश करने में क्या हर्ज है। और उस समय उसके ड्रामे को लोग काफी पसंद भी किया जाता था। उसके बाद बिनय भारती ने अपने कुछ दोस्तों से मिलकर बात कि और पूछा कि हिन्दी में कॉमेडी बनाऊ कैसा रहेगा दोस्तों ने कहा ठीक रहेगा। उसके बाद दोस्तों के साथ मिलकर हिन्दी कॉमेडी बनाने लगा, कुछ समय तक विडिओ बनाता रहा लेकिन फिर भी कुछ फायदा नजर नहीं आ रहा था।
आखिर ऐसा क्यों हो रहा था अब उसे भी एहसास होने लगा था कि जो वो कॉमेडी हिन्दी विडिओ बना रहा है वो विडिओ तो पहले से यूट्यूब पर मौजूद है और उससे भी अच्छे कॉमेडी कंटेन्ट है। एक से एक बड़े बड़े अच्छे Youtuber का पहले से ही यूट्यूब पर कंटेन्ट डाला हुआ है। उसको लोग ज्यादा पसंद कर रहे थे इनके विडिओ को लोग पसंद कर ही नहीं रहे थे आखिर बिनय भारती अब करे तो करे क्या?
उसके बाद फिर बिनय भारती ने खूब सोच और उसके बाद बिनय ने फेस्बूक के माध्यम से अपने कुछ दोस्तों से पूछा कि कैसा रहेगा गर मैं मगही भाषा में यूट्यूब पर विडिओ बनाऊ तो इस पर सबका क्या प्रतिक्रिया थी तो इसके दोस्तों ने कहा कि ये तो एकदम बढ़िया रहेगा। उसके बाद बिनय भारती अकेला ही विडिओ बनाना शुरू कर दिया, फिर से बिनय भारती ने एक यूट्यूब चैनल बनाया। जिसका नाम Binay Bhart रखा जो आज बि चल रहा है ये चैनल इन्होंने 26 अप्रैल 2018 में बनाया, उसके बाद मगही भाषा में विडिओ में बनाना शुरू किया।
यूट्यूब पर इनका तीसरा मगही भाषा का विडिओ “कोरोना फंसा मुखिया के जाल मे” ये विडिओ को लोगों ने काफी पसंद किया। और ये विडिओ काफी पोपुलर भी गया और लोगों ने इसके विडिओ को ज्यादा से ज्यादा शेयर भी करने लगे क्योंकि इनके विडिओ में अच्छी कॉमेडी थी जो उसके अपने क्षेत्र के मगही भाषा में थी। लेकिन जो इनकी ये भाषा थी हिन्दी ही थी और कुछ कुछ खोरठा भाषा से मिलती जुलती है और करीब करीब हर किसी को बड़े आसानी से समझ में भी आ रही थी। उसके बाद से इनके चैनल पर व्यू और Subscriber भी बढ़ने लगे।
उस समय आर्थिक स्थिति बिनय भारती कि ठीक नहीं रहने कि वजह से बिनय ने 9वीं और 10वीं कक्षा के छात्रों को ट्यूशन पढ़ाता था। लेकिन वो ज्यादा समय तक नहीं चल पाया क्योंकि देश में कोरोना चल रहा था जिसके कारण बंद करना पड़ गया था। तो उसके बाद से आर्थिक स्थिति थोड़ी और गड़बड़ा गई लेकिन किस्मत और मेहनत ने इनका साथ नही छोड़ा कुछ समय के बाद से ही यूट्यूब से इनको कुछ पैसे आने लगे। जिससे कि बिनय भारती का खर्चा निकलने लगा था और धीरे धीरे बिनय ने खूब मेहनत किया एर अपनी एक पहचान बनाई जो आज आपके सामने हैं।
इससे सबको यही सिख मिलती है कि गर आप लगातार जीवन में लगन से मेहनत और संघर्ष करते है तप आपके रास्ते मने कोई भी बाधा नहीं डाल सकता सिवाय आपके क्योंकि जब आप ही संघर्ष करना छोड़ देंगे मेहनत करना छोड़े देंगे तो आप अपने आप से ही बेईमानी कर रहे है अपने आप को ही धोखा दे रहे हैं, अपने आप को खुद दलदल में फंसा रहे है। तो जो कुछ भी आज बिनय भारती है वो अपने मेहनत अपने टैलेंट कि बदौलत है न कि किसी के भरोसे मे रहकर किया। गर आप इनके तरह बनना चाहते हैं तो इनकी तरह मेहनत करना होगा हार नहीं मानने कि कसम खानी होगी।
और आज बहुत से ऐसे बेरोजगार युवा है जिन्होंने अपनी मेहनत के बदौलत आज 0 से मिलियन बनाया और आप भी उनसे अच्छे से वाकिफ होंगे। ऐसे बहुत से नाम है जिनके बारे में अच्छे से बता सकता हूँ जिन्हे मैं अच्छे तरीके से जानता हूँ, जिनमे से एक मनोज डे तो दूसरा है डान्सर सनातन भाई जो दोनों ही धनबाद जिले के एक ही प्रखण्ड एक ही गाँव और एक ही जगह के रहने वाले है। आपको इनके बारे में पढ़ना चाहिए क्योंकि इन्होंने भी अपने जीवन के कई साल मेहनत करने में गुजारे है, न जाने कितने संघर्ष किये जब आप जानोगे तो आपको भी लगेगा कि सच मे आप भी गर चाहे तो ये कर सकते है।
निरंतर प्रयास करने से ऐसा कुछ नहीं जिसे पाया नहीं जा सकता है बस उसे करने कि आपके अंदर इच्छा, और लगन होनी चाहिए। सब चीजे आपके ऊपर ही निर्भर करती है कि आप क्या करना चाहते हैं? क्योंकि जीवन में सफल होने के लिए पैसे कि उतनी जरूरत नहीं पड़ती है।