Prem Rawat Pravachan in hindi – भक्ति और प्रेम
श्री संत जी महाराज कहते है – ( Prem Rawat Ji )
या फिर ह्रदय की और अपने अन्दर की कल्पनाओ की मेरे सद्गुरु इसमें कृष्ण जी कहते है मैं तुम्हारा सारथी बनूँगा पर मैं तुम्हारे लिए लडूंगा नहीं सिर्फ़ रास्ता दिखाऊंगा और ये कितना बढिया संयोग है जब तुम ज्ञान प्राप्त कर लेते हो तो सतगुरु तुम्हे याद दिलाते है तुम्हे बार बार याद दिलाते हैै।
जब भी सतगुरु के पास आओ तो उनके लिए केवल अपनी भक्ति लाओ अपना प्रेम लाओ क्योंकि यही वो चीज है जो वास्तव में उपयुक्त है केवल यही वो चीज है जो तुम्हारे पास अनमोल और मूल्यवान है जिसे वो आदर करते है लेकिन ऐसा भी नहीं है की निरादर करने वालो के लिए जगह नहीं है, उसके लिए तो खास जगह है ये वही समय होता है जब उसे बड़े आसानी से समझाया जा सकता है।
एक पक्ष है मेरा ह्रदय और एक पक्ष है मेरे विचार और मेरी कल्पनाये, आज एक बहुत बड़ा युद्ध छिड़ा है खुद से, आज इस धरती पर जितने भी इन्सान है हर किसी के जीवन में खुद से युद्ध छिड़ चुका है चाहे तुम इसे अच्छाई और बुराई की लड़ाई के रूप देखो या अपने ह्रदय और मन के रूप में।
या फिर ह्रदय की और अपने अन्दर की कल्पनाओ की मेरे सद्गुरु इसमें कृष्ण जी कहते है मैं तुम्हारा सारथी बनूँगा पर मैं तुम्हारे लिए लडूंगा नहीं सिर्फ़ रास्ता दिखाऊंगा और ये कितना बढिया संयोग है जब तुम ज्ञान प्राप्त कर लेते हो तो सतगुरु तुम्हे याद दिलाते है तुम्हे बार बार याद दिलाते हैै।
जब भी सतगुरु के पास आओ तो उनके लिए केवल अपनी भक्ति लाओ अपना प्रेम लाओ क्योंकि यही वो चीज है जो वास्तव में उपयुक्त है केवल यही वो चीज है जो तुम्हारे पास अनमोल और मूल्यवान है जिसे वो आदर करते है लेकिन ऐसा भी नहीं है की निरादर करने वालो के लिए जगह नहीं है, उसके लिए तो खास जगह है ये वही समय होता है जब उसे बड़े आसानी से समझाया जा सकता है।