लॉरेंस बिश्नोई का जीवनी | lawrence bishnoi biography in hindi

लॉरेंस बिश्नोई का जीवन परिचय

आज हम ऐसे शख्स के बारे में बात करेंगे जिसका नाम भारत के साथ साथ अमेरिका और कनाडा में भी हो रहा है। हम बात कर रहें हैं लारेंस बिश्नोई (lawrence bishnoi ) की। समाज के कुछ लोग लारेंस बिश्नोई को अच्छा बता रहे हैं तो कुछ गलत। तो इसी विषय में बात करेंगे और लारेंस बिश्नोई के बारे गाँव के नजरिए से जानेंगे। पुलिस रिपोर्ट की माने तो लारेंस बिश्नोई आज के वक्त में एक बड़ा गैंगस्टर है। और ये गैंगस्टर आखिर बना कैसे? इसकी शुरूआत कब कहाँ और कैसे हुई? इसके बारे में विस्तार से जानेंगे। इनके ऊपर कई हत्या के आरोप है, अभी तक का सबसे बड़ी हत्या एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी का हुआ जिसका जिम्मेवारी लारेंस बिश्नोई के गैंग ने लिया। और साथ में दो शूटरों को गिरफ्तार भी गया।

प्यार इंसान को बदल सकता है, लेकिन लारेंस बिश्नोई के जीवन में प्यार ने ऐसा तूफान मचाया कि बदले कि आग में दुनिया को हिल दिया। लारेंस बिश्नोई के गर्लफ्रेंड को उसके दुश्मनों ने कॉलेज के इलेक्शन के बाद जिंदा जला दिया गया। लारेंस बिश्नोई एक कदम जिसने उसे छात्र से एक बड़े गैंगस्टर में बदल दिया। आखिर क्यों लारेंस बिश्नोई का सलमान खान से पर्सनली दुश्मनी है। क्या आपको पता है इतने खूंखार गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई शुरुआत एक साधारण स्कूल छात्र के रूप में हुआ था। ऐसा लड़का जो प्यार में था, कॉलेज की राजनीति कर रहा था। लेकिन एक हादसे ने लारेंस बिश्नोई की जिंदगी को पुरी तरह बदल कर रख दिया।

लॉरेंस बिश्नोई का जन्म परिवार व शिक्षा

लारेंस बिश्नोई का जन्म 12 फरवरी 1993 को हुआ, लारेंस बिश्नोई के पिता एक किसान है। भाई अनमोल बिश्नोई है, दोस्त – जितेंद्र कुमार बिश्नोई। लारेंस बिश्नोई फाजिल्का के दूतारावाली गाँव का रहने वाला है। गाँव के घर में सिर्फ उसके पिता लविंदर बिश्नोई और माँ ममता है, पहले ये गाँव फिरोजपुर जिले में था। लेकिन अब फाजिल्का में आ गया। इस गाँव में अधिकांश लोग बिश्नोई समाज के लोग है। लारेंस बिश्नोई को घुड़सवारी पसंद था, वॉलीबाल और क्रिकेट भी खेलता था। लारेंस बिश्नोई के परदादा साबराम ने गाँव में ही समाधि ले ली थी। इनके परदादा विश्नोई समाज के बहुत ही बड़े संत थे, गाँव के अंदर लारेंस बिश्नोई के घरवाले का एक धर्मशाला भी है। और एक मंदिर है और उसी मंदिर में इनकें परदादा ने समाधि ली थी।

लारेंस बिश्नोई गैंगस्टर कैसे बना?

उम्र 31 वर्ष फाजिल्का पंजाब, चुनाव हारा उम्मीदवार का पैर तोड़ा। गिरफ्तार हुआ लेकिन कुछ दिन में जमानत मिल गया। एक साल से साबरमती जेल में बंद है। आखिरी बार 2016 में पुलिस custody में अपने गाँव आया था। लारेंस बिश्नोई को कोई नया डॉन कहता है तो कोई नया गैंगस्टर। इनका नाम भारत तो भारत कनाडा से लेकर अमेरिका तक है। सलमान खान से दुश्मनी खत्म करने के लिए 5 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी ऐसा रिपोर्ट है। क्षत्रिय करणी सेना मे लारेंस बिश्नोई के सिर 1,11,11,111 रुपये का इनाम रखा। भीम आर्मी ने कहा इजाजत मिली तो 2 घंटे में लॉरेंस को खत्म कर देंगे।

उत्तर भारत विकास सेना ने लारेंस बिश्नोई को महाराष्ट्र से चुनाव लड़ने का अनुरोध किया। लारेंस बिश्नोई के खिलाफ जब पहली बार हत्या का मुकदमा और डकैती जैसे आरोप लगा तब वे छात्र राजनीति में था। अब उसपर कई हत्या के मामले दर्ज है, इनका अब गैंग का ग्रुप भी बड़ा हो चुका है। अनमोल बिश्नोई से लेकर गोलडी बरार, रोहित गोदारा, रितिक बाक्सर आदि कई गैंग से इनकी दोस्ती है।

लॉरेंस बिश्नोई की कहानी, डॉन बनने की कहानी, लॉरेंस बिश्नोई की लव स्टोरी

कहानी शुरू होती है अबोहर सरकारी स्कूल से, जहाँ से लारेंस बिश्नोई ने अपनी पढ़ाई शुरू की थी। बचपन से ही लारेंस बिश्नोई के पास सब कुछ था। इसका परिवार धन दौलत से सम्पन्न था, करोड़ों की जमीनें हैं। पिता हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल थे, एक तरह से देखा जाए तो किसी चीज की कमी नहीं थी लारेंस बिश्नोई के जीवन में। लेकिन कॉलेज की पढ़ाई के दौरान लारेंस बिश्नोई की नजर एक लड़की पर पड़ी। और देखते ही लारेंस बिश्नोई को उस लड़की से प्यार से हो गया। स्कूल के दिनों से शुरू हुआ ये प्यार डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ तक चला। जहाँ पर दोनों ने एक साथ एडमिशन कराया, लेकिन यहाँ से कहानी में आता एक ट्विस्ट।

लारेंस बिश्नोई का मन पढ़ाई में कम कॉलेज के राजनीति ज्यादा लगने लगा था। लारेंस बिश्नोई ने कॉलेज में स्टूडेंट ऑर्गनीसटीऑन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (sopu ) नाम से एक यूनियन बनाई । उसका सपना था की वो कॉलेज का प्रेसीडेंट बने, कॉलेज के राजनीति में बड़ा नाम कमाए। लेकिन किस्मत यहाँ हमेशा साथ नहीं देती है, 2011 में हुए स्टूडेंट यूनियन में हुए चुनाव में इनका यूनियन स्टूडेंट ऑर्गनीसटीऑन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (sopu ) हार गई। इस हार ने लारेंस बिश्नोई को तोड़ा नहीं बल्कि और ज्यादा गुस्सैल बना दिया। गुस्सा सिर्फ चुनाव हारने का नहीं था, उसके दुश्मनों ने उसकी गर्लफ्रेंड को इस तरह निशान बनाया कि लारेंस बिश्नोई का पूरा जीवन बदल दिया।

लॉरेंस बिश्नोई की लव स्टोरी ↑↑

कॉलेज चुनाव के बाद लारेंस बिश्नोई के गर्लफ्रेंड को विपक्षी पार्टी ने जिंदा जला दिया। उसके बाद आप सोच सकते हैं कि लारेंस बिश्नोई के दिल पर क्या बीती होगी? गर्लफ्रेंड के मौत ने लारेंस बिश्नोई के दिल में बदले कि आग जला दी। ये वही वक्त था जब लारेंस बिश्नोई ने गैंगस्टर बनने का रास्ता चुना। पहले कॉलेज में हथियार उठाया, फिर छात्र नेताओ पर हमले किए, उसके ऊपर कई गंभीर केस दर्ज हुए। और यही वो समय था जब लारेंस बिश्नोई ने जुर्म की दुनिया में अपना कदम रखा। और धीरे धीरे उसकी पहचान एक खतरनाक गैंगस्टर के रूप में होने लगी।

2010 में DAV कॉलेज चंडीगढ़ छात्र संग चुनाव लड़ा। चुनाव में हारने के बाद लारेंस बिश्नोई इतना निराश हुए कि उसने गोल्डी बराड लखप्रीत, इंद्रप्रीत और करनी गैंग से मिलकर उस उम्मीदवार पैर तोड़ दिए थे। जिसने उसको चुनाव में हराया। उसके बाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था। और कुछ दिन बाद जमानत मिल गई थी। 2011 में फिर से छात्र संघ का चुनाव लड़ा और इस बार चुनाव जीतकर DAV कॉलेज के छात्र संघ के अध्यक्ष बन गया। लारेंस बिश्नोई की ख्वाइश थी कि पंजाब के सभी कॉलेज में उसकी पार्टी के लड़के छात्र संघ के नेता बने और इसके लिए लारेंस बिश्नोई ने खून खराबे का सहारा लिया। 

सलमान खान के साथ लारेंस बिश्नोई की दुश्मनी क्यों हैं?

आपको लग रहा है इसकी दुश्मनी कॉलेज तक ही सीमित थी तब आप गलत है, इस कहानी में एक और बड़ा नाम है सलमान खान। 1998 में जब राजस्थान में “हम साथ साथ हैं” फिल्म के शूटिंग के दौरान सलमान खान पर काले हिरण का शिकार का आरोप लगा था। तब लारेंस बिश्नोई मात्र 5 साल के थे, लेकिन उसका समुदाय विश्नोई काले हिरण की पूजा करते हैं और यही वजह है सलमान खान के खिलाफ लारेंस बिश्नोई का गुस्सा वर्षों बाद आज भी खत्म नहीं हुआ। ये गुस्सा आज भी उसके दिल में आग की तरह कहीं न कहीं जल रहा है।

NCP नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या में लारेंस बिश्नोई का हाथ?

हाल में ही महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या हुई जो सलमान के बहुत करीबी माने जाते हैं। मुंबई पुलिस के अनुसार इस हत्या के पीछे लारेंस बिश्नोई का ही हाथ है, एक सोशल मीडिया पोस्ट में लारेंस बिश्नोई के गैंग से जुड़े लोग ने साफ कहा जो सलमान खान और दाऊत की मदद करेगा, वो अपना अपना हिसाब लगा के रखना।

लारेंस बिश्नोई को पहली बार जेल 2012 में भेजा गया। छात्र राजनीति के दौरान बहुत से अपराध किए हत्या की कोशिश, अपहरण, और रंगदारी के मामले में जब लारेंस बिश्नोई कि गिरफ्तारी हुईं। तब नए नए गैंग से जुड़ते गए। एक साल से साबरमती जेल में एक अंडर सेल में नजरबंद करके रखा गया है। अंडा सेल में सबसे खतरनाक अपराधियों और आतंकवादियों को रखा जाता है।

सिद्धू मूसे वाला को लॉरेंस बिश्नोई ने क्यों मारा? सिद्धू मूसेवाला को क्यों गोली मारी गई?

7 अगस्त 2021 मोहाली सेक्टर 71 के पास अकाली दल के नेता और लॉरेंस बिश्नोई के जिगरी दोस्त विक्की मिदुखेरा अपने एक प्रोपर्टी डीलर दोस्त से मिलने आये थे। तभी वहां एक सफ़ेद रंग की गाड़ी आकर रूकती है और गाड़ी से चार हमलावर बाहर निकलते हैं। इन चारो ने अपने चेहरे पर मास्क लगा रखा था, चार हमलावर में से २ हमलावर विक्की के पीछे दौड़ते हैं। और इससे पहले कि विक्की अपनी गाड़ी में दोबारा बैठ पाता, हमलावरों ने चंद सेकेंड में ही विक्की २० राउंड गोलियां दाग दी। गाड़ी में बैठने से पहले ही विक्की मिदुखेरा कि जान चली गई। विक्की लारेंस बिश्नोई का जिगरी यार था। 

तो यहाँ पर लॉरेंस बिश्नोई पक्का थे कि उसके जिगरी दोस्त को सिद्धू मूसे वाला ने ही मारा। सिद्धू मूसे वाला अक्सर अपने गाने में उसके दोस्त को चिढ़ाते थे। और एक दिन मौका पाते ही उसके दोस्त को मार दिया। मौका पाते ही लॉरेंस बिश्नोई ने सिद्धू मूसे वाला की हत्या करवा दी ऐसा रिपोर्ट में कहा गया।

बिश्नोई का जन्म कब हुआ था?

12 फरवरी 1993 को हुआ

लॉरेंस बिश्नोई का भाई कौन था?

अनमोल बिश्नोई

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