नसीरुद्दीन शाह पुराने दौर के जाने माने अभिनेता है इन्हे अक्सर पुराने फिल्मों में किसी अभिनेता के सपोर्ट अभिनेता या फिर किसी नेगटिव रोल यानि गुंडे के रूप में ज्यादा ही देखें होंगे। आज के समय में भी नसीरुद्दीन शाह जी कई फिल्मों में काम कर चुके हैं, इनकी शादी 20 वर्ष कि आयु में मनारा सिकरी से हुई थी। नसेरुद्दीन शाह को मनारा सिकरी से एक बेटी हुई जिनका नाम हीबा शाह रखी गई, कुछ वर्षों के बाद मनारा सिकरी और नसेरुद्दीन शाह के बीच संबंध बिगड़ने लगे और एक दिन दोनों अलग हो गए। मनारा सिकरी नसेरुद्दीन शाह से अलग होने के बाद मनारा सिकरी अपनी बेटी हीबा शाह के साथ ईरान चली गई।
नसीरुद्दीन शाह का जन्म, परिवार व शिक्षा
नसीरुद्दीन शाह का जन्म लखनऊ के बाराबंकी में 20 जुलाई 1949 को एक मुस्लिम परिवार में हुआ, नसेरुद्दीन शाह के पिताजी का नाम अलए मोहम्मद शाह है और इनकी माताजी का नाम फारुख सुल्तान है। नसेरुद्दीन शाह ब्रिटिश शासन समय के नसेरुद्दीन शाह के पिताजी एसडीएम हुआ करते थे ओर उनका पोस्टिंग बाराबंकी में हुआ था। और किरायेदार के रूप में रहते थे, और उसी दरमियान नसेरुद्दीन शाह जी का जन्म हुआ था। पढ़ाई लिखाई अजमेर और नैनीताल में हुआ अभिनय की शुरुआत स्कूल से शुरू हुई जहां इनके अभिनय की काफी प्रशंसा की गई, उसके बाद से इनको अपनी काबीलियत की पहचान हुई अपने अंदर के हुनर को पहचाना, उसके बाद विधिपूर्वक अभिनय सीखा।
नसीरुद्दीन शाह और उनके पिता के बीच ज्यादा बातचीत नहीं होती थी, मतलब दोनों आपस में बनती नहीं थी।
नसीरुद्दीन शाह फिल्मी सफर
स्कूल की पढ़ाई लिखाई के बाद नसीरुद्दीन शाह जी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पहुंचे, साल 1971 था फिर उसके बाद नसीरुद्दीन शाह जी 1971 में पहुंचे नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, यहां पर इनको अब्राहम अलका जी ने विधि पूर्वक प्रशिक्षण दिया। उस समय उनके साथ अमरीश पुरी भी साथ में अभिनय का प्रशिक्षण ले रहे थे। दोनो एक अच्छे दोस्त भी थे, उसके बाद उन्होंने पुणे इंस्टीट्यूट ऑफ फिल्म film & Television institute of India भारतीय फ़िल्म और टेलीविजन संस्थान में जानें की सोची।
उनके चेहरे को देखकर कोई भी इनको फिल्म में मौका नहीं दे रहे थे, साल 1972 में श्याम बेनेगल की एक फ़िल्म आई फ़िल्म का नाम था अंकुर जिसको देखकर नसेरुद्दीन शाह जी समझ गए थे कि इसके बाद से नए नए चेहरे को काम मिलेगा मौका मिलेगा। और ऐसा ही हुआ और ऐसा ही हुआ साल 1975 में नसरुद्दीन साहब जी फिल्म निशांत में नजर आए इस फिल्म में नसीरुद्दीन शाह जी का रोल थोड़ा छोटा था लेकिन धीरे-धीरे इनका कद बढ़ रहा था।
निशांत फिल्म को भी डायरेक्टर श्याम बेनेगल जी ने डायरेक्ट किया था, नसीरुद्दीन शाह जी जब 20 वर्ष के थे तभी उन्होंने शादी कर ली थी। इनकी पत्नी का नाम मनारा सिकरी है, जो पैसे से एक डॉक्टर थी, तो उनसे उनकी एक बेटी हुई जिसका नाम इन्होंने हिबा रखा। किसी कारणवश नसीरुद्दीन शाह और पत्नी मनारा सिकरी अलग हो गए और मनारा सिकरी जी अपनी अपनी बेटी हिबा को लेकर ईरान चले गए। उसके बाद वो दौर शुरू हुआ जब नसेरुद्दीन शाह का रोमांस शुरू हुआ उस वक्त के अभिनेत्री रत्ना पाठक के साथ रत्ना पाठक से मुलाकात सत्यदेव दुबे जी के एक नाटक रंगमंच के दौरान ही हुई थी।
करीब 6 सालों तक इनके बीच अफेयर चला उसके बाद उन दोनों ने आपस में शादी कर ली। नसीरुद्दीन शाह जी ने अपने पहले बीवी के बारे में अपनी दूसरी बीवी के साथ शेयर भी की लेकिन उसकी पहले बीवी मनारा की मृत्यु के बाद उसकी बेटी हीरो अपने पिता नसीरुद्दीन शाह जी के पास आ गए उनके साथ ही रहने लगी। इनकी दूसरी शादी से रत्ना पाठक के दो बेटे हुए। नसेरुद्दीन शाह जी के बेटों का नाम इमाद शाह और विवान शाह है पूरा परिवार एक साथ रहते हैं इनकी पहली पत्नी की बेटी इनके साथ ही है क्योंकि इनकी पहली पत्नी का निधन हो चुका है।
नसेरुद्दीन शाह का पुराना घर का इतिहास
पुराने घर का care टेकर मो. जुनूस को नसेरुद्दीन शाह के PRO ने फोन किया था। मेहबूदाबाद में डेढ़ इश्किया की शूटिंग हो रही थी, उस दरमियान नसेरुद्दीन शाह ने अपने पुराने घर के मालिक से संपर्क किया उसे फ़ोन किया और कहा कि मैं नसेरुद्दीन शाह बोल रहा हूं। मुझे पता चला है मेरे पूर्वजों से कि मेरा जहां जन्म हुआ था वो मकान आपके वालिद साहब जी ने राजा जमाल वसूल साहब से खरीद लिया था। मैं अपने जन्म स्थान को देखना चाहता हूं, क्या मैं आ सकता हूं।
तब भी केयर टेकर को यकीन नहीं हुआ की नसेरुद्दीन शाह जी उनको फोन किया था। उनको लगा कोई उससे मजाक कर रहे हैं उसकी आवाज में, ये बात सिर्फ उसने अपने बेटे मो. जिशान जुनुस को बताया था कि कोई फोन कर रहा है नसेरुद्दीन शाह की आवाज में और कहा कि मैं आ रहा हूं तो इस बात को लेकर केयर टेकर ज्यादा सीरियस नहीं हुए। 2 घंटे बाद उसके दुकान के बाहर इनोवा कार आकर खड़ी हो गई, रूमेशा मेडिकल स्टोर के सामने ( अंग्रेजी दवाखाना) ये दुकान उन्ही की है. मो. जुनूस के वालिद साहब जी ने 1967 में राजा जमाल रशूल जी से खरीदे थे।
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