BharOS क्या है? कैसे काम करती है फीचर्स क्या क्या है? एंड्रॉयड को कैसे टक्कर देगी?

BharOS ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है? कैसे काम करती है?

BharOS भारत में निर्मित एक स्मार्टफोन ऑपरेटिंग सिस्टम है। जिसे जनवरी महिना में ही सरकार ने भारत के स्मार्टफोन यूजर्स के लिए डाटा सिक्योरिटी और प्राइवेसी को ध्यान में रखकर लॉन्च किया है। जिसे आईआईटी मद्रास के द्वारा विकसित किया है। जो हमारे देश के लिए बहुत गर्व की बात है। BharOS ऑपरेटिंग सिस्टम कैसे काम करती हैं। इस ऑपरेटिंग सिस्टम में भारत के स्मार्टफोन यूजर्स को क्या क्या फीचर्स मिलने वाले हैं उसके बारे में जानेंगे।

BharOS क्या है? कैसे काम करती है फीचर्स क्या क्या है? एंड्रॉयड को कैसे टक्कर देगी?

अमरीका की दो स्मार्टफोन ऑपरेटिंग सिस्टम गूगल कंपनी की Android और आईफोन की iOS को टक्कर दे सकती है। भारत की ऑपरेटिंग सिस्टम BharOS जो बहुत ही स्मूथली चलेगी। क्योंकि BharOS ऑपरेटिंग सिस्टम में आपको पहले से इसमे preinstall एप्लिकेशन देखने को नही मिलेगा। आप अपनी मर्जी से अपने मुताबिक ही किसी एप्लिकेशन को इंस्टॉल कर सकते हैं। इसे बहुत जल्द भारत में स्मार्टफोन यूजर्स के लिए मार्केट में उतारा जायेगा।

स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है? BharOS क्या मतलब है?

Bhar का मतलब भारत है और OS का मतलब है ऑपरेटिंग सिस्टम। इसलिए इसे शॉर्ट में BharOS कहा गया है। भारत में बने ऑपरेटिंग सिस्टम BharOS अब गूगल के एंड्रॉयड और आईफोन के iOS को कड़ी टक्कर देगा। ऑपरेटिंग सिस्टम एक सिस्टम सॉफ्टवेयर होता है। जो हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच एक कड़ी का काम करता है। हार्डवेयर वह होता जिसे हम छू सकते हैं महसूस कर सकते है। और सॉफ्टवेयर वह होता है जिसे हम देख नहीं सकते हैं। जैसे हमारे मोबाइल में एप्लीकेशन होते हैं फीचर्स होते हैं वो सॉफ्टवेयर के माध्यम से ही चलते हैं।

BharOS ऑपरेटिंग सिस्टम की हमे जरुरत क्यों पड़ी?

पूरी दुनिया में देखा जाए तो मोबाइल में जो ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल होता है। जिस ऑपरेटिंग सिस्टम का मार्केट है वह सिर्फ दो कंपनियों ने ही नियंत्रण कर रख है। यह दोनों कंपनियां अमेरिका के ही है। एक है गूगल जिसका ऑपरेटिंग सिस्टम का नाम है एंड्राइड और दूसरी कंपनी है एप्पल जिसका ऑपरेटिंग सिस्टम का नाम है iOS मतलब आईफोन ऑपरेटिंग सिस्टम। iOS ऑपरेटिंग सिस्टम जो सिर्फ आईफोन के डिवाइस में काम करती है। बाकी दुसरी किसी भी देश की डिवाइस में ये iOS ऑपरेटिंग सिस्टम काम नही करती है और एप्पल इसका इस्तेमाल भी किसी दूसरी कंपनी को करने नही देती है। यानी एप्पल अपनी ऑपरेटिंग सिस्टम iOS को सिर्फ अपने डिवाइड के लिए ही बनती हैं किसी दूसरी कंपनी को किसी भी कीमत पर नहीं बेचती हैं।

Android और iphone ऑपरेटिंग सिस्टम

पूरी दुनिया में जितने भी स्मार्टफोन इस्तेमाल हो रहे हैं। लगभग में 71% गूगल का एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम से चलता है। पूरी दुनिया का जितना भी मोबाइल है या फिर कोई भी उसे बनाता हो कोई भी देश बनाता उसमें ऑपरेटिंग सिस्टम गूगल एंड्राइड ही होता है। और जबकि 28% स्मार्टफोन 00में एप्पल की ऑपरेटिंग सिस्टम iOS (iPhone Operating system) होती है।

लेकिन यहां पर जो एप्पल के ऑपरेटिंग सिस्टम है वह सिर्फ एप्पल के ही डिवाइसों में काम करती है। बाकी किसी और डिवाइस में काम नहीं करती है। जो यह खुद बनाती है बाकी किसी भी दूसरे सिस्टम डिवाइस में काम नहीं करती है। जब कोई चाइनीस कंपनी या फिर कोई भी देश का स्मार्टफोन कंपनी स्मार्टफोन बनाती है। तो उसमें गूगल का एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम होता है। लेकिन वहीं पर अगर कोई एप्पल कोई अपना मोबाइल बनाती है तो उसमें वह अपना खुद का ऑपरेटिंग सिस्टम iOS डालती है।

BharOS की खोज और फीचर्स

गूगल जो अपने ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्रॉयड को बाकी स्मार्टफोन कंपनियों को बेचती है। लेकिन एप्पल अपने ऑपरेटिंग सिस्टम iOS को नहीं बेचती है किसी दूसरे स्मार्टफोन कंपनियों को। ‌भारत में देखा जाए तो करीब 120 करोड़ आबादी मोबाइल फोन यूजर्स हैं। जिसमें से करीब 60 करोड़ यूजर्स स्मार्टफोन का इस्तेमाल करती है। जिसमें गूगल का एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम install होता है। अब इसी चीज को कम करने के लिए भारत सरकार ने मेड इन इंडिया ऑपरेटिंग सिस्टम को प्रचलन में लाया है। BharOS को आईआईटी मद्रास (IIT Madras) के द्वारा विकसित की गई है। जो भारत के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि साबित हुई है।

यह एंड्राइड सिस्टम ओपन सोर्स प्रोजेक्ट पर आधारित है। मतलब है कि गूगल के एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम से कुछ ज्यादा अलग नहीं है। इसमें बस इतना सा फर्क है कि ऑपरेटिंग सिस्टम को इस तरह से विकसित किया गया है कि यह हमारी प्राइवेसी और डाटा को सुरक्षित रखती है। और इस ऑपरेटिंग सिस्टम की खासियत यह है कि इसमें किसी भी तरह का डिफॉल्ट एप्स नही आता है। यानी कि जब इस ऑपरेटिंग सिस्टम को आप इस्तेमाल करेंगे आपके स्मार्टफोन मोबाइल मे किसी भी तरह का एप्लीकेशन देखने को नहीं मिलेगा। यह पूरा ब्लैंक रहेगा उसके बाद आप अपनी मर्जी से कुछ गिने-चुने एप्लीकेशन को इंस्टॉल कर सकते हैं।

BharOS की खासियत

जैसा कि आप देखते हैं कि गूगल के एंड्रॉयड मोबाइल को जब आप नए फोन को चालू करते हैं। तो उसमें आपको बहुत सारे प्रीइंस्टॉल एप्लीकेशन देखने को मिलते हैं। जिसमें सबको यूट्यूब गूगल क्रोम, गूगल, पेटीएम जैसे बहुत सारे एप्लीकेशन पहले से इंस्टॉल देखने को मिलता है। जिनमें से बहुत सारे ऐसे एप्लीकेशन होते हैं जिसको हम हटा भी नहीं सकते हैं। डिलीट तक नहीं कर सकते हैं। वह डिफॉल्ट ही रहता है लेकिन जब हम भारत के द्वारा विकसित की गई ऑपरेटिंग सिस्टम BharOS का इस्तेमाल करेंगे तो हम अपनी मर्जी से किसी भी एप्लिकेशन को बहुत ही आसानी से हटा सकते हैं। और इंस्टॉल कर सकते हैं। यही चीज गूगल के एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम से इसे अलग बनाती है।

और इसमें यह खासियत है कि इसमें इस ऑपरेटिंग सिस्टम में एक के प्राइवेट एप्स स्टोर होगी। जिस प्रकार एंड्राइड में प्ले स्टोर होती है उसी प्रकार इसमें भी प्राइवेट एप्स स्टोर होगी। और इस प्राइवेट एप्स स्टोर का नाम पास (PASS) रखा गया है। और इस एप्स स्टोर में वही सारे एप्लीकेशन होगी जो आपके डेटा के लिहाज से सुरक्षित है। आपके फोन के डाटा को सुरक्षित रख सकती है। और इस ऑपरेटिंग सिस्टम खास बात ये है कि इसको आपको एंड्राइड की तरह मैनुअली अपडेट करने की जरूरत नहीं है यह ऑपरेटिंग सिस्टम अपने आप खुद ब खुद अपडेट होती है।

BharOS क्या है?

BharOS भारत में निर्मित एक स्मार्टफोन ऑपरेटिंग सिस्टम है। BharOS को आईआईटी मद्रास (IIT Madras) के द्वारा विकसित की गई है।

BharOS की खोज और फीचर्स

BharOS को आईआईटी मद्रास (IIT Madras) के द्वारा बनाया गया है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम अपने आप खुद ब खुद अपडेट होती है। इसमे preinstall एप्लिकेशन देखने को नही मिलेगा। इसमे प्राइवेट एप्स स्टोर होगी और इस प्राइवेट एप्स स्टोर का नाम पास (PASS) रखा गया है।

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