भाविनाबेन पटेल का जीवन परिचय : पैरालिम्पिक के टेबल टेनिस में पहुँचने वाली भारत की पहली महिला ख़िलाड़ी भाविनाबेन पटेल
भाविनाबेन पटेल (Bhavinaben Patel) पैरालिम्पिक (टोक्यो ) के टेबल टेनिस में पहुँचने वाली भारत की पहली महिला ख़िलाड़ी है। भाविनाबेन पटेल जी 1 साल की थी जब उनको लकवा मार दिया था, जब भाविनाबेन पटेल जी कंप्यूटर सीखने गई तो वहां से ही उन्हें टेबल टेनिस खेलने का मौका मिलाI भाविनाबेन पटेल जब एक साल की थी तब चलने की कोशिश करने के दौरान गिर गई थीI उस समय उनके पैर में लकवा मार गया था और उसके कुछ समय पश्चात् भाविनाबेन पटेल जी दूसरा पैर भी लकवा से ग्रसित हो गयाI
भाविनाबेन पटेल जन्म व परिवार ( Birth & Family )
भाविनाबेन पटेल का पूरा नाम
भाविनाबेन हंसमुख भाई पटेल
भाविनाबेन पटेल का जन्म
6 November 1986
Bhavinaben Patel age
34 yrs (2021)
Bhavinaben Patel Birth Place
गुजरात की वडनगर सुंडिया गाँव
Bhavinaben Patel Profession
पारा टेबल टेनिस ख़िलाड़ी
Bhavinaben Patel Father name
Hansmukh Patel
Bhavinaben Patel Status
Married
भाविनाबेन पटेल जी की शिक्षा
संस्कृत में स्नातक ( ग्रेजुएशना)
भाविनाबेन जी (Bhavinaben Patel) गुजरात की वडनगर के सुंडिया गाँव की रहने वाली है। भाविनाबेन जी 3 भाई बहनों में सबसे छोटी है, भाविनाबेन जी का एक भाई और एक बहन है, जो की दोनों ही एकदम फिट है। भाविनाबेन पटेल जी के पिताजी हंसमुख पटेल का गाँव में ही एक छोटी सी दुकान है।
जब भाविनाबेन जी एक साल की थी तब भाविनाबेन जी चलने की कोशिश के दौरान गिर गई थी। शायद जिनके कारण से उन्हें लकवा मार गया जिसके कुछ समय पश्चात् भाविनाबेन जी का दूसरा पैर भी लकवा से ग्रसित हो गया। उसके बाद भाविनाबेन पटेल जी का आपरेशन किया गया उसके बाद भाविनाबेन जी वैशाखी की मदद से चलने लगी। भाविनाबेन पटेल जी की 2018 में ही शादी हुई है, और भाविनाबेन जी को Sports कोटे से बीमा निगम में नौकरी मिली।
भाविनाबेन जी (Bhavinaben Patel) जी की शादी होने के बाद भी भाविनाबेन पटेल जी टेबल टेनिस से जुड़ी रही। जिसमे उनके पति और ससुराल वालो ने भी पूरा सहयोग किया आज भी उनके पति उनके साथ हमेशा मौजूद रहते हैं और आज भी उनके साथ ताकि किसी तरह की दिक्कत न हो।
भाविनाबेन पटेल जी का टेबल टेनिस तक का सफ़र
भाविनाबेन जी (Bhavinaben Patel) जी जब दिव्यांगो केस्कूल में कंप्यूटर सिखने जाया करती थी वहां से उन्हें टेबल टेनिस खेलने का मौका मिलता है। और भाविनाबेन पटेल जी धीरे धीरे टेबल टेनिस खेलना शुरू करती है उसी दौरान गुजरात के पैरा टेबल टेनिस के एक कोच की नजर भाविनाबेन जी पर पड़ी। फिर उसके बाद पैरा टेबल टेनिस के कोच ने भाविनाबेन पटेल (Bhavinaben Patel) जी को और खेलने के लिए प्रेरित करने लगे। और उसके बाद व्हीलचेयर टेबल टेनिस प्रतियोगिता में जीत मिलने के बाद भाविनाबेन जी कभी हार नहीं मानी और आज तक खेलती रही। जिसकी वजह से आज पैरालिम्पिक में जगह बना पाई है।
भाविनाबेन जी (Bhavinaben Patel) क्वार्टर फाइनल में पिछली बार की विजेता सर्बिया को बोरिस्लावा को 11-5 , 11-6 , और 11-6 से हराया। भाविनाबेन जी टेबल टेनिस के विमेंस सिंगल्स में क्लास – 4 केटेगरी के फ़ाइनल में पहुँच चुकी है।
भाविनाबेन जी (Bhavinaben Patel) ने रविवार को हुए वीमेंस टेबल टेनिस के फाइनल में सिल्वर जीत लिया है जिसमें भाविनाबेन (Bhavinaben Patel) जी का सामना दुनिया की नंबर 1 खिलाड़ी झोउ यिंग जो चीन की है उससे हुआ जिसमें उसे हरा दिया, 11-5, 11-6, 11-7 से जीती।
Tokyo Paralympic 2021 में भाविनाबेन पटेल (Bhavinaben Patel) को मिले मेडल
भाविनाबेन जी ने अब तक 27 देशो का दौरा कर चुकी है और भाविनाबेन जी कई International Competition में अपने देश भारत का नाम रौशन कर चुकी है और मेडल जीत चुकी है।
जब 2016 के पैरालिम्पिक में भाविनाबेन पटेल नहीं खेल सकी
भाविनाबेन जी (Bhavinaben Patel) जी 2016 के रियो में हुए पैरालिम्पिक में शामिल नहीं हो सकी तो भाविनाबेन पटेलजी बहुत टूट चुकी थी। जिस वजह से भाविनाबेन जी को रात को नींद तक नहीं आती थी और तो और यहाँ तक की भाविनाबेन जी दोबरा टेनिस न खेलने की भी ठान ली थी। लेकिन धीरे धीरे अपने आप को उस अँधेरे से निकाली और किसी तरह दोबारा से टेबल टेनिस खेलने के लिए अपने मन को मनाया अपने हौसले को बुलंद की । और आज उस हौसले की वजह से टोक्यो पैरालिम्पिक में पहुँच पाई है और वो भी फाइनल में जगह बना पाई है।
Paralympic (पैरालिम्पिक) 2021 में Me भारत ने रचा इतिहास जीते 3 मेडल
Paralympic 2021 medal – 29 अगस्त 2021 दिन रविवार को भारत के खिलाड़ियों ने पैरालिम्पिक मे इतिहास रचा भारत के खिलाड़ियों ने भारत के नाम 3 मेडल नाम किए। जिसमें 2 सिल्वर और 1 ब्रॉन्ज मेडल है, जिसमें वीमेंस टेबल टेनिस क्लास – 4 की केटेगरी मे भाविनाबेन जी (Bhavinaben Patel) जी ने सिल्वर जीत लिया है।
Nishad Kumar Paralympic – उसके बाद Mens T47 High Jump में 2.06 मीटर का jump करके निषाद कुमार ने 1 सिल्वर मेडल भारत देश के लिए अर्जित किया। उसके बाद विनोद कुमार जी ने डिस्कस थ्रो में ब्रॉन्ज मेडल देश के नाम किया। जो देश को गौरवान्वित कराती है
I live in Jharia area of Dhanbad, I have studied till Intermediate only after that due to bad financial condition of home I started working, and today I work and write post together in free time............