एक बेहद ही विपर्यासपूर्ण दुखद घटना
2 जून 2023 को उड़ीसा राज्य के बालासोर में एक साथ दो गंभीर रेल हादसे घटित हुई है। इन हादसों में सकड़ो लोगों की मौत हुई और हजारों लोग घायल हुआ। और बहुत सारे तो ऐसे लोग हैं जिनकी हालत अभी भी बहुत गंभीर बनी हुई है। इस लेख में हम इन हादसों के पीछे के कारणों, प्रभावों और सुरक्षा मार्गदर्शकों के उठाए जा रहे कदमों पर प्रकाश नजर डालेंगे।

हादसों के पीछे के कारण: उड़ीसा रेल हादसों के मुख्य कारणों में रेलवे अधिकारियों की लापरवाही, तकनीकी दुर्बलताएं और असुरक्षित संरचना शामिल थीं। इन हादसों में गलती की गई, जिसके परिणामस्वरूप सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन हुआ। यह एक चिंताजनक संकेत है कि सुरक्षा के मामले में और मजबूती की आवश्यकता है और रेलवे को तत्परता से कदम उठाने की आवश्यकता है।
एक रिपोर्ट की मानें तो अब उड़ीसा में जो रेल हादसा हुआ है अब उनको सीबीआई जांच करेगी की असली वजह क्या थी ट्रेन हादसे की। जहां पर शुरुआती जांच में अधिकारियों ने जो गड़बड़ी पाई वह थी इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव की वजह से यह इतना भयावाह रेल एक्सीडेंट हुआ। इस हादसे में सैकड़ों लोगों की जानें गई और अभी तक हजारों लोग बुरी तरह से जख्मी हुए हैं जो अभी अस्पताल में भर्ती है और ऐसे भी बहुत से लोग हैं जो गंभीर रूप से घायल हुए हैं जिनकी हालत अभी नाजुक बताई जा रही है। ऐसे बहुत सारे मरीज हैं जिनका इलाज कर छुट्टी भी दे दी गई है
उड़ीसा सरकार रिपोर्ट की माने तो इस रेल हादसे में तकरीबन 280 के आसपास लोगों की जानें गई और तकरीबन 1200 के आसपास घायल हुए।
रेलवे बोर्ड की एक सदस्य जय वर्मा जी ने कहा कि सिर्फ कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन एक्सीडेंट हुआ था उस वक्त ट्रेन की जो गति थी वह तकरीबन 128 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी टक्कर के बाद मालगाड़ी जो पहले से खड़ी थी वह पटरी से नही उतरी। मालगाड़ी में लोहा लोड किया हुआ था जिसकी वजह से वह माल गाड़ी बहुत ही भारी थी जिसकी वजह से वह पटरी से नहीं होती जिस वजह से कोरोमंडल एक्सप्रेस बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया जिसकी वजह से बहुत से लोगों की जाने चली गई।
और अधिकारियों ने बताया कि बहानागा बाजार स्टेशन की आउटर लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी। हावड़ा से चेन्नई जा रही थी कोरोमंडल एक्सप्रेस (12841) यहां डीरेल होकर मालगाड़ी से टकरा गई। एक्सप्रेस कोरोमंडल का जो इंजन था मालगाड़ी पर चढ़ गया और बोगियां तीसरे ट्रैक पर जा गिरी। तीसरे ट्रैक पर आ रही बेंगलुरु हावड़ा एक्सप्रेस ( ने कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों को बड़ी तेज गति से टक्कर मारी जिसकी वजह से बेंगलुरु हावड़ा एक्सप्रेस भी बे पटरी हो गई और यह बड़ा हादसा हो गया।
हादसों का प्रभाव: उड़ीसा रेल हादसों के प्रभाव से समुदाय को गहरा दुख हुआ है। मौत के बाध्य के परिजनों के लिए यह अपूर्णीय क्षति की घटना है। इन हादसों के बाद संघर्ष के बावजूद, घायलों के इलाज के लिए सामग्री की कमी और सुरक्षा के बारे में जनता की चिंता बढ़ गई है। इसके अलावा, यात्रियों की सुरक्षा और जीवन की सुरक्षा के मामले में जागरूकता भी बढ़ी है।
सुरक्षा मार्गदर्शकों के लिए कदम: उड़ीसा रेल हादसों के बाद, सुरक्षा मार्गदर्शकों द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार को रेलवे सुरक्षा में अधिक मानव संसाधन और तकनीकी उन्नति पर ध्यान देना चाहिए। संरचनाओं की मरम्मत और नवीनीकरण, सुरक्षा संबंधी कानूनों का पालन, सुरक्षा कक्षों की ताकत बढ़ाना और कर्मचारियों को पर्याप्त प्रशिक्षण देना आवश्यक है। यह हादसा हमें रेल सुरक्षा की महत्वपूर्णता को समझने के लिए याद दिलाता है और हमें सुनिश्चित करता है कि रेल यात्रा सुरक्षित और सुविधाजनक हो।
निष्कर्ष: उड़ीसा रेल हादसा एक विपर्यासपूर्ण घटना है और यह हमें याद दिलाता है कि सुरक्षा एक प्राथमिकता होनी चाहिए। सरकार को इस घटना से सीख कर रेल सुरक्षा में और अधिक निवेश करने और यात्रियों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। यह समझने का समय है कि रेल यात्रा सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने के लिए हमें सभी पक्षों के सहयोग की आवश्यकता है।
- इमरजेंसी कंट्रोल रूम – 6782262286
- बालासोर – 8249591559, 7978418322
- हावड़ा कंट्रोल रूम – 033-26382217
- खड़कपुर कंट्रोल रूम – 8972073925, 9332392339
- कोलकाता शालीमार – 9903370746