घुमकुरिया क्या है?
- घुमकुरिया एक युवागृह है जिसमें युवक-युवतियों को जनजातिय रिती रिवाजों एवं परंपराओं का अच्छे तरीके से प्रशिक्षण देने का कार्य होता है। इसमें 10 से 11 वर्ष की उम्र वाले को दाखिला मिलता है तथा विवाह होते ही इसकी सदस्यता को समाप्त कर दिया जाता है।
- घुमकुरिया में प्रायः सरहुल के समय 3 वर्ष में एक बार दाखिला मिलता है। इसके लिए एक दीक्षा समारोह का आयोजन होता है।
- घुमकुरिया में प्रवेश करने वाले सदस्यों की 3 श्रेणियां होती हैं। पूना जोखर (प्रवेश करने वाले नए सदस्य), माॅंझ जोखर (3 वर्ष बाद) तथा कोहा जोखर।
- इसमें युवकों के लिए जोंख-एड़पा तथा युवतियों के लिए पेल-एड़पा नामक अलग-अलग प्रबंध होता है जोंख का अर्थ कुंवारा होता है।
- जोंख एड़पा को धांगर कुड़िया भी कहा जाता है। जिसके मुखिया को धांगर या महतो कहते हैं। इसके सहायक को कोतवार कहा जाता है।
- पेल-एड़पा की देखभाल करने वाली महिला को बड़की धांगरिन कहा जाता है।
- घुमकुरिया के अधिकारियों को 3 वर्ष के पश्चात बदल दिया जाता है। इसके लिए मुखिया हंडी (हड़िया पीना) नामक एक समारोह का आयोजन किया जाता है।