OnePlus ka itihas kya hai | वनप्लस ब्रांड कंपनी का मालिक कौन है?

वनप्लस (OnePlus) का इतिहास क्या है?

(OnePlus) ब्रांड कंपनी का मालिक कौन है? वनप्लस फोन कौन सी कंपनी का आता है? वनप्लस के संस्थापक कौन है? वनप्लस का मतलब क्या होता है? क्या वनप्लस श्याओमी से भी बेहतर है? आखिर ऐसा क्या हुआ कि वनप्लस जैसे कंपनी ने मार्केट में सस्ते दामों में प्रीमियम स्मार्टफोन लाने का फैसला किया और लाकर पूरे वर्ल्ड में तहलका मचा दिया। तो आज हम इन्ही सब सवालों का जवाब जानेंगे वो एकदम सरल भाषा में तो चलिए आगे बढ़ते हैं।

चीनी ब्रांड वीवो और ओप्पो का स्वामित्व/प्रभुत्व BBK Electronics Corporation नाम की कंपनी के पास है । वनप्लस ओप्पो की सहायक कंपनी है। सीधा सीधा कहे तो Oppo, Vivo, Realme sub-Brand IQOO और अब OnePlus ये सब का मालिक BBK Electronics Corporation है। जिसके फाउंडर Duan Yongping है, जिसकी स्थापना 18 सितम्बर 1995 को हुई। बीबीके स्मार्टफोन के अलावा स्मार्ट टीवी, पॉवर बैंक, ब्लूटूथ, स्मार्टवॉच, होम थियेटर आदि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाती हैं।

  • Oppo की स्थापना 2004 हुई लेकिन मोबाइल फोन साल 2008 में उतारा। ये कम्पनी ब्लू-रे प्लेयर, हेडफ़ोन और एम्पलीफायर भी बनाते हैं।
  • Vivo की स्थापना साल 2009 में हुई, और साल 2011 में मोबाइल फोन बेचना शुरू किया।

वनप्लस के संस्थापक कौन है?

OnePlus के संस्थापक पेट लाउ (Pete Lau) और कार्ल पेई (Karl Pae) हैं। जिसकी स्थापना 16 दिसंबर साल 2013 को की,उसके बाद वनप्लस कंपनी ने दिसंबर 2013 में एक स्लोगन लांच किया नेवर सेटल (Never settle)। पीट लाऊ का जन्म 5 मई 1975 में हुआ और कार्ल पेई का जन्म 11 सिंतबर 1989 को हुआ। Pete Lau OnePlus company के Seo हैं। OnePlus company की शुरुआत करने से पहले Pete Lau OPPO company के hardware engineer थे। कुछ वक्त के बाद कंपनी के डायरेक्टर बने। फिर हेड ऑफ मार्केटिंग और अंत में ओप्पो कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट बने। Pete Lau का एक अहम योगदान था।

OPPO N 1 स्मार्टफोन में Cynagen मोड का इस्तेमाल करना। जोकि एक बेहतरीन एंड्रॉयड ओपर्टिंग सिस्टम है। पेट लाउ और कार्ल पेई स्मार्टफोन की दुनिया से अच्छे से वाकिफ थे। क्या क्या खामियां स्मार्टफोन हैं में हैं इन लोगों को अच्छे से पता था।

प्रीमियम स्मार्टफोन बहुत महंगी होती थी, इन दोनों को अच्छे से था। इन सब चीजों को दूर करने के लिए इनलोगो ने एक प्लान बनाया। और स्मार्टफोन की दुनिया बदल दी पेट लाउ ने साल 2013 को OPPO company छोड़ दी। पेट लाउ और कार्ल पेई ने स्मार्टफोन कंपनी Apple के आईफोन और सैमसंग के स्मार्टफोन से भी सस्ते दामों में अच्छे फीचर्स वाले, प्रीमियम बिल्ड क्वॉलिटी वाले, और जबरदस्त कैमरा वाला स्मार्टफोन बनाया।

23 अप्रैल 2014 में OnePlus कंपनी ने भारत में अपना कदम रखा और पहला स्मार्टफोन OnePlus A0001 लॉन्च किया था। यह स्मार्टफोन उस वक़्त का सबसे कम कम कीमत वाला प्रीमियम 4G स्मार्टफोन था। जिसको लोगों ने खूब पसंद किया, हालांकि शुरुआत में कंपनी को भारत में कुछ परेशानियों का भी सामना करना पड़ा था लेकिन फिर भी OnePlus स्मार्टफोन अपनी परफॉर्मेंस के दम पर धीरे धीरे करोड़ो दिलों में अपनी जगह बनाई।

OnePlus कंपनी की शुरुआत कैसे हुई

साल 2013 में Pete Lau और Carl Pei ने मिलकर यह स्टार्टअप शुरू किया था। Pete Lau इसके सीईओ (ceo) हैं। Pete Lau इससे पहले Oppo के साथ जुड़े हुए थे। वो oppo में हार्डवेयर इंजीनियर थे वहां से वो वाइस प्रेजिडेंट के तौर पर निकले।

माइक्रोसॉफ्ट ने वनप्लस पर केस कर दिया उनका कहना था कि Cyanogenmod सॉफ्टवेयर भारत में बेचने का सिर्फ उनको इजाजत है। यह नियम भारत में सिर्फ भारतीय कंपनी के लिए था। दिसंबर 2014 में इस बैन को हटा दिया गया। फिर भारत में इस फोन की मार्केट बढ़ती रही। वनप्लस ऐसा नहीं है कि सिर्फ फोन्स ही बनाती है। यह कंपनी बैग, शर्ट्स, पावरबैंक, फोन केस, ऑक्सीजन ओएस और चीन के लिए हाइड्रोजन ओएस भी बनाती है। कंपनी का पूरा टर्नऑवर तकरीबन 1.4 बिलियन डॉलर है, यह साल 2017 के डेटा है, फिलहाल कंपनी में 776 कर्मचारी काम कर रहे हैं।

वनप्लस के को-फाउंडर कार्ल पाई (Carl Pie) 2010 में स्टडी के दौरान ही नोकिया कंपनी में काम करने लगे थे। मात्र 3 महीने काम करने के बाद उन्होंने काम छोड़ दी। उसके बाद इन्होंने ओप्पो कंपनी से समझौता कर ओप्पो कंपनी से जुड़ गए। और उसमें काम करने लगे फिर उन्होंने बहुत सा स्मार्टफोन देखे और उनके फीचर्स देखें और समझा। लेकिन उन्हें किसी भी स्मार्टफोन से संतुष्टि नहीं मिली कि वह शत् प्रतिशत बेहतर परफॉर्मेंस दे सकता है।

उन्होंने पाया कि जो फोन देखने में सुंदर है उनका परफॉर्मेंस खराब है जिसका परफॉर्मेंस खराब है वह देखने है में कुछ खास नहीं है। और कुछ हो मैं अगर यह दोनों फीचर्स होते भी तो हुआ स्मार्टफोन बहुत महंगे होते कि उसे अफोर्ट करना सबके बस की बात नहीं रह जाती उसे खरीद पाना हर किसी के लिए नामुमकिन था। इसी मार्केट गैफ को समझते हुए और इसे फील करने के लिए मिड रेंज स्मार्टफोन बनाने की सोची। और देखने में भी सुंदर हो परफॉर्मेंस में भी बेहतर हो और जिसकी कीमत वह mid-range हो जिसको हर कोई अफोर्ट कर सकता है। इसी आईडिया को सोचकर उन्होंने ओप्पो कंपनी को छोड़ दिया।

और अपने दोस्त पेटे लाउ (Pete Lau) के साथ मिलकर वनप्लस कंपनी बनाई। जिसका मतलब था कि कंपीटीटर से एक कदम आगे। जब इन्होंने वनप्लस कंपनी की शुरुआत की तो उस वक्त इनकी कंपनी में मात्र 5 लोग ही थे। इनका ऑफिस कोई मद्रास कैफे हुआ करता था जहां पर बैठकर ही लोग कंपनी प्रोजेक्ट पर बातें किया करते थे। कार्ल पाई (Carl Pie) ने देखा कि सभी एंप्लॉय के पास आईफोन है। तो यहां पर इन्होंने समझ लिया था कि लोग एंड्रॉयड क्यों नहीं इस्तेमाल करना चाहते हैं।

ज्यादातर एंड्रॉयड स्मार्टफोन में देखा कि इनकी बहुत ही खराब बिल्ड क्वालिटी है सिक्योरिटी के मामले में भी बहुत पीछे हैं सॉफ्टवेयर भी कुछ खास नहीं है हैंगिंग की ज्यादा प्रॉब्लम है। और उन्हें फॉर एक्सपीरियंस नहीं मिल पा रहा था जो एप्पल स्मार्टफोन दे रही थी। और जब इन्होंने अपने स्मार्टफोन लॉन्च की तो इन्होंने ऑफलाइन ना बेचकर ऑनलाइन बेचा ताकि ग्राहकों को बगैर किसी तरह पे कमीशन और रिटेलर होलसेल में ना पढ़कर डायरेक्ट कंपनी से खरीद पाए ताकि कोई एक्स्ट्रा पैसा ना दे।

इससे कंपनी को भी ज्यादा नुकसान नहीं होता ज्यादा कमीशन इधर-उधर देने की जरूरत नहीं होती। ऑनलाइन नंबर कम खर्च में ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है। उसके बाद उसने अपनी ऑनलाइन एक कम्युनिटी भी बनाए जिससे कि लोग उनकी कंपनी से जुड़े रहे और लेटेस्ट जानकारी न्यूज़ मिलती रही। अभी तक इन्होंने कोई भी है स्मार्टफोन लॉन्च नहीं किया था बावजूद इसके इसके कंपनी से बहुत लोग जुड़ चुके थे। कहीं नहीं कहीं लोगों का एहसास हो चुका

तो वनप्लस कंपनी रिवॉन्शनरी प्रोडक्ट बना रही है। फिर आया 23 अप्रैल 2014 का दिन जब वनप्लस कंपनी ने अपना पहला स्मार्टफोन वनप्लस वन OnePlus 1 को लॉन्च किया। जब यह स्मार्टफोन लॉन्च हो तो कंपनी की 1000 यूनिट नहीं बिकेंगे।

और इस को ध्यान रखते हुए स्मार्टफोन कंपनी वनप्लस ने तकरीबन 1000 ही स्मार्ट फोन बनाई। लेकिन यहां पर वनप्लस कंपनी का अनुमान बिल्कुल गलत साबित हुआ। वनप्लस कंपनी ने 1 साल के अंदर 10,000,00 यूनिट्स बेच डाले। प्लसमें 1000000 बेचकर एक रिकॉर्ड बना दिया।

वनप्लस फोन कौन सी कंपनी का आता है‌?

OnePlus फोन एक चाइनीज स्मार्टफोन कम्पनी है। OnePlus technology (Shenzhen) के संस्थापक पेट लाउ और कार्ल पेई है। जिसकी स्थापना इन लोगों ने 16 दिसंबर साल 2013 में की। जिसका हेडक्वार्टर Shenzhen Guangdong, District Futian china (Tairan Building) में हैं। जिसका मकसद बस एक ही था कि सस्ते दामों में बेहतर डिजाइन और हाई क्वालिटी सॉफ्टवेयर प्रदान करना। वनप्लस कंपनी आज के वक्त में स्मार्टफोन के साथ-साथ एयरफोन, पावर बैंक, फोन का कवर, शर्ट, बैग, टेलिविजन स्मार्टवॉच, बनाती है। वनप्लस कंपनी के अंदर तकरीबन 2700 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं, यह रिकॉर्ड साल 2019 का है।

  • OnePlus कम्पनी चाइना की ही एक कंपनी बीबीके इलेट्रॉनिक्स (BBK ELECTRONIC) की पेरेंट कंपनी हैं। आज ये कंपनी पूरे विश्व के लगभग 34 से 36 से भी अधिक देशों में अपना व्यापार फैला चुकी है।
  • वनप्लस कंपनी ने 8 मार्च 2021 को $150 मिलियन के साथ हैसलब्लड (Hasselblad) के साथ एक डील किया। जिसमें वह कैमरा को और भी बेहतर तरीके से डेवलप्ड और इंप्रूवमेंट कर सके।


@ वनप्लस के संस्थापक कौन है?
@ वन प्लस का मतलब क्या होता है?
@ क्या वनप्लस Xiaomi से बेहतर है?
@ भारत में सबसे अच्छा मोबाइल कौन सा है ‍,

OnePlus ने मार्केट में अपना दबदबा कैसे बनाया?

एक समय था जब प्रीमियम सेगमेंट के 2 स्मार्टफोन कंपनी एप्पल और सैमसंग ही हुआ करते थे। जिनका मोनोपोली मार्केट में जबरदस्त थी। फिर उसके बाद आया इसका कंपीटीटर वनप्लस (OnePlus) जिसने मात्र 3 साल के अंदर मार्केट का 40 प्रतिशत शेयर पर कब्जा कर लिया। ‌और कुछ ही सालों में एप्पल और सैमसंग को पछाड़ कर उसकी जगह ले ली। और एक जबरदस्त स्मार्टफोन कंपनी बनके उभर जिन्होंने नए-नए इनोवेशन करके अपने ग्राहकों को चौंका दिया। और इस तरह इन्होंने जबरदस्त ब्रांड इमेज क्रिएट कर ली, जिसकी वजह से आज बहुत से स्मार्टफोन कंपनियों को अपने स्मार्टफोन के दामों में गिरावट करनी पड़ी।

OnePlus डूबने की कगार पर है?

करीब 10 साल पहले शुरू हुई यह कंपनी और सफलता के पीक पर पहुंचकर अचानक अपनी लॉयल्टी क्यों खोने लगी? यहां तक कि इसके फाउंडर को अपने ही कंपनी छोड़नी पड़ी। वनप्लस को ओप्पो की कॉपी क्यों कहा जा रहा है?

इस रिकॉर्ड को बनाने के लिए 1 प्लस ने दो बेहतरीन कैंपेन शुरू किया था। Oneplus company ने 2 मार्केटिंग स्ट्रेटजी पर काम किया। जिसके बारे में शायद ही किसी को पता होगा। और उस वक्त ऐसा था कि आप इस फोन को तभी खरीद सकते थे जब कोई आपका फ्रेंड इस फोन को लेने के लिए रेफर करें। अब दूसरी सबसे बड़ी स्ट्रेटजी थी #Smashthepast जिसमे आप अपने पुराने फोन को तोड़कर एक वीडियो बनाकर सोशल नेटवर्किंग साइट पर डालना था और उसके बाद आपको वनप्लस कंपनी मात्र $1 में नया स्मार्टफोन वनप्लस देगी।

और इस तरह बहुत से लोगों ने अपने पुराने स्मार्टफोन को तोड़कर वीडियो बनाकर उसमें साइट पर डाल दिया। जिसमें तकरीबन 1,40,000 लोग शामिल थे जिसने अपने पुराने स्मार्टफोन को तोड़कर उसका वीडियो बनाकर सोशल नेटवर्किंग साइट पर डाला।

और इस तरह वनप्लस कंपनी की जो पहली स्मार्टफोन थी वह बहुत बड़ी सफलता पा चुकी थी। पहले स्मार्टफोन की सफलता के बाद 1 प्लस ने तुरंत दूसरी स्मार्टफोन पर काम करना शुरू कर दिया है। वनप्लस कंपनी ने वन प्लस टू के लिए स्नैपड्रैगन 800 सीरीज प्रोसेसर का इस्तेमाल किया। जिसमें पहले से ही हीटिंग की समस्या आ रही थी। कंपनी ने यह सोचकर इस प्रोसेसर का इस्तेमाल किया था कि उसे लगा था कि वह सॉफ्टवेयर में कुछ बदलाव करके इस हिटिंग समस्या को कम कर सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।

और इस तरह 28 जुलाई 2015 को OnePlus ने OnePlus 2 को लॉन्च कर दिया। जिसको करीब 200000 लोगों ने प्रीबुक किया था यानी कि पहले ही बुक किया था। लांच होने से पहले और जब इस स्मार्टफोन को लोगों ने खरीदा जब इस्तेमाल किया तो उसमें हिटिंग की समस्या मौजूद थी। इस स्मार्टफोन में हीटिंग समस्या के अलावा unresponsive फिंगरप्रिंट और साथ में डबल सिम का इस्तेमाल करने पर भी समस्या आ रही थी। इन्हीं सब समस्याओं के कारण OnePlus 2 स्मार्टफोन फ्लॉप हो गई और बुरी तरह मार्केट में पिट गई।

उसके बाद फिर वनप्लस ने 2015 में ही वनप्लस एक्स को लॉन्च किया जिसकी कीमत 1 प्लस ने 17000 रखी थी। जिसमें 8 मेगापिक्सल सेल्फी कैमरा 13 मेगापिक्सल मैन कैमरा 16gb इंटरनल 3GB रैम थी। जबकि इस प्राइस के सेगमेंट में पहले से ही बहुत सारे स्मार्टफोन मार्केट में मौजूद थे तो भला वनप्लस क्यों लेते हैं? वन प्लस टू की तरह वनप्लस एक्स भी मार्केट में नहीं चला और फ्लॉप हो गई। 2 failure होने के बाद OnePlus Market पॉलिसी को समझ चुके थे। और उसके बाद अगला स्मार्टफोन बनाने से पहले OnePlus कंपनी ने फीडबैक लिया और सारी कमियों को दूर किया उसके बाद फिर उन्होंने 14 जून 2016 में OnePlus 3 को लॉन्च किया।

जोकि प्रीमियम सेगमेंट में था जिस स्मार्टफोन की कीमत तकरीबन 27999 रखी गई थी। ये स्मार्टफोन हिट रही, इसमें एंड्रॉयड मार्शमैलो पर आधारित ऑक्सीजन OS software थी। Dash फास्ट चार्जिंग 3000 MaH battery 6 Ram 64GB internal storage दी गई थी। और कैमरा भी शानदार थी। जिसकी वजह से ये स्मार्थफोन तुरंत मार्केट में बवाल मचा दिया। उसके बाद कम्पनी ने OnePlus 3T लांच किया। ये स्मार्टफोन में भी बेहतरीन फीचर और क्वॉलिटी थी। इसको भी लोगों ने काफी पसंद किया। क्योंकि यह डिजाइन और फीचर्स के मामले में गूगल पिक्सेल और आईफोन 7 के बराबरी के टक्कर के थे। तो OnePlus को पता चल गया था कि लोगों को मिड रेंज दाम में प्रीमियम स्मार्टफोन चाहिए।

उसके बाद वनप्लस कंपनी ने वनप्लस 5 वनप्लस 5t लांच किया। इसके अलावा और भी कई सारे स्मार्टफोन लॉन्च किए जो नोकिया मोटरोला एम आई से भी बेहतरीन स्मार्टफोन थे। 2017 तक इसने स्मार्टफोन की दुनियां में प्रीमियम सेगमेंट में 40% से भी ज्यादा का शेयर इन्होंने अपने नाम कर लिया। और मात्र 3 साल में 1 प्लस ने सैमसंग और वनप्लस जैसी बड़े ब्रांड को टक्कर देने लगी थी। और कंपनी अभी तक बहुत ही बेहतरीन परफॉर्मेंस दे रही थी।

और जब करो ना कॉल आया तो लगभग सभी स्मार्टफोन कंपनियों की सेल कम हो गई जिसको देखते हुए वनप्लस ने बजट स्मार्टफोन लंच करने का फैसला किया क्योंकि क्रोनावारिस के दौरान लोगों की जेब खाली हो चुकी थी क्योंकि इनकम का जो सोर्स था वह तो लगभग सभी लोगों का बंद हो चुका था ऑफिस बंद हो चुकी थी सरकारी कामकाज बंद हो चुके थे सारे घर में रह रहे थे थोड़ी बहुत जो भी कम हो रही थी तो उसके हिसाब से 1 प्लस ने बजट स्मार्टफोन लॉन्च करने का फैसला किया। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगे उस स्मार्टफोन को खरीदने का अफोर्ड कर सके।

तुम वनप्लस ने 2020 में 1 प्लस नोर्ड लांच किया। यह स्मार्टफोन लॉन्च होने के बाद कंपनी ने तो अच्छी खासी इनकम कमाए लेकिन पहले जैसी रेपुटेशन नहीं रही। और आप लोग वनप्लस को कुछ खास रिस्पांस नहीं मिल रही थी। और इसी साल के अंत में अक्टूबर 2020 में वनप्लस के को फाउंडर कॉर्ल पाई इस्तीफा दे दिया। क्योंकि इनको अब महसूस हो गया था कि आप अस्माकं की दुनिया मैं कुछ कर पाना मुश्किल है अब पहले जैसी मार्केट स्मार्टफोन की नहीं है जैसे पहले हुआ करती थी जिसके कारण इन्होंने कंपनी छोड़ने का फैसला किया और छोड़ दी।

उसके बाद इन्होंने एक बिल्कुल नई कंपनी की शुरुआत की जिसका नाम इन्होंने नथिंग Nothing रखी। उनकी कंपनी छोड़ने के बाद 1 प्लस मानो खत्म ही हो गई। जिसके बाद से धीरे-धीरे वनप्लस के प्रयोगकर्ता घटती चली गई। कंपनी को नीचे जाते देख उनकी पैरंट कंपनी बीबीके BBK इलेक्ट्रॉनिक ने इसे अपने ही सब्सिडियरी कंपनी OPPO के साथ मर्ज कर दिया ताकि दोनो कम्पनी आपस में एक दूसरे का इनोवेशन साझा कर सके। और इसी साल 2021 OnePlus ने OnePlus Nord 2 5G लॉन्च किया। और मात्र 4 महीने के अंदर ये मोबाइल 3 बार ब्लास्ट हो चुका है।

और यूजर को काफी चोट भी आई जिसकी वजह से OnePlus कंपनी पर से लोगो का विश्वास उठ रहा था। और अब OnePlus से मर्ज होने के बाद OnePlus OPPO जैसी ही होती जा रही थी। दोनो के फीचर्स वैगरह सब एक सामान हो गई थी। और साथ में डिजाइन में भी बहुत सी समानताएं देखने को मिल रही थी।

और जब वनप्लस में अनाउंस किया कि वह अपने OnePlus के ऑपरेटिंग सिस्टम Oxygen OS को Oppo ColorOS oparating system में शिफ्ट करने जा रही है तो लोगो ने खूब ट्रोल किया। क्योंकि प्रिमियम सैगमेंट के smartphone खरीदने के बाद भी सस्ते स्मार्टफोन वाली ऑपरेटिंग सिस्टम मिले तो फिर इतना पैसा लगाने से क्या फायदा। जिसकी वजह से 40% मार्केट से अपना हाथ धो बैठा और 20% पर आ गया।

0 0 votes
Article Rating
0 0 votes
Article Rating

Leave a Reply

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x