इरफ़ान खान की मृत्यु किस बीमारी की वजह से हुई
इरफ़ान खान की मृत्यु कैसे हुई ये आज हर कोई जानना चाहता है
आज हमारे बीच उम्दा कलाकार इरफान खान जी नहीं है जो हर तरह के एक्टिंग से लोगों का मनोरंजन किया करते थे। 29 अप्रैल बुधवार 2020 को उसकी कोकिलाबेन धीरुभाई अस्पताल में उसकी मात्र 53 साल की उम्र में आकस्मिक निधन हो गई।
सच में देखा जाये तो अभी उम्र ही क्या हुई थी 53 साल मात्र, लेकिन ऊपर का लिखा भला कौन मिटा सकता है I इरफान खान लगभग 2 सालों से न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से ग्रसित थे और उसका विदेश से विशेष ईलााज चल रहा था।
और इरफान खान जी को कोलन इंफेक्शन भी था जो कि आंतों में होती हैै इस कारण मरने के कुछ दिन पहले ही इरफान खान जी को कोकिलाबेन धीरुभाई अस्पताल के आई सी यू (ICU) में भर्ती कराया गया था।
तो बात करे न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर की तो इरफान खान जी का न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर का इलाज 2 सालों से चल रहा था।
न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर
यह एक ऐसा ट्यूमर होता है जो शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है, इसका होना जेनेटिक भी हो सकता है यानि की वंसज ( पैत्रिक ) भी हो सकता है। हमारे शरीर में बहुत सी कोशिकाएं होती है जो हमारे कंट्रोल में होती है। और कुछ ऐसे भी कोशिकाए होती है जो हमारे कंट्रोल में यानि हमारे नियंत्रण में नहीं होती है, वो कोशिकाए धीरे धीरे बढती रहती है और हमारे शरीर के बाकि के कोशिकाए को भी नुकसान पहुंचाने शुरू कर देती है और वो एक ट्यूमर की तरह ही दिखने लगती है I
ये शरीर के किसी भी भाग में हो सकती है ,ट्यूमर के कई प्रकार होते हैं, और जो हमारे कंट्रोल से बाहर हो जाती है, जो हमारे काबू में नहीं होती काबू से बाहर हो जाती है और वह अपने मर्जी से काम करने लगती है और अपनी संख्य निरंतर बढ़ाती रहती है जिसके कारण न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर हो जाता है।
इसका इलाज संभव है इसका इलाज रेडियोथेरेपी, कीमो थेरेपी और सर्जरी से किया जा सकता है।
न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर के मुख्य संकेत एवं लक्षण –
संवेदनिक तंत्रिका तंत्र की अतिक्रियाशिलता के संकेतों एवं लक्षणों की तरह हैं जिनमें शामिल है –
- त्वचा उत्तेजना
- उच्च हृदय दर
- तेज धड़कन
- बहुत ज्यादा पसीना आना
- सिर दर्द
- पीलापन
- वज़न घटना
किस तरह इरफ़ान खान ने अपने आप से संघर्ष किया –
बात करे इरफान खान की जन्म की तो इनका जन्म 7 जनवरी, 1966 को राजस्थान के जयपुर में हुआ। इरफान ने MA की डिग्री भी हासिल की, जब उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा में अध्ययन करने के लिए छात्रवृत्ति अर्जित की। एनएसडी (NSD – National School of Drama) के बाद, इरफान अपने जुनून का पीछा करने के लिए मुंबई चले आए और चाणक्य, भारत एक ख़ोज, बनगी अपना बाना, चंद्रकांता, स्टार बंगलर्स जैसे कई प्रसिद्ध शो में काम किये।
इरफान ने अपना स्क्रीन डेब्यू 1988 में आई मीरा नायर निर्देशित सलाम बॉम्बे से किया था। कितने वर्षों तक संघर्ष करने के बाद, आखिरकार उसे आसिफ कपाड़िया की द वारियर (2001) में अभिनय करने का मौका मिला और उसके बाद उनको कड़ी मेहनत के बाद सफ़लता मिली।
उसके बाद अभिनेता इरफान खान ने कई प्रशंसित फिल्मों जैसे, मकबूल, हासिल, लाइफ इन ए मेट्रो, पान सिंह तोमर, द लंचबॉक्स, तलवार, हैदर, पीकू और बहुत सारे फ़िल्मों में अभिनय किया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लोग इरफान खान से अच्छे से परिचित है इन्होने द नेमसेक, द दार्जिलिंग लिमिटेड, स्लमडॉग मिलियनेयर, लाइफ ऑफ पाई और जुरासिक वर्ल्ड जैसे hollywood फ़िल्मों में भी काम किया जिसकी वजह से लोग आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लोग जानते हैं I
इरफान खान की आखिरी फिल्म की बात करे तो अंग्रेजी मीडियम ही उसकी ज़िन्दगी की आखिरी फिल्म बन के रह गई ग़र आज स्वस्थ रहते तो शायद कुछ और इनकी फ़िल्में देखने को मिलते लेकिन ऐसे अचानक हमारे बीच से यूँ चले जाना सबको हैरान करती है I
इरफान की पत्नी सुतापा सिकदर है और उनके दो बच्चे भी है बबील और अयान।
तीन दशक से अधिक के करियर में, इरफान खान ने 50 से अधिक भारतीय फिल्मों में ऐक्टिंग किया और एक राष्ट्रीय पुरस्कार और चार फिल्मफेयर अवार्ड भी मिले । 2011 में, इरफान को कला और सिनेमा में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था। दर्शकों के साथ-साथ आलोचकों द्वारा पसंद किए जाने वाले अभिनेता को अक्सर उनकी अलग अलग ऐक्टिंग देख लोग उसे बहुत पसंद करते थे।