मनोज मुंतशिर बहुत ही बड़े कवि (Poet), गीतकार (Lyricist), Dialogue writer, shayar,और scriptwriter है
मनोज मुंतशिर बहुत ही बड़े कवि (Poet), गीतकार (Lyricist), Dialogue writer, shayar,और scriptwriter है
जिनके लिखे गाने, शायरी और लोगों को बहुत ही ज्यादा पसंद है
जिनके लिखे गाने, शायरी और लोगों को बहुत ही ज्यादा पसंद है
मनोज मुंतशिर द्वारा अक्षय कुमार कि फिल्म केशरी में लिखी गई एक बहुत ही बेहतरीन गाना तेरी मिट्टी में मिल जावा गुल बनके खिल जावा इतना सुपरहिट हुआ
मनोज मुंतशिर द्वारा अक्षय कुमार कि फिल्म केशरी में लिखी गई एक बहुत ही बेहतरीन गाना तेरी मिट्टी में मिल जावा गुल बनके खिल जावा इतना सुपरहिट हुआ
कि आज भी ये गाना लोगों कि जुबान पे रहता है। आज कि तारीख में मनोज मुंतशिर द्वारा बहुत से गाने लिखे गए जो सब हिट रहे।
कि आज भी ये गाना लोगों कि जुबान पे रहता है। आज कि तारीख में मनोज मुंतशिर द्वारा बहुत से गाने लिखे गए जो सब हिट रहे।
मनोज शुक्ला की पैदाइशी अमेठी के गौरीगंज की जो उत्तर प्रदेश में पड़ता है जो उस समय एक छोटा सा कस्बा हुआ करता था
मनोज शुक्ला की पैदाइशी अमेठी के गौरीगंज की जो उत्तर प्रदेश में पड़ता है जो उस समय एक छोटा सा कस्बा हुआ करता था
मनोज मुंतशिर का जीवन इतना संघर्षपूर्ण रहा है शायद ही किसी इंसान ने इतना संघर्ष किया होगा
मनोज मुंतशिर का जीवन इतना संघर्षपूर्ण रहा है शायद ही किसी इंसान ने इतना संघर्ष किया होगा
जब इनके ससुर ने पूछा क्या करते हो आगे का क्या सोचा है तो मनोज ने कहा मैं फिल्मों में गाने लिखूँगा
जब इनके ससुर ने पूछा क्या करते हो आगे का क्या सोचा है तो मनोज ने कहा मैं फिल्मों में गाने लिखूँगा
इनके होने वाले ससुर ने अपनी बेटी की शादी मनोज शुक्ला से शादी करने स सीधा इनकार कर दिया था
इनके होने वाले ससुर ने अपनी बेटी की शादी मनोज शुक्ला से शादी करने स सीधा इनकार कर दिया था
और उस लड़की से बेहद प्यार भी करते थे लेकिन उनके पिताजी के ठुकरा देने के बाद लड़की से भी ब्रेकप हो गया।
और उस लड़की से बेहद प्यार भी करते थे लेकिन उनके पिताजी के ठुकरा देने के बाद लड़की से भी ब्रेकप हो गया।
मनोज मुंतशिर का जन्म 27 फरवरी सन्न 1976 को उत्तर प्रदेश राज्य के अमेठी के एक छोटा सा कस्बा गौरीगंज में हुआ,
मनोज मुंतशिर का जन्म 27 फरवरी सन्न 1976 को उत्तर प्रदेश राज्य के अमेठी के एक छोटा सा कस्बा गौरीगंज में हुआ,
मनोज मुंतशिर का असली नाम मनोज शुक्ला है इन्होंने सिर्फ अपने नाम में मुंतशीर जोड़ा है धर्म परिवर्तन नहीं किया है
मनोज मुंतशिर का असली नाम मनोज शुक्ला है इन्होंने सिर्फ अपने नाम में मुंतशीर जोड़ा है धर्म परिवर्तन नहीं किया है
जब मुंबई पहुंचे तो जगह ना होने पर फूटपात पर सोए दिन और रात गुजारे
जब मुंबई पहुंचे तो जगह ना होने पर फूटपात पर सोए दिन और रात गुजारे
बस का किराया ना होने पर 10–10 किलोमीटर पैदल चलते थे, खाने के पैसे ना होने के कारण मनोज शुक्ला पारले जी बिस्कुट खाते थे
बस का किराया ना होने पर 10–10 किलोमीटर पैदल चलते थे, खाने के पैसे ना होने के कारण मनोज शुक्ला पारले जी बिस्कुट खाते थे
मनोज मुंतशिर ने बस एक ही लक्ष्य बना कर रखा कि ये आगे चलकर बड़ा होकर फिल्मों में गाना लिखेंगे ये सुनकर हर कोई मजाक उड़ाता था
मनोज मुंतशिर ने बस एक ही लक्ष्य बना कर रखा कि ये आगे चलकर बड़ा होकर फिल्मों में गाना लिखेंगे ये सुनकर हर कोई मजाक उड़ाता था
मनोज मुंतशीर ने जो बचपन में सोचा और हर किसी से जो कहा उसने उसे एक दिन हासिल कर के दिखाया
मनोज मुंतशीर ने जो बचपन में सोचा और हर किसी से जो कहा उसने उसे एक दिन हासिल कर के दिखाया