लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को मुगलसराय, चंदौली जिला (उत्तरप्रदेश) में एक बेहद ही सामान्य ब्राहमण परिवार में हुआ था

लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को मुगलसराय, चंदौली जिला (उत्तरप्रदेश) में एक बेहद ही सामान्य ब्राहमण परिवार में हुआ था

लाल बहादुर शास्त्री जी एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री है जो काम इन्होंने किया है अभी तक किसी प्रधानमंत्री और ना ही कोई और मंत्री,

लाल बहादुर शास्त्री जी एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री है जो काम इन्होंने किया है अभी तक किसी प्रधानमंत्री और ना ही कोई और मंत्री,

लाल बहादुर शास्त्री और नेहरु जी का रिश्ता बहुत मजाकिया किस्म का रहता था उन दोनों में खूब मजाक हुआ करता था

लाल बहादुर शास्त्री और नेहरु जी का रिश्ता बहुत मजाकिया किस्म का रहता था उन दोनों में खूब मजाक हुआ करता था

जब शास्त्री जी स्कूल जाते थे तो नदी पार करके जानी पड़ती थी। उसका स्कूल गंगा पार था आने जाने के लिए उस समय पुल या ब्रिज भी नही हुआ करते थे

जब शास्त्री जी स्कूल जाते थे तो नदी पार करके जानी पड़ती थी। उसका स्कूल गंगा पार था आने जाने के लिए उस समय पुल या ब्रिज भी नही हुआ करते थे

लाल बहादुर शास्त्री जिस तरह के दिखते थे जिस तरह के कपड़े पहनते थे तो उस पर कुछ लोग हंसते थे उनका मज़ाक तक उड़ाते थे

लाल बहादुर शास्त्री जिस तरह के दिखते थे जिस तरह के कपड़े पहनते थे तो उस पर कुछ लोग हंसते थे उनका मज़ाक तक उड़ाते थे

बहुत से लोग कहते थे कि क्या ये हमारे देश के प्राइम मिनिस्टर बनेगा, कोई भी इज्जत नहीं करते थे।

बहुत से लोग कहते थे कि क्या ये हमारे देश के प्राइम मिनिस्टर बनेगा, कोई भी इज्जत नहीं करते थे।

कैबिनेट तक में लोग मजाक उड़ाते थे। जब भी कहीं प्रेस कांफ्रेंस होता तो लोग इनके साथ अच्छे से पेश नहीं आते थे अच्छा व्यवहार नहीं करते थे

कैबिनेट तक में लोग मजाक उड़ाते थे। जब भी कहीं प्रेस कांफ्रेंस होता तो लोग इनके साथ अच्छे से पेश नहीं आते थे अच्छा व्यवहार नहीं करते थे

लाल बहादुर शास्त्री का बचपन बहुत ही संघर्षपूर्ण रहा है इनके पिता टीचर थे, उसके बाद फिर क्लर्क बने

लाल बहादुर शास्त्री का बचपन बहुत ही संघर्षपूर्ण रहा है इनके पिता टीचर थे, उसके बाद फिर क्लर्क बने

लाल बहादुर शास्त्री मात्र जब 2 से ढाई साल के रहें होंगे उस उम्र में इनके पिता जी की मृत्यु हो गई

लाल बहादुर शास्त्री मात्र जब 2 से ढाई साल के रहें होंगे उस उम्र में इनके पिता जी की मृत्यु हो गई

कैबिनेट तक में लोग मजाक उड़ाते थे। जब भी कहीं प्रेस कांफ्रेंस होता तो लोग इनके साथ अच्छे से पेश नहीं आते थे अच्छा व्यवहार नहीं करते थे

कैबिनेट तक में लोग मजाक उड़ाते थे। जब भी कहीं प्रेस कांफ्रेंस होता तो लोग इनके साथ अच्छे से पेश नहीं आते थे अच्छा व्यवहार नहीं करते थे