सुभाष घई भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के दूसरे शो मैन कहे जाते हैं। राज कपूर के बाद दूसरे नंबर पर ये आते हैं।

सुभाष घई भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के दूसरे शो मैन कहे जाते हैं। राज कपूर के बाद दूसरे नंबर पर ये आते हैं।

सुभाष घई का जन्म 24 जनवरी 1945 को नागपुर में हुआ। इनके पिता दांतो के डॉक्टर यानी डेंटिस्ट थे। सुभाष घई का बचपन से ही मनोरंजन की दुनिया की तरफ रहा है।

सुभाष घई का जन्म 24 जनवरी 1945 को नागपुर में हुआ। इनके पिता दांतो के डॉक्टर यानी डेंटिस्ट थे। सुभाष घई का बचपन से ही मनोरंजन की दुनिया की तरफ रहा है।

बहुत से कम लोगों को पता होगा कि सुभाष घई सबसे पहले फिल्म इंडस्ट्री में हीरो बनने के लिए आए थे और उन्होंने बाकायदा कुछ फिल्मों में काम भी किया है लेकिन कुछ जमी नहीं।

बहुत से कम लोगों को पता होगा कि सुभाष घई सबसे पहले फिल्म इंडस्ट्री में हीरो बनने के लिए आए थे और उन्होंने बाकायदा कुछ फिल्मों में काम भी किया है लेकिन कुछ जमी नहीं।

जब सुभाष स्कूल में पढ़ते थे तो वह स्कूल के नाटकों में भी बड़े बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया करते थे और अभिनय करते थे।

जब सुभाष स्कूल में पढ़ते थे तो वह स्कूल के नाटकों में भी बड़े बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया करते थे और अभिनय करते थे।

सुभाष के पिता को पता था कि उनका बेटा एक अभिनेता बनना चाहता है। और उसके पिता ने सुभाष जी से कहा कि पहले तुम अपनी पढ़ाई पूरी करो ग्रेजुएशन पूरा करो उसके बाद देखा जाएगा।

सुभाष के पिता को पता था कि उनका बेटा एक अभिनेता बनना चाहता है। और उसके पिता ने सुभाष जी से कहा कि पहले तुम अपनी पढ़ाई पूरी करो ग्रेजुएशन पूरा करो उसके बाद देखा जाएगा।

यह बात सुनकर सुभाष घई को हैरत भी हुई और खुशी भी हुई। उसके बाद सुभाष गई पहुंचे FTI (एफटीआईआई) पुणे। दरअसल इस इंस्टिट्यूट का नाम उसके पिताजी ने ही सुझाया था

यह बात सुनकर सुभाष घई को हैरत भी हुई और खुशी भी हुई। उसके बाद सुभाष गई पहुंचे FTI (एफटीआईआई) पुणे। दरअसल इस इंस्टिट्यूट का नाम उसके पिताजी ने ही सुझाया था

कॉलेज पूरा होने के बाद इनके पिताजी इनसे कहा कि अगर तुम्हें वाकई में अभिनेता बनना है तो तुम्हें सही जगह से ट्रेनिंग लो

कॉलेज पूरा होने के बाद इनके पिताजी इनसे कहा कि अगर तुम्हें वाकई में अभिनेता बनना है तो तुम्हें सही जगह से ट्रेनिंग लो

बहुत से कम लोगों को पता होगा कि सुभाष गई कॉलेज के दिन हो रेडियो स्टेशन में होने वाले नाटकों में भी काम करना चाहते थे।

बहुत से कम लोगों को पता होगा कि सुभाष गई कॉलेज के दिन हो रेडियो स्टेशन में होने वाले नाटकों में भी काम करना चाहते थे।

पुणे से अपना कोर्स करने के बाद सुभाष भाई मुंबई पहुंचे और वहां पर कुछ गिने-चुने फिल्मों में बतौर अभिनेता अभिनय भी किया। 1967 में हुई रिलीज हुई तकदीर में अच्छा खासा अभिनय किया था।

पुणे से अपना कोर्स करने के बाद सुभाष भाई मुंबई पहुंचे और वहां पर कुछ गिने-चुने फिल्मों में बतौर अभिनेता अभिनय भी किया। 1967 में हुई रिलीज हुई तकदीर में अच्छा खासा अभिनय किया था।

सुभाष घई राजेश खन्ना के साथ नजर आए फिल्म आराधना में जिसमें वह राजेश खन्ना के दोस्त के किरदार निभा रहे थे। 1970 के आसपास के फिल्मों में इन्होंने तो बतौर अभिनेता भी अभिनय किया था।

सुभाष घई राजेश खन्ना के साथ नजर आए फिल्म आराधना में जिसमें वह राजेश खन्ना के दोस्त के किरदार निभा रहे थे। 1970 के आसपास के फिल्मों में इन्होंने तो बतौर अभिनेता भी अभिनय किया था।