डिजिटल करेंसी इन इंडिया, आरबीआई डिजिटल करेंसी, डिजिटल (Digital currency) करेंसी क्या है हिंदी में? इंडिया के डिजिटल करेंसी क्या है? Rbi digital currency kya hai? भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की गई डिजिटल मुद्रा क्या है इसके क्या क्या लाभ है? पर चर्चा करते हुए इससे जुड़ी चुनौतियों का विश्लेषण कीजिए। अभी तक भारत में सरकार ने डिजिटल करेंसी (Digital currency) पर ध्यान नहीं दिया था लेकिन अभी कुछ सालों से डिजिटल करेंसी पर काम चल रहा था और आखिरकार 2022 में इसे लॉन्च भी किया गया।
डिजिटल करेंसी क्या है? What is digital Currency? Digital E–Rupee, E–₹
डिजिटल करेंसी (Digital currency) रुपया का ही इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म है जिसका इस्तेमाल कॉन्टैक्टलेस लेन-देन में किया जाएगा। 2022 के बजट में यूनियन बजट में फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने अनाउंस किया था कि रिजर्व बैंक जल्द ही एक डिजीटल करेंसी लांच करेगी जिसे डिजिटल रुपी या करेंसी कहेंगे। इसको कानूनी राइट्स दिया जाएगा। कुछ लोगों के द्वारा इसे क्रिप्टो करेंसी भी कहा गया है। डिजिटल करेंसी (Digital currency) पर आपको किसी भी तरह का इंटरेस्ट यानि ब्याज नहीं मिलेगा लेकिन हां इसका इस्तेमाल आप शेयर बाजार में कर सकते है।
CBDC क्या है CBDC का full form – Central Bank digital currency या Digital Rupee नोट का ही डिजीटल फॉर्म है जो सेंट्रल बैंक (Central Bank) की तरफ से जारी किया गया है।
Digital currency डिजीटल करेंसी कितने प्रकार की है?
जहां तक रिपोर्ट की माने तो डिजीटल करेंसी (Digital currency) 2 प्रकार की जारी की गई है। जो निम्न है
थोक (Wholesale digital currency ) – (CBDC-W) 1 नवंबर 2022 को जारी किया गया
खुदरा (Retail Digital currency) – (CBDC-R) 1 दिसंबर 2022 जारी किया गया
डिजिटल करेंसी (Digital currency) को दो भागों में रखा गया है जिसका इस्तेमाल रोजमर्रा के लेनदेन में किया जानें वाला है। एक हैं खुदरा यानि Retail currency (CBDC-R) जिसका इस्तेमाल आम लोग कर पाएंगे। जिसे 1 दिसंबर 2022 को आम लोगों के लिए डिजीटल खुदरा करंसी (Retail digital Currency) सेगमेंट को लॉन्च कर दिया गया है पायलट प्रोजेक्ट के तहत अभी सिर्फ 4 शहरो मे लॉन्च किया गया। और दूसरा है।
थोक डिजिटल करेंसी (Wholesale digital currency) (CBDC-W) ये सेगमेंट जिसे 1 नवंबर 2022 को ही पायलेट प्रोजेक्ट के तहत लॉन्च कर दिया था। (Wholesale (CBDC-W) इसका इस्तेमाल बड़ी-बड़ी कंपनियां आपस में करेगी।
खुदरा डिजिटल रुपया (Retail Digital currency – CBDC-R) – खुदरा डिजिटल रुपया (Retail Digital currency) नगदी (Cash) का एक इलेक्ट्रॉनिक संस्करण है, जो मुख्य रूप से खुदरा (Retail) लेनदेन के लिए है। संभावित रूप से सभी निजी क्षेत्र, गैर वित्तीय उपभोक्ता और व्यवसाय द्वारा उपयोग किया जाएगा। जिसे 4 शहर न्यू दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुनेश्वर में 1 दिसंबर 2022 को आम लोगों के लिए Retail digital Currency सेगमेंट को लॉन्च कर दिया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिसके तहत सिर्फ कुछ चुने गए निश्चित क्षेत्र और लोगो के लिए हैं। जो डिजीटल करेंसी को इस्तेमाल करेंगे और उसके बाद सर्वे किया जायेगा की लोग डिजीटल करेंसी को कैसे इस्तेमाल कर रहें हैं।
अच्छे ढंग से डिजिटल करेंसी (Digital currency) को इस्तेमाल कर पा रहे हैं कि नही जिसमे ये देखा जायेगा कि लोग इसको आसानी से इस्तेमाल कर पा रहे हैं कि नही। इस्तेमाल करने में उन लोगों को किसी तरह की समस्या तो नही आ रही और अगर आ रही है तो किस प्रकार की समस्या आ रही है उसको सुलझाया जाएगा उसका समाधान निकाला जायेगा। तत्पश्चात उसको फिर इस्तेमाल किया जाएगा और उसके बाद धीरे धीरे पूरे देश में डिजिटल करेंसी को सभी लोगों के इस्तेमाल के लिए जारी किया जाएगा। Retail (CBDC-R) इसका इस्तेमाल सिर्फ हम लोग आपस में ही कर सकते हैं, जिसमें ग्राहक और व्यापारी के बीच लेनदेन होगा।
डिजीटल करेंसी (Digital currency) काम कैसे करेगी?
वर्तमान में डिजिटल करेंसी (Digital currency) या मुद्रा डिजिटल टोकन के रूप में काम करेगा, जिसमें आपको एक नए वॉलेट की सुविधा मिलेगी जो आपको बैंक की तरफ से मिलेगा और उसमें आपको डिजिटल करेंसी डलवाना पड़ेगा। कागजी मुद्रा और सिक्कों के समान मूल्य वर्ग में डिजिटल करेंसी को आरबीआई (RBI) द्वारा जारी किया जाएगा। जिसका वितरण बैंकों के द्वारा किया जाएगा जिसमें आपका अकाउंट खुला हुआ है या खुला होगा। जिसका इस्तेमाल आप स्मार्टफोन या अन्य डिजिटल उपकरण के माध्यम से वॉलेट के द्वारा ऑनलाइन लेनदेन कर सकते हैं।
इसको इस प्रकार हम समझ सकते हैं जिस प्रकार अभी के समय में नोट है जो कागज के हैं जैसे 500 के हैं 100 के 10 के 5 के 50 के और सिक्के भी हैं जिसको रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जारी किया है तो इसको भी सेंट्रल बैंक जारी करेंगे सेंट्रल बैंक और आरबीआई बैंक तो आपको ये अब डिजिटल फॉर्म में मिलेगा। उसके बाद जिस भी बैंक में आपका अकाउंट होगा जो अभी इस समय में जिसको अधिकार मिला है उसमें से आपको डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल के लिए आपको डिजिटल वॉलेट अकाउंट प्रोवाइड किया जाएगा।
जिसमें आप डिजिटल मुद्रा यानी डिजिटल करेंसी (Digital currency) को रख सकते हैं और उसका इस्तेमाल आप रोजमर्रा के जीवन में लेनदेन के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी की गई कानूनी निविदा, इसको कानूनी राइट्स दिया जाएगा।
यह फिएट करेंसी के समान है, फिजिकल नहीं है।
डिजिटल करेंसी (Digital currency) को कैश के रूप में भी ले सकते हैं।
भुगतान और निपटान के लिए सुरक्षित धन तक पहुंच पेमेंट और सेटलमेंट के लिए सुरक्षित माना गया। इसमें केंद्रीय बैंक (Central Bank) की प्रत्यक्ष लायबिलिटी (Liability – देयता) जुड़ी हुई है।
डिजिटल करेंसी (Digital currency) के माध्यम से क्यूआर कोड के माध्यम से पेमेंट संभव है यानी पेमेंट किया जा सकता है।
UPI और डिजीटल करेंसी (Digital currency) में फर्क क्या है?
अभी के समय में यानि वर्तमान में जो ऑनलाइन पेमेंट UPI पेमेंट, QR पेमेंट के द्वारा जो हमलोग पेमेंट करते हैं वो चाहे Phonepay हो, गूगल पे, एमेजॉन पे हो, पेटीएम हो, Bhim UPI हो या फिर कोई भी अन्य ऑनलाइन पेमेंट हो। इससे भी तो इंस्टेंट पेमेंट होता है तो फिर इसमें और डिजीटल करेंसी (Digital currency)में फर्क क्या रहा। यूपीआई या QR बारकोड के माध्यम से जो पेमेंट करते हैं और जो अभी डिजिटल करेंसी आई है उस में क्या फर्क है? अभी जो चल रहा है यूपीआई के माध्यम से जो पेमेंट करते हैं अगर उसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी होती है तो उसका जवाबदेही आरबीआई (RBI) नहीं होता है बल्कि वह निजी कंपनी होता है जिसके माध्यम से आपने ऑनलाइन लेनदेन किया है।
लेकिन अब अगर किसी भी तरह की गड़बड़ी होती है डिजिटल करेंसी लेनदेन में तो उसका जवाबदेही सीधा आरबीआई को देना होगा, और उसका समाधान भी आरबीआई करेगी। डिजिटल करेंसी कैश की ही तरह है वह आपका है जिसका इस्तेमाल आप कभी भी कहीं भी कर सकते हैं। इसके मदद से आप व्यक्ती से व्यक्ती के डिजिटल वॉलेट में कर सकते है। और व्यक्ति से व्यापारी के डिजिटल वॉलेट में पेमेंट कर सकते हैं। अभी जो हमलोग ऑनलाइन लेनदेन कहीं भी करते हैं तो उसका रिकॉर्ड आरबीआई के पास नही होता है की आपने जो ऑनलाइन लेनदेन किया है,
वह किस मकसद से और किस काम के लिए किया गया है वह चीज आरबीआई को पता नहीं होती है। लेकिन अब जो डिजिटल करेंसी आई है उसका इस्तेमाल आप ऑनलाइन करते हैं तो इससे आरबीआई को पता चल जाएगी कि आपने जो ऑनलाइन करेक्शन किया है डिजिटल करेंसी के रूप में वह किस मकसद से और किस काम के लिए किया है वह आरबीआई को बड़े आसानी से पता चल जाएगी तो इससे क्या फायदा होगा।
भौतिक नकदी जैसा विश्वास सुरक्षा और सेटलमेंट की सुविधा आरबीआई ने मुहैया करवाई है जिसमें सेटलमेंट बहुत कम समय में हो जाएगा पहले क्या होता था यूपीआई में पैसा अकाउंट से कट जाने के बाद दूसरे के पास नहीं पहुंचता था वह बीच में फंस जाती थी जिसको रिफंड कराने में काफी समय लग जाता था। डिजिटल मुद्रा में किसी भी तरह का ब्याज या इंटरेस्ट नहीं मिलेगा। इसको दोबारा से डिजिटल करेंसी को सेविंग या करंट अकाउंट में जमा करवा सकते हैं एफडी करवा सकते हैं ये सब संभव है।
पायलट प्रोजेक्ट क्या है, या क्या होता है?
पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुछ निश्चित क्षेत्र और कुछ गिने चुने लोगों को ही चुना जाता है, जो सरकार पर निर्भर करती हैं कि सरकार ट्रायल के लिए किसको किसको चुनती हैं और कहां से चुनती हैं। वहां पर पायलट प्रोजेक्ट निश्चित समय के लिए लॉन्च किया जाता है उसका इस्तेमाल किया जाता है और उसके बाद इस्तेमाल किए गए लोगों से जानकारी इकट्ठा की जाती है उनकी समस्याओं के बारे में जाना जाता है उन्हें चलाने में किसी भी तरह की दिक्कतों का सामना तो नहीं करना पड़ रहा है अगर ऐसा है तो उसे तुरंत सुलझाने का प्रयास किया जाता है। जब तक यह प्रोजेक्ट सफल पूर्वक नहीं हो जाता किसी भी तरह की समस्या नहीं आती है तो उसके बाद यह सभी क्षेत्रों में लॉन्च कर दिया जाता है।
piolet project : पायलट लॉन्च की आवश्यकता क्यों थी?
रियल टाइम में डिजिटल रुपया का परीक्षण, निर्माण वितरण खुदरा ऊपर की पूरी प्रक्रिया की मजबूती, भविष्य के पायलटों में अनुप्रयोगों का परीक्षण।
डिजिटल करेंसी के आने से क्या-क्या लाभ और फायदे हैं
भौतिक नकदी प्रबंधन में शामिल परिचालन लागत में कमी यानी नोटों की छपाई उसके बाद फिर उसका अलग-अलग बैंकों कैश मुहैया करवाना बहुत लंबा प्रोसेस हो जाता था। डिजिटल करेंसी आने डिजिटल ई रुपी के आ जाने से यह सब समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा इसको छापने में भी उतना लागत नहीं आएगी। वित्तीय समावेशन को बढ़ावा, जहां पर कैश लाने ले जाने पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था जहां पर बैंक नहीं है। वहां पर भी डिजिटल करेंसी का उपयोग आसानी से किया जा सकता है। भुगतान प्रणाली में लचीलापन, दक्षता और नवीनता यानी कुछ नया भी आएगी।
सेटलमेंट प्रक्रिया में मजबूती पैसे को जो लेनदेन होगा वह बहुत ही कम समय में और तुरंत होगा इसमें पैसा फंसने की उम्मीद नहीं है। निजी आभासी मुद्रा से संबंधित जोखिमों से बचाव, अभी के समय में जो करेंसी चल रही है उससे बचा सकता है जो जोखिम होती थी कैश वगैरह रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बाकी पेमेंट वॉलेट की तरह डिजिटल वॉलेट में बहुत कम समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है वॉलेट में इसमें उस तरह की समस्या नहीं आने वाली है।
से आरबीआई को क्या फायदा है?
डिजिटल करेंसी के आ जाने सेबिटकॉइन इथर जैसी निजी क्रिप्टोकरंसी,मनी लॉन्ड्रिंग टेरर आतंकवादी फाइनेंसिंग टैक्स चोरी से बचा जा सकता है। डिजिटल मुद्रा के लाभ को बढ़ाना जोखिमों को कम करना। अभी के समय में जो रुपया है वह फिजिकल के रूप में है अगर हम किसी को अकाउंट में भेजते हैं तो कहीं नहीं कहीं उसे वह पैसा बैंक से फिजिकल के रूप में करेंसी के रूप में निकालने की आवश्यकता पड़ ही जाती है।
अभी किन-किन बैंकों को डिजिटल करेंसी वॉलेट देने का अधिकार मिला है?
डिजिटल करेंसी को इस्तेमाल करने के लिए अभी तक सिर्फ 4 बैंकों को ही आधिकारिक तौर पर अधिकार मिला है ऑथराइज मिली है कि वह लोगों को डिजिटल वाले बना कर दे। जिसके जरिए डिजिटल करेंसी यानी डिजिटल मुद्रा को डिजिटली तरीके से ऑनलाइन इस्तेमाल कर सके।
जिस बैंक के माध्यम से आप डिजिटल करेंसी को इस्तेमाल कर पाएंगे वो मे बैंक निम्नलिखित है –
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India)
आईडीएफसी (IDFC First Bank)
आईसीआईसीआई (ICICI) और
येस बैंक (Yes Bank) है।
प्रोजेक्ट सफल होने के बाद किन शहरों में डिजिटल करेंसी को जारी किया जाएगा?
4 शहर न्यू दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुनेश्वर में जब इन चार शहरों में डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल सफल पूर्वक सही तरीके से सफल हो जाएगा तो उसके बाद डिजिटल करेंसी को अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला जैसे शहरों में भी डिजिटल करंसी को इस्तेमाल के लिए लांच किया जाएगा। और फिर उसके बाद कुछ और बैंकों को डिजिटल मुद्रा का इस्तेमाल के लिए जोड़ा जाएगा
जिसके माध्यम से लोग डिजिटल मुद्रा को बैंक के माध्यम से जोड़कर इस्तेमाल कर सकते हैं जिसमें बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India, एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और कोटक महिंद्रा बैंक Kotak Mahindra Bank) जैसे को शामिल किया जाएगा।
डिजिटल मुद्रा या डिजिटल करेंसी वॉलेट काम कैसे करेंगे
अभी जो आप ऑनलाइन यूपीआई के जरिए इस्तेमाल करते हैं पैसे भेजते हैं वह आपका पैसा डायरेक्ट बैंक से लिंक होता है और अकाउंट से पैसा कट जाता भेजने के बाद लेकिन अब ऐसा नहीं होगा अगर आप बैंक जाते हैं तो पैसा निकालना चाहते हैं तो पैसा निकाल सकते लेकिन अगर आपको डिजिटल करेंसी चाहिए तो आपको बैंक में जाकर शायद वहां पर आपको बैंक अधिकारी से अपने वॉलेट में डिजिटल करेंसी को डलवाने को बोलना पड़ सकता है। और आप वॉलेट में कितना रुपए का डिजिटल करेंसी डलवाना चाहते हैं वह आपके वॉलेट में डाल दिया जाएगा।
वर्तमान समय में जो आपका पैसा है पेटीएम बैंक वॉलेट मे में या किसी भी बैंक में वो पैसा डूबने के बाद रिफंड होने मे काफी समय लग सकता है, या फिर वह पैसे आपको कभी मिले ही ना, ये मैं एक example बता रहा हूं। मान ले ऐसा तो होगा नही लेकिन कभी भविष्य में हो भी सकता है। कोई बैंक दिवालिया घोषित हो जाए। लेकिन जो आपका ये डिजिटल करेंसी हैं ये नही डूबेगा एक बार डिजिटल करेंसी आपका वॉलेट मे आ जाने के बाद इसका इस्तेमाल कभी भी किसी वक्त किया जा सकता है जिसकी जिम्मेवारी आरबीआई (RBI) के पास है और हो सकता इससे ऑनलाइन फ्रॉड भी रुक जाए। अभी कुछ सही तरीके से कहा नही जा सकता।
एक साथ पूरे देश में digital currency को क्यों नही जारी किया गया?
इसका मुख्य वजह या कारण ये है कि अगर किसी भी तरह की डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल में गड़बड़ी पाई जाती है तो उन सब समस्याओ का सामना सभी लोगों को उठाना न पड़े और उस गड़बड़ी को ठीक करने में ज्यादा वक्त ना लग जाए। बल्कि उसको तुरंत उस समस्या का समाधान कर फिर से इस्तमाल के लिए जारी रखा जा सके। एक साथ डिजिटल करेंसी को जारी कर देने से अगर गलती से कोई बड़ी चूक हो जाए और उससे सभी के डिजिटल करेंसी के वॉलेट में समस्या आ जाए जिस को ठीक करने में जिसको रिकवर करने में काफी समय लग सकता है।
और अगर यही सिर्फ चुने हुए लोगो के digital currency वॉलेट मे किसी भी तरह की समस्या आती हैं तो उसका समाधान निकाल कर तुरंत रिकवर किया जा सकता है और फिर पुन से इस्तेमाल के लिए डिजिटल करेंसी को लाया जा सकता है।
डिजिटल करेंसी को कौन-कौन इस्तेमाल कर सकता है?
तो डिजिटल करेंसी को अभी कुछ चुने गए क्षेत्रों में ही जारी किया गया है यह अभी सभी लोगों के लिए नहीं जारी किया गया है। जब चुने गए जगह पर पायलट प्रोजेक्ट सफल पूर्वक हो जाएगा किसी भी तरह की इसमें समस्या नहीं आएगी तो यह सभी क्षेत्रों में सभी लोगों के लिए लांच कर दिया जाएगा। उसके बाद लोग इसका इस्तेमाल कर सकते हैं जिसका भी बैंक में अकाउंट होगा बैंक के द्वारा उन्हें एक डिजिटल वॉलेट बना कर दिया जाएगा उसके बाद उसमें आप डिजिटल करेंसी को डलवा सकते हैं और उसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
डिजिटल भारत क्या है? डिजिटल तकनीक के माध्यम से आर्थिक व्यापार को बढ़ावा देना, कम से कम समय में ज्यादा काम डिजिटल तकनीक से करना।
भारत की डिजिटल करेंसी क्या है?
भारत की पहली डिजिटल करेंसी का नाम डिजिटल ई-रुपी (E- Digital Rupee, Digital E-₹) है जिसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI -reserve Bank of India) ने 1 नवंबर 2022 को Wholsale डिजिटल करेंसी को लॉन्च किया ओर 1 दिसम्बर को खुदरा यानी Retail Digital currency सेगमेंट को लॉन्च किया। पायलट प्रोजेक्ट के माध्यम से अलग अलग चीजों के लिए डिजिटल करेंसी को इस्तेमाल किया जाना है।
डिजिटल रुपए की कीमत क्या है?
डिजिटल रुपए की कीमत जो अभी भारतीय रुपए की चल रही है माना कि 100 का नोट है तो आपको ₹100 का एक टोकन डिजिटल के रूप में मिल जाएगा। जो आपको वॉलेट में मिलेगा जिसका इस्तेमाल आप कहीं भी कर सकते हैं।
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